इजरायल में वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की विदाई लगभग तय हो चुकी है। सबसे ज्यादा समय तक (12 वर्ष) सत्ता में बने रहने वाले नेतन्याहू विपक्षी पार्टियों के बीच गठबंधन की घोषणा के बाद अब संभवतः देश का नेतृत्व नहीं कर पाएँगे। पिछले कुछ वर्षों से इजरायल में राजनैतिक अस्थिरता का माहौल था और कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई थी। ऐसे में इजरायल की विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को हटाने के लिए एक साथ आने का फैसला किया है।
बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं जिनकी जाँच चल रही है। हालाँकि नेतन्याहू हर बार अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते रहे हैं। लेकिन अब इजरायल की 8 विपक्षी पार्टियों ने उनके खिलाफ लामबंद होने का निर्णय लिया है। इनमें दक्षिणपंथी विचारधारा वाले नेफ्ताली बेनेट और मध्यमार्गी (सेंट्रिस्ट) विचारधारा वाले यायर लैपिड समेत 6 अन्य पार्टियों के नेता शामिल हैं। दक्षिणपंथी नेफ्ताली बेनेट, इस नए गठबंधन के सत्तासीन होने के बाद प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।
अरबपति बेनेट को नेतन्याहू से भी सख्त माना जाता है। वह वेस्ट बैंक पर इजरायल के एकाधिकार का सपना रखते हैं। सरकार बनाने के लिए दक्षिणपंथी, वामपंथी और मध्यमार्गी दलों के एक साथ आने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने इसे देश के लिए जरूरी बताया है। बकौल बेनेट उन्होंने अपने बच्चों भी कह दिया है कि इसके कारण वे इजरायल में शायद सबसे ज्यादा घृणा करने वाले व्यक्ति होंगे, लेकिन यह देश के हित में हैं।
इजरायल के वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियों ने जो गठबंधन किया है उसमें, लैपिड की येश अतीद, ब्लू एण्ड व्हाइट पार्टी, दक्षिणपंथी येमिना, न्यू होप, मेरेत्ज पार्टी, लेबर पार्टी, यिसरायल बेतेनु और अरब रा’अम शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इजरायल की इन विपक्षी दलों के पास गठबंधन निर्णय लेने के लिए बुधवार तक का समय था। अंततः विपक्षी दलों ने समय सीमा समाप्त होने के 35 मिनट पहले इजरायल के राष्ट्रपति रोएवन रिवलिन को ईमेल लिखकर गठबंधन सरकार बनाने की सूचना दी। विपक्षी दलों ने यह दावा किया है कि गठबंधन के पास बहुमत का आवश्यक (62 सदस्य) आँकड़ा है। इजरायल की 120 संसद सदस्यों वाली नेसेट (Knesset) में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आँकड़ा 61 है, अर्थात विपक्ष के दावे के अनुसार उनका गठबंधन आराम से सरकार बनाने में सफल रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले 2 सालों में इजरायल में 4 बार राष्ट्रीय चुनाव हुए लेकिन कोई भी पार्टी बहुमत हासिल करने में असफल रही। हालाँकि मार्च 2020 के चुनावों के बाद बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी ने बैनी गैंत्ज की ब्लू एण्ड व्हाइट पार्टी के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। दिसंबर 2020 में यह गठबंधन टूट गया।
उसके बाद मार्च 2021 में एक बार फिर इजरायल में चुनाव हुए जिनमें बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन एक बार फिर वह बहुमत हासिल करने में असफल रही। नेतन्याहू द्वारा बहुमत साबित करने में असफल रहने के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी येश अतीद को बहुमत साबित करने का निमंत्रण दिया गया था।
हालाँकि यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि इतनी राजनैतिक अस्थिरताओं के बाद भी इजरायल और हमास के हाल के संघर्ष के दौरान इजरायल में एक शानदार राजनैतिक सामंजस्य देखने को मिला। अल-जजीरा से बातचीत के दौरान विपक्ष के प्रमुख नेता नेफ्ताली बेनेट ने कहा था कि जब हमारे ऊपर सैकड़ों रॉकेट दागे जाएँगे तो हम एक साथ लड़ेंगे और जीतेंगे। बेंजामिन नेतन्याहू के समर्थन पर नेट ने स्पष्ट तौर पर कहा था,
“देखिए हम एक लोकतांत्रिक देश हैं और यह हमारे लिए गर्व की बात है। आलोचना लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक हिस्सा होती है पर हमारे इजरायल में एक तरह का अलिखित नियम है कि दुश्मन के साथ लड़ाई की बात पर हम एकसाथ खड़े रहते हैं। ऐसे में किसी को जरा भी संशय नहीं होना चाहिए, हम हमास के एक-एक कमांडर को खोज कर मारेंगे। उनके पीछे तब तक पड़े रहेंगे, जब तक हम जीत नहीं जाते।“