अमेरिका में रहने वाला हमास समर्थक और यहूदी विरोधी एक्टिविस्ट जैक्सन हिंकल, हाल ही में भारत के खिलाफ चलाए जा रहे पाकिस्तान प्रायोजित दुष्प्रचार अभियान में अग्रणी भूमिका निभाता पाया गया। यह अभियान विशेष रूप से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद तेज़ हुआ।
‘द न्यूयॉर्क पोस्ट’ में सोमवार, (19 मई 2025) को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, हिंकल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों को भारत के खिलाफ झूठी और भ्रामक खबरें फैलाने में सक्रिय रूप से मदद कर रहा है।
इस रिपोर्ट में नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (NCRI) द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला दिया गया है, जिसमें हिंकल की भारत-विरोधी गतिविधियों और पाकिस्तानी एजेंसियों से उसकी संभावित साँठगाँठ को उजागर किया गया है।
इसमें नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनसीआरआई) द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला दिया गया।

न्यूयॉर्क पोस्ट ने रिपोर्ट किया, “हिंकल ने भारत में पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित के साथ उनके कार्यक्रम लेजिटिमेट टारगेट पर साक्षात्कार के एक सप्ताह बाद भारत पर कश्मीर में पाकिस्तान के खिलाफ़ झूठा अभियान चलाने का आरोप लगाया। एनसीआरआई अध्ययन में दावा किया गया है कि यह पाकिस्तान की प्राथमिक खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस द्वारा फैलाया गया दुष्प्रचार था।”
रिपोर्ट के अनुसार, जैक्सन हिंकल द्वारा फैलाए गए झूठ को सोशल मीडिया पर पाकिस्तानी बॉट्स द्वारा बढ़ावा दिया गया। एनसीआरआई द्वारा किए गए अध्ययन में इस बात पर प्रकाश डाला गया।
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत के खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने के लिए अप्रमाणिक नेटवर्क सक्रिय हो गए। इन नेटवर्क्स ने जनरेटिव एआई और बॉट्स का इस्तेमाल करते हुए ऐसे भड़काऊ मीम्स तैयार किए और प्रसारित किए, जिनमें भारतीय प्रतीकों, राजनीतिक नेताओं और भड़काने वाले नारों के ज़रिए झूठी कहानी को बढ़ावा दिया गया।
नेटवर्क कॉन्टैगियन रिसर्च इंस्टीट्यूट (NCRI) के अनुसार, ये ‘अप्रमाणिक’ बॉट्स जैक्सन हिंकल के भारत-विरोधी संदेशों को लाखों सोशल मीडिया यूज़र्स तक पहुँचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

ऑपइंडिया, द्वारा किए गए विश्लेषण में सामने आया है कि जैक्सन हिंकल की सोशल मीडिया गतिविधियों, खासकर एक्सपर, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अचानक तेज़ी आई। उसने अपने पोस्ट्स में ‘भारत पर पाकिस्तान की जीत’ का झूठा दावा किया।
रिपोर्ट के मुताबिक, इन फर्जी कहानियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का मजबूत समर्थन मिला, जो वास्तविकता में भारतीय सेना द्वारा अपने सैन्य ठिकानों और आतंकी शिविरों पर किए गए हमलों को रोकने में असफल रही थीं।

जैक्सन हिंकल के कुछ ट्वीट –
- “भारत ने बहुत बड़ी गलती की”
- “भारत, पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं से इतना हैरान था कि उसने कल रात ट्रम्प से युद्ध विराम की भीख माँगी। ऐसा युद्ध शुरू न करें जिसे आप जीत न सकें…।”
- “ब्रिक्स के साथ डॉलरीकरण को आगे बढ़ाने के बजाय, भारत ने पाकिस्तान के साथ युद्ध शुरू कर दिया। पश्चिमी वित्तीय पूंजी के अच्छे गुलाम।”
- “शायद भारत के पास बेहतर हवाई सुरक्षा होती अगर उनके सभी इंजीनियर अमेरिका में न होते…।”
- “पाकिस्तान भारत को अपमानित कर रहा है…मोदी को ऐसा कभी नहीं करना चाहिए था।”
- “भारत ने पाकिस्तान को कम आंका…।”
- “ट्रम्प ने भारत को शांति के लिए सहमत होने के लिए मजबूर नहीं किया। चीनी हवाई सुरक्षा ने भारत को अधीनता में आने के लिए मजबूर किया।”
- “पाकिस्तान जीता, भारत हारा।”
- “पाकिस्तान ने भारत को शर्मिंदा किया।”

