Sunday, May 18, 2025
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पाकिस्तान: इस्लाम कबूल नहीं करने पर महिला पत्रकार को किया प्रताड़ित, नौकरी छोड़ने को हुई मजबूर

ये पहला मामला नहीं है जब अल्पसंख्यकों को लेकर पाकिस्तान की हकीकत उजागर हुई है। प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विधायक रहे बलदेव सिंह ने हाल में ही अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों का खुलासा किया था। त्रस्त होकर उन्होंने भारत से शरण माँगी थी।

पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों की प्रताड़ना का सिलसिला थम नहीं रहा। इसके कारण ईसाई पत्रकार गोनिला गिल को नौकरी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। 38 वर्षीय गिल ने एक मजहब विशेष के युवक से शादी की है। लेकिन, उन्होंने अपना धर्म नहीं बदला। इसके कारण ऑफिस के सहकर्मी ही उन्हें प्रताड़ित करते थे। अंत में वे इतनी परेशान हो गईं कि उन्हें दुनिया न्यूज यानी अपना ऑफिस ही छोड़ना पड़ा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोनिला ने कुछ समय पहले हुसनैन जामिल से शादी की। लेकिन, अपना धर्म नहीं बदला। यही बात उनके साथी कर्मचारियों को खटकने लगी। वे हमेशा उनके धर्म के प्रति उनके विश्वास को लेकर और युवक से शादी करने के बावजूद धर्म न बदलने के कारण उन्हें कोसते रहते। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि वे मानसिक तौर पर परेशान रहने लगीं और थक-हारकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया।

लाहौर प्रेस क्लब से जुड़ी गोनिला एकमात्र ईसाई पत्रकार थीं। लेकिन फिर भी उन्हें धार्मिक अहिष्णुता का शिकार होना पड़ा। मीडिया से बातचीत में उन्होंने बताया, “वे मेरी आस्था को लेकर घटिया बातें करते थे। लेकिन, मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी और अपने धर्म के साथ खड़ी रहूॅंगी।”

गौरतलब है कि ये पहला मामला नहीं है जब अल्पसंख्यकों को लेकर पाकिस्तान की हकीकत उजागर हुई है। प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विधायक रहे बलदेव सिंह ने हाल में ही अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचारों का खुलासा किया था। इससे त्रस्त होकर उन्होंने भारत से शरण माँगी थी। उन्होंने पंजाब पहुँचकर गुहार लगाई थी कि वह अब भारत में ही रहना चाहते हैं।

अल्पसंख्यक समुदाय यानी हिंदुओं, सिखों, ईसाईयों, अहमदियों और शियाओं पर अत्याचार की घटनाएँ आम है। हिंदू और सिख लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाकर निकाह करवाने को मजबूर किया जाता है। खुद पाकिस्तान के विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने बीते दिनों कहा था कि पाकिस्तान सबसे बुरी किस्म की असहिष्णुता का सामना कर रहा है।

अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न को लेकर पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार आलोचना हो चुकी है। भारत भी कई मंचों से वहॉं अल्पसंख्यकों की दुर्दशा का मसला उठा चुका है। हालॉंकि पाकिस्तान इन आरोपों को नकारता रहता है। लेकिन, गिल के साथ घटे वाकये ने एक बार उसकी धार्मिक असहिष्णुता उजागर कर दी है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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