कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में यह स्वीकार किया है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक मौजूद हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब भारत पहले ही कनाडाई सरकार पर आरोप लगा चुकी है कि वह खालिस्तान समर्थकों को पनाह देते हैं।
ट्रूडो ने खालिस्तानियों की मौजूदगी की बात स्वीकारते हुए थोड़ी लीपापोती भी की। उन्होंने आगे कहा कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक है लेकिन ये खालिस्तानी सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं ठीक वैसे ही जैसे कनाडा में मोदी समर्थक हैं लेकिन वो हिंदुओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
Canadian PM @JustinTrudeau acknowledged the presence of #Khalistani supporters in #Canada, clarifying that "they do not represent the #Sikh community as a whole." In an attempt to strike a balance, he added, "There are many supporters of the #ModiGovernment in Canada, but they do… pic.twitter.com/is6aRKyl9P
— OpIndia.com (@OpIndia_com) November 9, 2024
बता दें कि जस्टिन ट्रुडो की यह टिप्पणी भारत और कनाडा के संबंधों पर असर डालने वाली है। वैसे ही 2023 में दोनों के पबीच संबंधों में उस वक्त से खटास है जब से ट्रुडो सरकार ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की भूमिका होने की बात कही थी और भारत ने ऐसे आरोपों को खारिज कर दिया था।
इसके बाद भारतीय उच्चायुक्तों को निशाना बनाया गया तो भारत ने ओटावा में अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया। साथ ही कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित भी कर दिया। मगर ट्रुडो सरकार द्वारा भारत पर आरोप लगाने का सिलसिला थमा नहीं। वो खुलकर खालिस्तानियों को समर्थन देते रहे।
हाल में हिंदुओं पर जब ब्रैम्पटन में हमला हुआ तो ये एकदम साफ था कि हमला खालिस्तानियों ने किया है लेकिन ट्रुडो ने इस हमले के मामले में खालिस्तानियों की आलोचना नहीं की। ट्रूडो ने कहा कि हिंसा करने वाले लोग किसी भी समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। उन्होंने कहा, “यहाँ हिंसा, असहिष्णुता या धमकी के लिए कोई जगह नहीं है।”