एक अमेरिकी कंपनी ने दो मिनट के गूगल मीट कॉल में पूरे स्टाफ की छंटनी कर दी है। फ्रंटडेस्क नाम की इस कंपनी ने 200 से अधिक कर्मचारियों को एक झटके में बाहर का रास्ता दिखा दिया। फ्रंटडेस्क के सीईओ ने कंपनी के कामकाज के लिए अमेरिकी सरकार से मदद माँगी है, ताकी कंपनी को दिवालिया होने से बचाया जा सके।
फ्रंटडेस्क के सीईओ जेसी डीपिंटो ने गूगल मीट कॉल के दौरान अपने कर्मचारियों को बताया कि कंपनी स्टेट रिसीवरशिप के लिए आवेदन कर रही है। दरअसल अमेरिका में यह प्रक्रिया दिवालियापन की वैकल्पिक व्यवस्था है। फ्रंटडेस्क एक स्टार्टअप है, जो अपार्टमेंट को किराए पर देने का काम करती है। कंपनी 30 से ज्यादा मार्केट में ऑपरेट करती है।
टेक क्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रंटडेस्क कंपनी ने जिन कर्मचारियों को निकाला है, उनमें फुलटाइम, पार्टटाइम और कॉन्ट्रैक्टर्स शामिल हैं। कंपनी की शुरुआत साल 2017 में हुई थी और यह कंपनी अमेरिका में 1200 से ज्यादा फर्निश्ड अपार्टमेंट मैनेज करती है। बीते कुछ समय से कंपनी बढ़ती लागत और डिमांड में भारी उतार-चढ़ाव के चलते चुनौतियों का सामना कर रही है।
फ्रंटडेस्क कंपनी ने निवेशकों से करीब 26 मिलियन डॉलर (लगभग 216 करोड़ रुपए) का निवेश हासिल किया था। इस कंपनी के निवेशकों में कई बड़े निवेशक भी शामिल हैं। यह कंपनी निवेशकों से और पैसे जुटाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसमें सफल नहीं हो पाई। ऐसे में कंपनी ने अपने स्टाफ की छंटनी का फैसला किया।
बता दें कि दो साल पहले भारतीय मूल के एक सीईओ ने जूम कॉल पर 900 कर्मचारियों का कॉन्फ्रेंस किया था। Better नाम की इस कंपनी के सीईओ विशाल गर्ग ने कॉन्फ्रेंस कॉल में शामिल सभी 900 कर्मचारियों को निकाल दिया था। उस समय वो कंपनी काफी चर्चा में रही थी। अब ऐसा ही कदम फ्रंटडेस्क कंपनी के सीईओ ने उठाया है।