अफगानिस्तान से रविवार (22 अगस्त) को अपने घर लौटने के बाद कोलकाता निवासी तमाल भट्टाचार्य ने तालिबान की प्रशंसा कर विवाद खड़ा कर दिया। उत्तरी दमदम इलाके के निमटा में रहने वाले 34 वर्षीय तमाल अफगानिस्तान में तब से फँसे हुए थे, जब से तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमा लिया था। मैकेनिकल इंजीनियर तमाल काबुल के कर्दन इंटरनेशनल स्कूल में फिजिक्स और केमिस्ट्री पढ़ाते थे। मैकेनिकल इंजीनियर की ट्रेनिंग के वक्त से तमाल अपने स्कूल के स्टाफ क्वार्टर में रह रहे थे। हालाँकि, तालिबान के काबुल शहर पर कब्जा करने के बाद उन्हें खुद को प्रिंसिपल के आवास के अंदर बंद होने के लिए मजबूर होना पड़ा।
तमाल ने आरोप लगाया कि उन्होंने भारतीय दूतावास से संपर्क किया, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद वह हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे तक नहीं पहुँच सके। बाद में उन्होंने शुक्रवार (20 अगस्त) को रात 11 बजे हवाई अड्डे के गेट पर पहुँचने का दावा किया, लेकिन सरकारी अधिकारियों और दस्तावेजों की कमी के कारण अमेरिकी सुरक्षा बलों ने उन्हें वापस भेज दिया। उन्होंने कहा कि तालिबानी हवाई अड्डे के आसपास थे और उन्हें पास के एक विवाह कक्ष में रात बितानी पड़ी। आनंद बाजार पत्रिका से बात करते हुए तमाल ने कहा, ”कृपया पीएम मोदी और अमित शाह को सूचित करें, ताकि हमें जल्द से जल्द यहाँ से निकाला जा सके।”
तमाल के माता-पिता के अनुसार, शनिवार (21 अगस्त) दोपहर को तालिबान ने तमाल को उठाया था। एबीपी आनंद ने बताया कि भारतीय नागरिक ने उन्हें व्हाट्सएप पर एक संदेश के माध्यम से वहाँ क्या हो रहा है इसके बारे में सूचित किया था। उसके माता-पिता ने दावा किया कि उसे कट्टरपंथी इस्लामवादियों ने पूछताछ के बाद रिहा कर दिया था। आखिरकार, तमाल को 10 अन्य बंगाल निवासियों के साथ भारतीय वायु सेना (IAF) के कर्मियों वहाँ से बाहर निकाला। वह शनिवार देर रात फ्लाइट में सवार हुए और रविवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुँचे।
तमाल ने अच्छे खाने और क्रिकेट के लिए तालिबान को धन्यवाद दिया
उसी दिन तमाल नई दिल्ली से फ्लाइट लेकर कोलकाता लौट गए। तमाल, जिसे भारत सरकार ने तालिबानियों से सफलतापूर्वक बचाया था, उसने घर पहुँचने के बाद तालिबान की प्रशंसा की। एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, तमाल भट्टाचार्य ने दावा किया कि तालिबान ने न केवल उनके साथ अच्छा व्यवहार किया, बल्कि उन्हें अच्छा खाना भी खिलाया है। उन्होंने दावा किया, “तालिबानियों ने हमारे साथ क्रिकेट भी खेला।” इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से तालिबान के नियंत्रण वाले काबुल से उन्हें तुरंत निकालने का अनुरोध किया था।
नेटिज़न्स ने तालिबान से बचाए गए भारतीय नागरिक के दोहरे मापदंड पर सवाल उठाया
तमाल भट्टाचार्य के दोहरे रवैया पर नेटिज़न्स चकित थे। ट्विटर यूजर कीया घोष ने टिप्पणी की, “तस्वीर 1: काबुल में फँसा एक व्यक्ति संकट में पीएम मोदी और अमित शाह से मदद की गुहार लगाता है। पीएम से खुद को तालिबानियों के कब्जे से निकालने का अनुरोध करता है। तस्वीर 2: कोलकाता में उतरने के बाद वह तालिबानियों की प्रशंसा करता है। उसने तो यहाँ तक कह दिया है कि उन्होंने हमारे साथ क्रिकेट खेला। ऐसा कहकर उन्होंने एक सच्चा कम्युनिस्ट होने का सबूत दिया है।”
Pic 1: A person stuck in Kabul desperately sends distress calls. Urges PM to make arrangements to evacuate him.
— Keya Ghosh (@keyakahe) August 23, 2021
Pic 2: Once landed in Kolkata, he has all praises for #Talibans. Even said they played “football”.
He revealed the nature of a true Communist. pic.twitter.com/WTPTVp4RL3
एक अन्य यूजर ने अफसोस जताते हुए कहा, “उनके जैसे लोगों को निगरानी में रखना जरूरी है। आतंकियों का साथ देने वाला किसी आतंकी से कम नहीं होता। उनके (तमाल) जैसे लोग इस देश के लिए खतरनाक हैं।”
Ini ebong enar moto monobhaber manus der ke kora nojordarir moddhe rakha hok. Terrorist ke support kore je se terrorist er theke kichu kom noe. Enar moto lokera ekn Bharater jonno dangerous. 🙏🏻
— HINDU_thats_it (@Sumerian_Godd) August 23, 2021
एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, “कौन है यह बेवकूफ? मैं भारत सरकार (GOI) से उसे (अफगानिस्तान) वापस भेजने का आग्रह करता हूँ।”
Who is this Idiot?
— Atanu Das 🇮🇳 (@AD1India) August 23, 2021
I urge GOI to send him back.
अफगानिस्तान के काबुल से 87 भारतीयों को लेकर एयर इंडिया का एक विशेष विमान रविवार (22 अगस्त) को दिल्ली के लिए रवाना हुआ था। शनिवार को भारतीय वायु सेना (IAF) का एक परिवहन विमान भारतीयों को काबुल से ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे ले गया था, जहाँ से उन्होंने भारत के लिए उड़ान भरी थी।