Sunday, December 22, 2024
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‘अमेरिकी राष्ट्रपति पद के सबसे होनहार उम्मीदवार’: एलन मस्क भी हुए मुरीद, जानिए कौन हैं रिपब्लिकन पार्टी के नेता विवेक रामास्वामी, केरल से है नाता

रामास्वामी ने कहा था, “शी जिनपिंग तानाशाह हैं और चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मुझे लगता है कि मैं चीन से आर्थिक स्वतंत्रता के एलान के लिए साफ रास्ता अपनाने वाला सबसे स्पष्ट उम्मीदवार हूँ। यह हमारी नीति का पहला कदम होगा।”

टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने शुक्रवार (18 अगस्त) को ट्वीट कर अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी (GOP) के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी की तारीफ के पुल बाँधे। मस्क ने भारतीय अमेरिकी राजनेता रामास्वामी का दिल खोलकर समर्थन किया। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा कि 2024 के राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए रामास्वामी बहुत होनहार उम्मीदवार हैं।

अपने दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, “वह अपनी धारणाओं को साफ तौर पर जाहिर करते हैं।” मस्क की ओर से रामास्वामी के समर्थन में एक ही दिन में किया गया ये दूसरा ट्वीट है। अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रामास्वामी का मुकाबला अपने प्रतिद्वंद्वी फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसेंटिस से है।

अब वहाँ पहली रिपब्लिकन प्राइमरी बहस में एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। ऐसे में उन्होंने सार्वजनिक बैठकों और साक्षात्कारों के साथ अपना अभियान तेज कर दिया है। दरअसल रामास्वामी ने राजनीतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों को आगे बढ़ाने की कॉर्पोरेट कोशिशों का विरोध कर अमेरिका के दक्षिणपंथी हलकों में अपना नाम कमाया है।

उन्होंने इस साल 21 फरवरी को फॉक्स न्यूज के एक शो में 2024 के राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान किया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि वे नए अमेरिका के ख्वाब को पूरा करने के लिए सांस्कृतिक आंदोलन शुरू करने के पक्षधर हैं।

रामास्वामी का कहना था कि वो मानते हैं कि अगर उनके पास एक दूसरे को बाँधे रखने के लिए कुछ बड़ा नहीं है तो विविधता का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने उच्च शिक्षा को मजबूत करने और चीन पर अमेरिका की आर्थिक निर्भरता को कम करने की बात भी कही।

महज 38 साल के मल्टी मिलेनियर बायोटेक कारोबारी अपनी उत्तेजक बयानबाजी से रिपब्लिकन पार्टी में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अपने फेसबुक अकाउंट के बायो में भी उन्होंने ‘अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार, कठोर सत्य बोलना, साहस संक्रामक है’ लिखकर अपने इरादे जाहिर किए हैं।

फोर्ब्स ने अप्रैल 2023 में उनकी कुल संपत्ति $630 मिलियन आँकी थी। उन्होंने ये संपत्ति आमदनी बायोटेक और वित्तीय कारोबार से अर्जित की है। यूँ ही एलन मस्क उनके मुरीद नहीं हैं। ‘वोक इंक’ किताब के इस लेखक की खासियतों की फेहरिस्त लंबी हैं। कारोबार से राजनीति में कदम रखने वाले विवेक गणपति रामास्वामी भारत के साथ भी गहराई से जुड़े हैं।

आप्रवासी भारतीय पेरेंट्स से मिली जीवन मूल्यों की शिक्षा

विवेक गणपति रामास्वामी का जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका के सिनसिनाटी, ओहायो में भारतीय आप्रवासी माता-पिता के घर 9 अगस्त 1985 को हुआ था। वहीं वो पले-बढ़ें। उनके पिता वीजी रामास्वामी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कालीकट से ग्रेजुएट थे। वो जनरल इलेक्ट्रिक के लिए एक इंजीनियर और पेटेंट वकील के तौर पर काम करते थे।

उनकी माँ गीता रामास्वामी, मैसूर मेडिकल कॉलेज और रिसर्च इंस्टीट्यूट से ग्रेजुएट थीं। वो बजुर्गों की मनोचिकित्सक थीं। मूल रूप से उनका परिवार केरल से वास्ता रखता है। उनके माता-पिता केरल के पलक्कड़ जिले से आकर अमेरिका में बस गए थे। केरल के वडक्कनचेरी शहर में उनका पैतृक घर था।

बड़े होने के दौरान रामास्वामी अक्सर अपने परिवार के साथ डेटन, ओहियो के स्थानीय हिंदू मंदिर में जाया करते थे। उनके पियानो टीचर पारंपरिक ईसाई थे। वे ही उन्हें प्राइमरी से हाईस्कूल तक निजी तौर पर पढ़ाया था। इससे रामास्वामी के सामाजिक विचारों पर खासा असर पड़ा था। उनकी गर्मियों की छुट्टियाँ अक्सर माता-पिता के साथ भारत की यात्रा में बीतती थीं और वो अपनी इस भारतीय पहचान को बहुत गर्व से स्वीकार करते हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रामास्वामी ने जून में आयोवा में कहा था कि वह भारतीय अप्रवासियों की संतान हैं और उन्हें ‘विशेषाधिकार प्राप्त’ है। अपनी इस बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने ये भी कहा था कि उनके माता-पिता ऐसे हैं, जिनका ध्यान शिक्षा, उपलब्धि और जीवन के वास्तविक मूल्यों पर था।

