जब पूर्वी पाकिस्तान को मुक्त कराया गया और बांग्लादेश नामक एक अलग मुल्क का गठन हुआ, तब भारत में इंदिरा गाँधी प्रधानमंत्री थीं। उनके द्वारा सैन्य मदद का निर्णय लिए जाने के कारण ही शेख मुजीबुर रहमान के नेतृत्व में चले मुक्ति आंदोलन को विजय प्राप्त हुई। बांग्लादेश को अलग मुल्क का दर्जा दिलाने के लिए भी भारत ने प्रयास किया। आज उसी बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इंदिरा गाँधी के नाम पर बने ‘कल्चरल सेंटर’ को जला दिया गया है। ‘इंदिरा गाँधी कल्चरल सेंटर’ को आग के हवाले कर दिया गया है।
फिर भी भारत में पत्रकारों का एक गिरोह पड़ोसी मुल्क में चल रही इस अराजकता को ‘लोकतंत्र की जीत’ और ‘युवा शक्ति की विजय’ बताते नहीं थक रहा। इंदिरा गाँधी के नाम का सिर्फ G, N और A ही दिख रहा है अब कल्चरल सेंटर के ऊपर। कहीं टूटी हुई खिड़कियाँ दिख रही हैं तो कहीं मोड़ डाले गए रॉड्स। भीतर कचरों का ढेर लगा हुआ है। कुछ फाइलें जल कर राख हो गई हैं। वहाँ एक गिफ्ट शॉप भी था, उसे भी आग के हवाले कर दिया गया। आर्काइव सेक्शन में कई टेप पड़े हुए थे, वो भी जला दिए गए। ‘इंदिरा गाँधी कल्चरल सेंटर’ का उद्घाटन 2010 में हुआ था।
यहाँ सेमिनार और वर्कशॉप के अलावा भारत-बांग्लादेश द्विपक्षीय रिश्तों को बढ़ावा देने के लिए योग क्लास और संगीत व कत्थक-मणिपुरी जैसी नृत्य विधाओं की शिक्षा भी दी जाती थी। इसे ‘इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स’ द्वारा संचालित किया जाता था। बता दें कि इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में ही पाकिस्तान को 2 हिस्सों में विभाजित कर वहाँ की 60% जनसंख्या को बांग्लादेश दिया गया था। तब पाकिस्तान के जनरल टिक्का खान द्वारा पूर्वी पाकिस्तान में नरसंहार हो रहा था, इंदिरा गाँधी ने जर्मनी, फ़्रांस, ब्रिटेन, बेल्जियम और अमेरिका का दौरा कर इस क्रूरता के बारे में वहाँ के नेताओं को बताया।
She was Prime Minister of India under whose instructions the Indian army trained the Mukti Bahini and assisted in the creation of Bangladesh. The vandals desecrated the memorial to Indira Gandhi & Sheikh Mujib. Spare me the glorification of this ‘revolution’ https://t.co/fvMscyOkYa
— Smita Prakash (@smitaprakash) August 6, 2024
इंदिरा गाँधी ने कोलकाता से ‘आवामी लीग’ को निर्वासन वाला सरकार चलाने की अनुमति दी, हालाँकि तब इसे आधिकारिक दर्जा नहीं दिया गया था। दिसंबर 1971 में पाकिस्तान ने भारत पर हमला बोल दिया। युद्ध शुरू होने के 3 दिन बाद ही इंदिरा गाँधी ने बांग्लादेश को अलग राष्ट्र होने की मान्यता दे दी। युद्ध शुरू होने के 13 दिन बाद कमांडर जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी ने ढाका सरेंडर कर दिया। जिन इंदिरा गाँधी के कार्यकाल में ये सब हुआ, आज बांग्लादेश उन्हीं नेता के नाम पर बने कल्चरल सेंटर को जला रहे हैं।