पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप फैला हुआ है, वहीं पाकिस्तान में इस्लामी कट्टरपंथियों ने एक कराची हिंदू परिवार को इस्लाम धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया। सभी लोग इससे निजात पाने की कोशिश में जुटे हुए हैं, मगर इस बीच भी पकिस्तान के कट्टरपंथी मौलवियों का अल्पसंख्यकों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए डराने-धमकाने का सिलसिला नहीं रूका है।
कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान 12 अप्रैल 2020 को कराची में एक हिंदू परिवार के इस्लाम कबूल करने से इनकार कर देने पर उसके ऊपर हमला किया गया। मामला कराची के PIA बस्ती का है, जहाँ हिंदू परिवार के इस्लाम अपनाने से मना कर देने के बाद उस्मान नाम के एक मौलवी ने उस परिवार के पड़ोसी शाहिद के साथ मिलकर उस पर हमला किया।
आदेश की अवहेलना करने पर बसंत कुमार (पीड़ित हिंदू) और उनकी माँ को भी मारने की धमकी दी गई। बसंत के भाई ने एक वीडियो के जरिए इस घटना के बारे में बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि 4-5 मजहबी धर्म प्रचारकों ने उन्हें धमकी दी और इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए उन पर हमला किया। बसंत के भाई वीडियो में दावा करते हैं कि मौलाना उस्मान ने उनकी घर की बुजुर्ग माँ को पकड़ लिया और थप्पड़ मारा। इसके साथ ही वह बार-बार उनसे कलमा पढ़ने और इस्लाम कबूल करने के लिए कहा।
कराची हिंदू परिवार की दुर्दशा
वीडियो में मौजूद शख्स का दावा है कि उनके भाई बसंत कुमार और उनकी माँ को मौलाना उस्मान ने पीटा था। वह कहते हैं कि उसकी माँ की पिटाई करने के बाद, उस्मान ने उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक दायित्व कलमा पढ़ने के लिए कहा। हमलावर मौलाना उस्मान की एक मौलाना टोपी हिंदू परिवार के घर के फर्श पर देखी जा सकती है। बसंत के भाई ने कहा कि हमलावरों ने उनसे कहा कि आपलोगों को छोड़ा नहीं जाएगा, मार दिया जाएगा।
बसंत के भाई ने आगे वीडियो में कहा कि लॉकडाउन होने के बावजूद मौलाना उस्मान और शाहिद अन्य लोगों को उनके घर की छत पर नमाज पढ़वा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने इसके खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाया, क्योंकि ये मजहबी देश है। उन्हें डर था कि आगे जाकर बात बढ़ सकती थी। बसंत के भाई ने यह भी आरोप लगाया कि तीन दिन पहले उसी मौलाना और बसंत के बीच हाथापाई हो गई थी, जब मौलाना ने कहा था कि वह जल्द ही परिवार के साथ हिसाब-किताब करेगा। बहरहाल, कराची पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और आगे की जाँच की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान से जबरन धर्म परिवर्तन की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। बता दें कि पिछले दिनों पाकिस्तान में ईसाई पत्रकार गोनिला गिल को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 38 वर्षीय गिल ने एक समुदाय विशेष के युवक से शादी की है। लेकिन, उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला। इसके कारण ऑफिस के सहकर्मी ही उन्हें प्रताड़ित करते थे। अंत में वे इतनी परेशान हो गईं कि उन्हें दुनिया न्यूज यानी अपना ऑफिस ही छोड़ना पड़ा।
एक अन्य घटना में 15 साल की महक को अगवा कर जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया था। सिंध प्रांत के जैकोबाबाद जिले से कक्षा नौ में पढ़ने वाली 15 वर्षीय महक को अली रजा ने 15 जनवरी को अगवा कर लिया था। उसे इस्लाम कबूल करने के लिए मजबूर किया गया और फिर दूसरे समुदाय से निकाह करवा दिया गया। इस मामले में पुलिस ने भी लड़की की कोई मदद नहीं की।
इसी तरह 14 साल की ईसाई नाबालिग लड़की हुमा यूनुस का पहले अपहरण किया गया फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराके उससे इस्लाम कबूल करवाया गया। और तो और, अपहरण के आरोपित अब्दुल जब्बार से ही उसका निकाह भी करा दिया गया।