इसी परवरिश की वजह से उन्हें हार्वर्ड और येल जैसे विश्वविद्यालयों में जाने और उनके वैज्ञानिक बनने की नींव पड़ी थी। उन्होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से जीव विज्ञान में स्नातक की डिग्री ली और बाद में हेज फंड की दुनिया में अपना नाम कमाया। उन्होंने येल लॉ स्कूल से डॉक्टर ऑफ लॉ की डिग्री ली।

बायोटेक कंपनी की स्थापना की

विवेक रामास्वामी ने साल 2014 में बायोटेक कंपनी रोइवंत साइंसेज की स्थापना की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने बायोटेक में निवेश किया और उच्च जोखिम वाली प्रिस्क्रिप्शन दवाओं को विकसित करने के विचार से प्रभावित हुए। उन्होंने अपना सारा ध्यान फार्मास्युटिकल दिग्गजों के रखे पेटेंट को खंगालने, व्यावसायिक वजहों से छोड़ दी गई दवाओं की खोज करने में लगा दिया।

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, उन्होंने डेवनपोर्ट, आयोवा में एक निर्माण फर्म की सभा में कहा था, “मैंने कई दवाएँ विकसित कीं। इनमें से एक पर मुझे सबसे अधिक गर्व है, जो बच्चों के लिए एक थेरेपी है। हर साल 40 बच्चे इस आनुवंशिक बीमारी के साथ पैदा होते हैं और इलाज के बगैर 3 साल तक की उम्र में आते-आते मर जाते हैं।”

उन्होंने 2021 में रोइवंत के सीईओ का पद छोड़ दिया। हालाँकि, साल 2023 तक वो इसके अध्यक्ष बने रहे। वो 2022 में स्ट्राइव एसेट मैनेजमेंट के को-फाउंडर रहे। यह एक निवेश फर्म है जो राजनीतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों को आगे बढ़ाने की कॉर्पोरेट कोशिशों का विरोध करती है।

राजनीतिक दृष्टिकोण

रिपब्लिकन नेता रामास्वामी ने ये संकेत दिया है कि वो अपने चुनावी अभियान में नस्लवाद और कट्टरता के खिलाफ जोर देंगे। उन्होंने कहा था, “अमेरिका एक व्यवस्थित नस्लवादी राष्ट्र है। यदि आप काले हैं तो आप स्वाभाविक रूप से वंचित हैं। यदि आप श्वेत हैं तो आप स्वाभाविक रूप से विशेषाधिकार प्राप्त हैं।” उन्होंने कहा कि अमेरिका पीड़ितों से भरा पड़ा है।

उन्होंने अपने विपक्षी दल डेमोक्रेटिक पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे मानते हैं कि सरकार को कारोबारों का नियंत्रित करने और अर्थव्यवस्था के प्रबंधन में एक छोटी भूमिका निभानी चाहिए। वे आम तौर पर आर्थिक उदारीकरण का समर्थन करते हैं और गरीबों की मदद के लिए आमदनी को फिर से बाँटने के कल्याणकारी कार्यक्रमों का विरोध करते हैं।

रिपब्लिकन पार्टी के इतिहास में अब तक के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी रामास्वामी ने कहा, “हम राष्ट्रीय पहचान के संकट के बीच में हैं। विश्वास, देशभक्ति और कड़ी मेहनत गायब हो गई है, केवल नए धर्मनिरपेक्षवाद जैसे कि कोविडवाद, जलवायुवाद और लैंगिक विचारधारा आदि अपना प्रभाव दिखा रही हैं।”

एलन ने की एक दिन में दो बार तारीफ

राजनीतिक टिप्पणीकार टकर कार्लसन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर रामास्वामी का पूरा इंटरव्यू शेयर किया और कहा, “विवेक रामास्वामी अब तक के सबसे कम उम्र के रिपब्लिकन राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। वह सुनने लायक हैं।” 

इसी पोस्ट पर एक्स के मालिक एलन मस्क ने कहा, “वह बहुत ही होनहार उम्मीदवार हैं।” इसे लिखे जाने तक मस्क की पोस्ट को 16 मिलियन से अधिक इंप्रेशन मिले हैं। एलन ने अपने एक ही दिन में दूसरे ट्वीट में अप्रत्यक्ष तौर से रामास्वामी के विचारों का समर्थन किया है। इसमें उन्होंने कहा कि ‘वह अपने विचारों को साफगोई से रखते हैं’।

रामास्वामी ने चीन को अमेरिका के सामने मौजूद ‘सबसे बड़ा खतरा’ बताया है और कहा है कि अगर वह सत्ता में आए तो बीजिंग के साथ ‘पूरी तरह से रिश्ते खत्म कर’ करेंगे। रिपब्लिकन नेता ने यह भी कहा है कि उनका मकसद प्रशांत क्षेत्र में व्यापार को पूरी तरह से फिर से शुरू करना और भारत, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के साथ व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करना होगा।

इससे पहले, फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में रामास्वामी ने कहा था, “शी जिनपिंग तानाशाह हैं और चीन संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मुझे लगता है कि मैं चीन से आर्थिक स्वतंत्रता के एलान के लिए साफ रास्ता अपनाने वाला सबसे स्पष्ट उम्मीदवार हूँ। यह हमारी नीति का पहला कदम होगा।”

बताते चलें कि एलन मस्क ने जून में चीन की यात्रा की थी और अपने व्यवसाय के विस्तार के बारे में कहा था। इसके बाद विवेक रामास्वामी ने एलन मस्क की आलोचना की थी। तब उन्होंने कहा था कि चीन टीम कुक जैसे लोगों का इस्तेमाल कठपुतलियों की तरह कर रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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