मंगलवार (2 जनवरी, 2024) की रात इजरायल के सुरक्षा बलों ने एक ड्रोन स्ट्राइक से लेबनान की राजधानी के बेरुत के भीतर छुपे बैठे इस्लामी आतंकी संगठन हमास के डिप्टी लीडर सलाह अल अरूरी को मार गिराया है। अरूरी फिलिस्तीन से बाहर रह कर आतंकी गतिविधियों का संचालन करता था। उसकी मौत की पुष्टि हमास ने कर दी है।
जानकारी के अनुसार, जब अरूरी पर हमला हुआ तब वह लेबनान की राजधानी बेरुत के दक्षिणी रिहायशी इलाके में स्थित हमास के दफ्तर में था। यह दफ्तर एक तीन मंजिला इमारत में बनाया गया था और इस पर इजरायल ने एकदम निशाना लगाकर वार किया, हमले में सलाह अल अरूरी समेत 7 लोगों के मारे जाने की सूचना सामने आई है।
लेबनान के जिस इलाके में अरूरी की मौत हुई वह शिया मुस्लिमों का आतंकी संगठन हिज्बुल्ला का गढ़ माना जाता है। उसकी मौत को हमास ने कायरतापूर्ण हमला बताया है। हमास के प्रवक्ता ने कहा है कि इजरायल का यह हमला गाजा में उसकी विफलता को दिखाता है। इजरायली सुरक्षा बलों ने इस मामले पर मीडिया को कोई जवाब नहीं दिया है।
इजरायल ने कहा है कि जिसने भी उसे मारा है, उसने एक सर्जिकल स्ट्राइक की है। इजरायल ने अभी इस हमले की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया है। हालाँकि, अमेरिकी समाचार पत्रों से बातचीत में अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि हमला इजरायल ने ही किया था।
सोशल मीडिया पर चल रही तस्वीरों में दावा किया गया है कि अरूरी पर किया गया हमला इतना तेज और असरदार था कि बाद में पहुँची टीम को सिर्फ उसका हाथ मिला। अरूरी की मौत पर फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक वाले हिस्से में बुधवार को हड़ताल की घोषणा की है। बताया जा रहा है कि वहाँ कम से कम 2 लोगों के शरीर के टुकड़े बिखरे हुए थे। लोगों ने हमले से पहले ड्रोन की आवाज़ भी सुनी।
कौन था हमास का आतंकी सलाह अल अरूरी, जिसे इजरायल ने मारा?
इजरायल के हमले में मारा जाने वाला 57 वर्षीय अरूरी हमास में नंबर 2 की हैसियत रखता था। वह हमास के मुखिया इस्माइल हानियेह के बाद इस आतंकी संगठन का सबसे बड़ा नेता था। उसी ने हमास की आतंकी कासेम ब्रिगेड की नींव रखी थी। वह पिछले डेढ़ दशक से लेबनान में रह रहा था।
1966 में वेस्ट बैंक में जन्मा अरूरी 1987 में हमास में शामिल हुआ था। वह दो बार इजरायल में जेल भी जा चुका है लेकिन इजरायल और फिलिस्तीनी समूहों के बीच बातचीत के कारण उसे दोनों बार छोड़ दिया गया। वह सीरिया, तुर्की, लेबनान और कतर जैसे देशों में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देता था।
अरूरी को ईरान का करीबी माना जाता है। माना जाता है कि हमास और शिया आतंकी संगठन हिजबुल्ला के बीच उसी ने रिश्तों को बढ़ाया था। वह हिजबुल्ला के नेता के नसरल्लाह के साथ भी हाल ही में नजर आया था। उस पर लगभग 40 करोड़ रुपए का ईनाम अमेरिका ने भी रखा हुआ था।
इजरायल ने अरूरी समेत पूरे हमास को नेतृत्व को साफ़ करने का प्रण 7 अक्टूबर, 2023 के बाद से लिया था। इसी क्रम में वह एक एक करके उनका सफाया कर रहा है। 7 अक्तूबर, 2023 को इस्लामी आतंकी संगठन ने गाजा से इजरायल पर एक हमला किया था जिसमें 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इसके बाद से इजरायल लगातार हमास के आतंकियों का सफाया कर रहा है।