Sunday, November 17, 2024
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भारत के साथ रिश्ते सुनहरे दौर में, अवैध रूप से रह रहे हर बांग्लादेशी को बुलाएँगे: पीएम शेख हसीना का सलाहकार

"पाकिस्तान केवल भारत ही नहीं अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ भी साजिश रचता है।कड़े संघर्ष के बाद मिली आजादी को पाकिस्तानी से मोहब्बत रखने वाले खत्म करने और विफल करने की कोशिश में हैं। इन साजिशों को सफल नहीं होने दूॅंगी।"

तुष्टिकरण और निहित राजनीतिक स्वार्थों के कारण देश के भीतर भले कुछ ताकतें घुसपैठियों की ढाल बनने की कोशिश कर रहे हों, लेकिन बांग्लादेश ने फिर दोहराया है कि अवैध रूप से भारत में रह रहे अपने हरेक नागिरक को वह वापस बुलाएगा। उसने कहा है कि अगर भारत में किसी भी बांग्लादेशी नागरिक के अवैध रूप से रहने का सबूत दिया जाता है तो उसे वापस बुलाया जाएगा। यह बात बांग्लादेशी प्रधानमंत्री शेख हसीना के अंतरराष्ट्रीय मामलों के सलाहकार गौहर रिजवी ने कहा है।

इससे पहले बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने रविवार (दिसंबर 15, 2019) को यही बात कही थी। उन्होंने कहा था कि हमने भारत से अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की सूची मुहैया कराने का अनुरोध किया है। भारत द्वारा सूची मुहैया कराने पर उन नागरिकों को लौटने की मॅंजूरी दी जाएगी।

इसी कड़ी में अब रिजवी ने कहा है, “हम भारत में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों को वापस बुलाएँगे, लेकिन भारत को इसका सबूत देना होगा। यह मानक प्रक्रिया है। मुझे नहीं लगता कि इसे कोई मुद्दा बनाने की जरूरत है।” उन्होंने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) और नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को भारत का आंतरिक मामला बताते हुए यह बात कही।

इनका संबंधों पर असर पड़ने की बात को भी रिजवी ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रिश्ते इस वक्त सुनहरे दौर में हैं। बकौल रिजवी, “हमारी दोस्ती पिछले 50 वर्षों से है। भारत हमेशा हमारे साथ है और भविष्य में भी रहेगा। दुनिया में बहुत कम ऐसे उदाहरण हैं जहॉं एक देश के लोगों ने दूसरे देश की आजादी के लिए खून बहाया हो। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा से सहिष्णु और धर्मनिरपेक्षता में यकीन करने वाला मुल्क रहा।”

रिजवी और मोमेन का बयान ऐसे वक्त में आया है जब दावा किया जा रहा था कि एनआरसी और सीएए को लेकर बांग्लादेश खुश नहीं है। इसका भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर असर पड़ने की बात भी कही जा रही थी। मोमेन का भारत दौरा रद्द होने की वजह भी यही बताया जा रहा था। लेकिन, मोमेन ने भारत के साथ मजबूत संबंधों का हवाला देकर तमाम अटकलों को खारिज कर दिया था।

बता दें कि 30 अगस्त को NRC की अंतिम लिस्ट प्रकाशित हुई थी। इसके लिए 3.3 करोड़ आवेदकों ने आवेदन किया था। जिसमें से 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सितंबर में न्यूयॉर्क में द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ NRC का मुद्दा उठाया था। हालाँकि भारत ने बता दिया कि यह मुद्दा देश का आंतरिक मामला है।

इस बीच, प्रधानमंत्री शेख हसीना के हवाले बांग्लादेशी मीडिया में कहा गया है कि पाकिस्तान केवल भारत ही नहीं अन्य पड़ोसी देशों के खिलाफ भी साजिश रचता है। हसीना ने कहा है कि कड़े संघर्ष के बाद मिली आजादी को पाकिस्तानी से मोहब्बत रखने वाले खत्म करने और विफल करने की कोशिश में हैं। लेकिन, वह इन साजिशों को सफल नहीं होने देंगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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