Saturday, November 16, 2024
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चीन में फर्जी कोरोना वैक्सीन का भंडाफोड़, गिरफ्तार कोंग ने नमक पानी का डोज बनाकर कमाए करोड़ों

चीनी अधिकारियों ने फेक वैक्सीन मामले में कोंग नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। जो कि फर्जी कोविड वैक्सीन के धंधे का सरगना है। पूछताछ में पता चला कि कोरोना काल के दौरान आरोपित ने वैक्सीन की आड़ में करोड़ो की मोटी कमाई की है।

दुनिया भर को जानलेवा कोरोना वायरस महामारी की ‘सौगात’ देने वाले चीन ने अब इसकी वैक्सीन को लेकर गड़बड़ घोटाला किया है। चीन में नकली कोविड वैक्सीन के धंधे का भंडा-फोड़ हुआ है। आरोप है कि कोंग नाम के शख्स ने सलाइन और मिनरल वाटर के मिश्रण को मिलाकर 58000 डोज बनाई और इसे एंटी-कोविड वैक्सीन बताकर टुकड़ों में अस्पताल सहित कई इलाकों में सप्लाई किया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी अधिकारियों ने फेक वैक्सीन मामले में कोंग नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है। जो कि फर्जी कोविड वैक्सीन के धंधे का सरगना है। पूछताछ में पता चला कि कोरोना काल के दौरान आरोपित ने वैक्सीन की आड़ में करोड़ो की मोटी कमाई की है।

डेली मेल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इस पूरे अवैध धंधे से कोंग के गैंग ने करीब 20 करोड़ 17 लाख रुपए कमा लिया था। नकली वैक्सीन घोटाले में अब तक अधिकारियों ने 70 लोगों को गिरफ्तार किया है। पिछले साल ही उजागर हुए इस फेक वैक्सीन मामले में कुल 21 केस दर्ज किए गए है। चीन की राजधानी बीजिंग समेत कई प्रांतों की पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर छापा मारते हुए संदिग्ध आरोपितों को हिरासत में लिया है।

पुलिस को जाँच में पता चला कि पिछले साल से ये लोग नकली वैक्सीन बेचने में लगे हुए थे। बाजार में नमक के पानी से भरे इंजेक्शन बेचकर इन्होंने मोटा पैसा कमाया है। कोरोना वैक्सीन के नाम पर इस गिरोह ने भारी कीमत पर फर्जी टीका बेचा और खूब लाभ कमाया।

रिपोर्ट के अनुसार, महामारी के चलते लोगों के डर का फायदा उठाते हुए कोंग के गैंग ने अगस्त 2020 से फर्जी वैक्सीन के घोटाले की शुरुआत की थी। लोगों ने न केवल कोरोना के डर से फर्जी वैक्सीन पर आँख मूँद कर विश्वास किया बल्कि इसके लिए इस गैंग को मुँह माँगी कीमत भी दी।

33 वर्षीय कोंग और उसके दो साथियों ने पूरी प्लानिंग के साथ इस पूरे फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है। लोगों को शक न हो इसके लिए उन्होंने हूबहू असली वैक्सीन की पैकेजिंग की तरह ही अपने नकली डोज को तैयार किया। यह भी पता चला है कि एक बैच में इन लोगों ने 600 फर्जी वैक्सीन हॉन्ग कॉन्ग भी भेजी थी। इसके बाद अन्य देशों में इसे बेचने का सिलसिला शुरू हो गया।

चीन ने महीनों से चल रहे इस रैकेट के बारे में आधिकारिक तौर पर बुधवार (फरवरी 17, 2021) को खुलासा किया। बयान में बताया गया है कि फर्जी वैक्सीन को लेकर संदिग्ध लोगों की गिरफ्तारी 25 दिसंबर 2020 को ही हुई थी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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