Thursday, December 12, 2024
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जो देश को बनाना चाहते हैं इस्लामी मुल्क, उनका समर्थन प्रियंका गाँधी को: केरल CM पिनराई विजयन भड़के, जमात-ए-इस्लामी की सच्चाई बताई

विजयन ने कहा, "कभी-कभी यहाँ (केरल में) जमात-ए-इस्लामी कहती है कि वह जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी से अलग हैं, लेकिन जमात की एक ही नीति है और वह है इस्लामी दुनिया की स्थापना। वे किसी भी तरह की लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को स्वीकार नहीं करते। जमात के माध्यम से चरमपंथी वर्ग 'इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग' (UDF का एक घटक) में प्रभाव हासिल करने की कोशिश कर रहा है।"

केरल के वायनाड सीट से कॉन्ग्रेस की प्रियंका गाँधी लोकसभा का उपचुनाव लड़ रही हैं। यहाँ पर जमात-ए-इस्लामी को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कॉन्ग्रेस-यूडीएफ गठबंधन की उम्मीदवार प्रियंका गाँधी से भिड़ गए। विजयन ने आरोप लगाया है कि प्रियंका गाँधी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ रही हैं। उन्होंने कहा कि जमात की विचारधारा लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है।

विजयन ने यह आरोप सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के उम्मीदवार सत्यन मोकेरी के चुनाव प्रचार के दौरान कलपेट्टा में लोगों को संबोधित करते हुए लगाया। यहाँ से भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नव्या हरिदास को मैदान में उतारा है। नव्या हरिदास फिलहाल केरल के कोझिकोड की निगम पार्षद हैं।

विजयन ने कहा, “प्रियंका गाँधी जमात-ए-इस्लामी के समर्थन से चुनाव लड़ रही हैं। हमारा देश जमात-ए-इस्लामी से अपरिचित नहीं है। इसका दृष्टिकोण लोकतांत्रिक व्यवस्था के पक्ष में नहीं है… वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को महत्वपूर्ण नहीं मानते। जमात-ए-इस्लामी के लिए, दुनिया भर में इस्लामी शासन ही महत्वपूर्ण है। वे इस्लामी शासन के पक्ष में हैं।”

मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद की राजनीतिक शाखा ‘वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया (WPI)’ संगठन के लिए एक ‘ढाल’ की तरह है। उन्होंने इस दौरान जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी का भी उल्लेख किया। यह जमात-ए-इस्लामी हिंद से अलग इकाई है, जो केरल सहित भारत के अन्य हिस्सों में संचालित होता है।

जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी UAPA के तहत प्रतिबंधित है। विजयन ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमात हमेशा से चुनावों के खिलाफ रही है। बता दें कि WPI ने केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए कॉन्ग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) को अपना समर्थन दिया है। यहाँ सोमवार (11 नवंबर) की शाम को प्रचार थम जाएगा।

विजयन ने कहा, “कभी-कभी यहाँ (केरल में) जमात-ए-इस्लामी कहती है कि वह जम्मू-कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी से अलग हैं, लेकिन जमात की एक ही नीति है और वह है इस्लामी दुनिया की स्थापना। वे किसी भी तरह की लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को स्वीकार नहीं करते। जमात के माध्यम से चरमपंथी वर्ग ‘इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग’ (UDF का एक घटक) में प्रभाव हासिल करने की कोशिश कर रहा है।”

विजयन के बयान पर जमात-ए-इस्लामी हिंद के केरल अध्यक्ष पी मुजीब रहमान ने कहा, “हाल के लोकसभा चुनावों में जमात ने तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और राजस्थान में सीपीआई(एम) का समर्थन किया था। केरल में हम 2004 से सीपीआई(एम) का समर्थन करते रहे हैं। 2020 तक सीपीआई(एम) ने WPI के समर्थन से कई स्थानीय निकायों पर शासन किया।”

बता दें कि जमात-ए-इस्लामी लोकतंत्र व्यवस्था को खारिज करती है। वह शरियत के सिद्धांतों को लागू करने की वकालत करती है। जमात को कट्टरपंथी संगठन माना जाता है। जमात को समाज में धार्मिक विभाजन और कट्टरपंथ को बढ़ावा देने के लिए भी जाना जाता है। जमात-ए-इस्लामी पर यह आरोप भी लगाया जाता है कि वह राजनीतिक उपयोग के लिए धार्मिक भावनाओं का उपयोग करती है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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