Saturday, November 2, 2024
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अफगानिस्तान में बचाई गई नाबालिग, गुरुद्वारे से अगवा सिख समेत 11 को भारत का वीजा, आज आएँगे दिल्ली

अफगानिस्तान में काफी समय से आतंकियों द्वारा सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले में 27 सिखों की मौत हुई थी। अफगानिस्तान में सिख लड़कियों की जबरन शादी के मामले भी सामने आए हैं।

काबुल के शोर बाजार स्थित गुरुद्वारे पर हुए इस्लामिक स्टेट के हमले के चार महीने बाद भारतीय दूतावास ने अफगानिस्तान के 11 सिखों को शॉर्ट टर्म वीजा दिया है। अफगानिस्तान के इन सिखों की आज यानी रविवार (जुलाई 26, 2020) को दिल्ली पहुँचने की संभावना है।

अफगानिस्तान में काफी समय से आतंकियों द्वारा सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। काबुल के गुरुद्वारे में हुए आतंकी हमले में 27 सिखों की मौत हुई थी। अफगानिस्तान में सिख लड़कियों की जबरन शादी के मामले भी सामने आए हैं। हाल ही में सिख समुदाय के नेता निधान सिंह सचदेवा का अपहरण हुआ था। हालाँकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया है।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल में सिख समुदाय के नेता चाबुल सिंह ने बताया कि शनिवार (जुलाई 25, 2020) को भारतीय दूतावास ने जिन लोगों को वीजा दिया है उनमें निधान सिंह भी शामिल हैं। निधान सिंह को पक्तिआ प्रांत स्थित गुरुद्वारे से पिछले महीने अगवा कर लिया गया था। निधान सिंह के अलावा 15 वर्षीय वो नाबालिग लड़की भी शामिल है, जिसे कथित जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन शादी के प्रयास के बाद रेस्क्यू किया गया था।

काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पीता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी दरबार कटार परवन की प्रबंध समिति के सदस्य चाबुल सिंह ने बताया, “हमें 11 लोगों का छह महीने के वीजा मिला है, जिनमें निधान सिंह भी हैं, जो अपहरण के दौरान हुए टॉर्चर के बाद से काफी बीमार हैं। निधान सिंह के साथ उनके रिश्तेदार को वीजा मिला है। इसके अलावा काबुल हमले में मारे गए दो भाइयों का परिवार भी भारत जा रहा है। उनमें से एक की बेटी जिसे जबरन शादी के चंगुल से बचाया गया, उसे भी भेजा जा रहा है।”

सिरसा ने उठाई 11 सिखों के रहने की जिम्मेदारी

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि उन्होंने 11 लोगों के लिए टिकट और रहने की व्यवस्था की है, जो कि वंदे भारत मिशन के तहत फ्लाइट से रविवार को दिल्ली पहुँच रहे हैं।

सिंह ने कहा, “हमारी योजना सबसे पहले उन लोगों के परिवारों को लाने की है जिन्होंने आतंकवादी हमले में एक या एक से अधिक परिवार के सदस्यों को खो दिया। हमारी पहली सूची में लगभग 150 लोग हैं। सिख समुदाय का कोई भी व्यक्ति वहाँ रहना नहीं चाहता है।”

आतंकी हमले में मारे गए भाइयों के परिवार के एक सदस्य ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, “यह बहुत दुखद और दर्दनाक है। कौन इस तरह से अपने देश को छोड़ना चाहता है लेकिन हमारे लिए कुछ भी नहीं बचा है। हम भारत में एक नई शुरुआत की उम्मीद कर रहे हैं।”

यह कदम अफगान सिख समुदाय द्वारा दूतावास से कई अपील करने और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर 25 मार्च को गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में हमले के बाद तत्काल निकासी और बचाव की माँग करने के बाद उठाया गया है। करीब 700 सिख और हिंदुओं ने भारत आने की अपील की है। कोरोना वायरस के प्रकोप और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के स्थगित होने के कारण अफगानिस्तान से इन लोगों को लाने की प्रकिया ठप पड़ गई थी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई थी, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार स्वतंत्रता दिवस से पहले अफगान नागरिकों को भारत लाने के लिए सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर रही है। इसमें बताया गता था कि इस साल 25 मार्च को हुए गुरुद्वारा पर हमले के बाद लगभग 600 सिखों ने भारत में इतने लंबे समय के वीजा के लिए आवेदन किया था

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में सिख व्यक्ति निधान सिंह सचदेवा का 1 महीने पहले अपहरण कर लिया गया था। उन्हें शनिवार (जुलाई 18, 2020) को छोड़ दिया गया। निधान सिंह सचदेवा को अफगानिस्तान के पक्तिआ प्रान्त में स्थित एक गुरुद्वारे से अपहृत कर लिया गया था। भारत ने उनकी रिहाई के लिए अफगानिस्तान सरकार को धन्यवाद दिया था।

वहीं 17 जुलाई को एक नाबालिग लड़की को कथित रूप से काबुल में गुरुद्वारा बाबा श्री चंद से अगवा किया गया और तीन दिन बाद बचाया गया। उसके परिवार ने दावा किया कि एक स्थानीय युवक ने उसका “ब्रेनवॉश” किया था। बाद में उसे ‘जबरन शादी’ से बचाया गया था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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