यह उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि जैक्सन हिंकल के एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल को भारतीय अधिकारियों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया था। हालाँकि, भारत में उसकी पहुँच पर लगाया गया यह अस्थायी प्रतिबंध सोमवार, (19 मई 2025) को हटा लिया गया।
जैक्सन हिंकल के झूठ का पर्दाफाश
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत अपनी सैन्य शक्ति का जोरदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को गहरी क्षति पहुँचाई। इस अभियान में भारतीय सशस्त्र बलों ने 9 पाकिस्तानी आतंकी शिविरों, कई वायु रक्षाप्रणालियों, 10 सैन्य ठिकानों, और 2 रेडियो स्टेशनों को निशाना बनाया।
यह सैन्य अभियान 7 मई 2025 को शुरू हुआ और पाकिस्तान को इतना बड़ा नुकसान हुआ कि उसे संयुक्त राज्य अमेरिका से मदद की गुहार लगानी पड़ी। भारत की सैन्य कार्रवाई ने पाकिस्तान की सेना को इस कदर हिला दिया कि उसे तुरंत युद्धविराम की अपील करनी पड़ी।
ऑपइंडिया की रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया कि कैसे भारत ने इस हमले से पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से झुका दिया। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और सेना की क्षमताओं खासकर दुश्मन क्षेत्र में ड्रोन और मिसाइल हमलों ने पाकिस्तानी सेना और उसके जनरलों में गहरी दहशत पैदा कर दी।
भारत पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार को नष्ट करने के बेहद करीब पहुँच गया था वही रणनीतिक सौदेबाजी की चिप जिसका इस्तेमाल पाकिस्तान लंबे समय से, खासकर 2014 से पहले की भारतीय सरकारों पर दबाव बनाने और छद्म आतंकवादी हमलों के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया को रोकने के लिए करता रहा है।
जब पाकिस्तान ने महसूस किया कि वह युद्ध में हार की कगार पर है और उसके महत्वपूर्ण सैन्य ठिकाने तबाह होने वाले हैं, तो उसे मजबूरन अमेरिका के माध्यम से भारत से ‘युद्धविराम समझौते’ के लिए संपर्क करना पड़ा।
पाकिस्तानी सेना द्वारा लिया गया यह समय पर फैसला उन्हें न केवल घरेलू स्तर पर शर्मिंदगी से बचाने में मददगार रहा, बल्कि अपनी असफलताओं के लिए जवाबदेही से भी बचा।
इस तरह, उन्हें 1971 की तरह सार्वजनिक आत्मसमर्पण और जनता के आक्रोश का सामना करने की नौबत नहीं आई। यह पूरी स्थिति इस सदियों पुरानी सच्चाई की पुष्टि करती है कि शांति केवल ताकत के आधार पर ही संभव है।
जब तक भारत आर्थिक, सैन्य और कूटनीतिक रूप से मजबूत बना रहेगा, तब तक वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपनी क्षमता को कायम रखेगा हर बार पाकिस्तान को उसकी सीमा दिखाकर, जो अब भी आतंक और अस्थिरता फैलाने के लिए कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों पर निर्भर है।
जैक्सन हिंकल का अकाउंट भारत में हो चुका बैन
जैक्सन हिंकल अमेरिका में रहने वाले एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं, जिनके एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर 3 मिलियन से अधिक फॉलोअर्स हैं। झूठी खबरें और षड्यंत्र के सिद्धांत फैलाने के लिए बदनाम हिंकल को इंस्टाग्राम, यूट्यूब और ट्विच जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स से प्रतिबंधित किया जा चुका है।
हिंकल ने यमन में हौथियों द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में भाषण दिया था और बेरूत में हिज़्बुल्लाह के आतंकवादी नेता हसन नसरल्लाह के अंतिम संस्कार में भी भाग लिया। उन्होंने हिज़्बुल्लाह के नियंत्रण वाले चैनलों अल-मनार टीवी और चैनल3 को इंटरव्यू दिए, और हमास के आतंकवादी बासम नैम का भी साक्षात्कार लिया।

एंटी डिफेमेशन लीग (ADL) ने हिंकल पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इज़राइल-हमास युद्ध की शुरुआत से ही लगातार यहूदी विरोधी और इज़राइल विरोधी बयानबाज़ी फैलाई है।