Friday, November 15, 2024
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PM इमरान ख़ान नियाज़ी! 1947 से 71 और 2019 तक आपके 16 गुनाह: महिला IFS अधिकारी ने धो डाला

"पीएम इमरान ख़ान नियाज़ी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में पाकिस्तान ने अपने ही लोगों पर ज़ुल्म ढाए थे और इस वजह से बांग्लादेश का जन्म हुआ था।"

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में दिए गए भड़काऊ भाषण का भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में इमरान ख़ान के दिए गए भाषण को हेट स्पीच करार देते हुए कहा कि उन्होंने वैश्विक मंच का दुरुपयोग कर दुनिया को गुमराह करने का काम किया है। भारत ने इमरान के ‘नस्लीय संहार’ ‘ब्लड बाथ’ ‘नस्लीय सर्वोच्चता’ ‘बंदूकें उठा लो’, ‘आख़िर तक लड़ेंगे’ जैसे शब्दों को गिनाते हुए कहा कि यह उनकी मानसिकता को उजागर करता है।

इमरान खान के भाषण पर भारत का जवाब

विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव (फर्स्ट सेक्रेटरी) विदिशा मैत्रा ने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान यह स्वीकार करेगा कि वो दुनिया की एकमात्र सरकार है, जो संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित सूची में सूचीबद्ध अल-क़ायदा और दाएश के आतंकियों को पेंशन प्रदान करता है? पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के आरोपी हाफ़िज़ सईद को मासिक पेंशन जारी करने की अनुमति देने के लिए UNSC में गुहार लगाई थी।

मैत्रा ने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार कर सकता है कि वो संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादियों का घर है? उन्होंने कहा,“क्या पाकिस्तान के पीएम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र द्वारा सूचीबद्ध 130 आतंकवादी और 25 आतंकवादी संस्थाओं की शरणस्थली है?”

सचिव विदिशा ने सवाल किया कि क्या पाकिस्तान इस बात से इनकार करेगा कि 27 में से 20 पैरामीटर्स के उल्लंघन के चलते फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फ़ोर्स ने उसे नोटिस दे रखा है? क्या पीएम इमरान ख़ान न्यू यॉर्क शहर से इनकार करेंगे कि वो ओसामा बिन लादेन का खुले तौर पर बचाव करते रहे हैं?

संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान पर एक के बाद एक कई सवाल दागे और कहा कि इमरान ख़ान अपने झूठ से मानवाधिकारों का चैंपियन बनना चाहते हैं, जबकि असलियत यह है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। विदिशा मैत्रा ने कहा कि पीएम इमरान ख़ान नियाज़ी को यह नहीं भूलना चाहिए कि 1971 में पाकिस्तान ने अपने ही लोगों पर ज़ुल्म ढाए थे और इस वजह से बांग्लादेश का जन्म हुआ था। विदिशा ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है, जहाँ अल्पसंख्यक समुदाय 1947 में 23% से घटकर अब 3% तक रह गया है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में ईसाई, सिख, अहमदिया, हिन्दू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलूचों पर ईश निंदा क़ानून के तहत अत्याचार किया जाता है। वहाँ लोग जबरन धर्मांतरण के शिकार हो रहे हैं।

मैत्रा ने कहा, “किसी ऐसे व्यक्ति के लिए, जो कभी क्रिकेटर था और जेंटलमैन के खेल में विश्वास रखता था, उसका आज का भाषण दारा आदम खेल (Darra Adam Khel, पाकिस्तान की वो जगह जो अवैध बंदूकों का बाजार है) के बंदूकों और बर्बरता की याद दिलाता है।”

संयुक्त राष्ट्र को अनुच्छेद-370 के फ़ैसले की सच्चाई से अवगत कराते हुए भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत के पुराने क़ानून को हटाए जाने पर पाकिस्तान ग़लत बातें फैला रहा है। उन्होंने कहा कि भारत, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को मुख्यधारा में शामिल करना चाहता है। भारत के लोगों को किसी भी दूसरे देश ख़ासतौर पर जिसने नफ़रत की विचारधारा से आतंकवाद की फैक्ट्री बनाई है, उसकी तरफ से सलाह या नसीहत लेने की ज़रूरत नहीं है।

ग़ौरतलब है कि कल रात (27 सितंबर), UNGA को संबोधित करते हुए, पाकिस्तान के पीएम इमरान ख़ान ने भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगला था। इतना ही नहीं उन्होंने आवंटित समय-सीमा को भी पार कर दिया (उन्हें 15-20 मिनट का समय दिया गया था, लेकिन उन्होंने 30 मिनट से अधिक का समय लिया) ख़ान ने अनुच्छेद-370 के निरस्त होने पर भारत-विरोधी प्रचार किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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