इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष-विराम को लेकर बढ़ते हुए अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बुधवार (19 मई) को इस संघर्ष के और तेज होने और गाजा को जीतने की संभावनाओं से भी इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि इजरायल शुरू में फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास के रॉकेट हमलों को रोकने की नीति पर काम कर रहा था, लेकिन अब इन हमलों के तेज होने और यहाँ तक कि फिलिस्तीनी नियंत्रण वाले गाजा पट्टी इलाके को जीतने की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया जा सकता।
नेतन्याहू तेल अवीव में किर्या सैन्य अड्डे पर लगभग 70 विदेशी राजनयिकों को संबोधित कर रहे थे। जहां उन्होंने उन्हें एक सप्ताह से अधिक की लड़ाई के बाद की स्थिति की जानकारी दी। इस संघर्ष के दौरान गाजा के आतंकी समूहों ने इजरायल जमकर पर रॉकेट दागे, जिसका जवाब इजरायल ने एयर स्ट्राइक के जरिए दिया है। दोनों पक्षों पर मध्यस्थों के माध्यम से युद्धविराम पर सहमत होने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
नेतन्याहू ने इजरायल पर रॉकेट हमले करने वाले हमास के बारे में कहा, “आप या तो उन्हें जीत सकते हैं, या आप उन्हें रोक सकते हैं।” नेतन्याहू ने कहा, “हम अभी जोरदार प्रतिरोध में लगे हुए हैं, लेकिन मुझे कहना होगा, हम किसी भी चीज से इंकार नहीं कर रहे हैं।”
इजरायल ने अमेरिका का संघर्ष विराम का प्रस्ताव ठुकराया
उधर इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन की संघर्ष को कम करने की माँग की खारिज करते हुए कहा कि वह तब तक गाजा में ऑपरेशन जारी रखने के लिए ‘दृढ़’ हैं, जब तक कि उनके उद्देश्य पूरे नहीं हो जाते।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैन्य मुख्यालय के दौरे के बाद, नेतन्याहू ने कहा कि वह अमेरिकी समर्थन की सराहना करते हैं, लेकिन शांति बहाल होने तक आगे बढ़ते रहेंगे। नेतन्याहू की यह प्रतिक्रिया बिडेन ने उन्हें फोन करके उन हमलों को कम करने के लिए कहने के बाद आई है, जिसमें अब तक सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
नेतन्याहू ने बुधवार को बाद में अपनी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने जोर देकर कहा गया कि इजरायल ”इजरायल अपने नागरिकों की शांति और सुरक्षा की वापसी के लिए आगे बढ़ेगा।” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन को तब तक जारी रखने के लिए दृढ़ हैं जब तक कि इसका उद्देश्य पूरा नहीं हो जाता, जोकि अमेरिका और इजरायल के बीच बढ़ती दरार का संकेत है।
बिडेन का अधिक कठोर सार्वजनिक रुख पहले की उन रिपोर्टों के बाद आया है, जिनमें उन्होंने निजी तौर पर नेतन्याहू से कहा था कि वह उन्हें अनिश्चित काल तक आलोचना से नहीं बचा सकते। इसके बाद अमेरिका की तरफ से बार-बार सार्वजनिक बयान आए कि जब तक गाजा से रॉकेट दागे जाते हैं इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है।