Sunday, November 17, 2024
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‘रोज खाती हूँ सूअर का मांस, पीती हूँ शराब’: इस्लाम छोड़ने के लिए अदालत पहुँची मुस्लिम महिला, कहा – अम्मी ने जबरन थोपा ये मजहब

अपनी याचिका में महिला ने दावा किया है कि उसने कभी भी इस्लामिक रीति-रिवाजों और उसके सिद्धांतों का पालन नहीं किया। उसे इस्लाम धर्म में कोई विश्वास नहीं है।

इस्लामिक देश मलेशिया से धर्मान्तरण का चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है, जहाँ एक मुस्लिम महिला ने कोर्ट में याचिका दायर कर माँग की है कि कोर्ट ये तय करे कि वो एक मुस्लिम नहीं है। ताकि वो अपनी पसंद से बौद्ध धर्म का पालन कर सके। महिला का कहना है कि भले ही उसे मुस्लिम अम्मी-अब्बू ने जन्म दिया हो, लेकिन उसने कभी इस्लाम को नहीं माना। वो रोज सूअर का मांस खाती है और शराब भी पीती है।

32 वर्षीय महिला के अब्बू ने धर्मान्तरण कर इस्लाम अपनाया था, जबकि उसकी अम्मी पहले से ही मुस्लिम थीं। बहरहाल मलेशियन हाई कोर्ट ने महिला की याचिका पर उसकी दलीलों सुन लिया है और अब वो 15 जून 2022 को इस मामले पर फैसला करेगा कि क्या वह कन्फ्यूशीवाद और बौद्ध धर्म अपनाने के लिए गैर-मुस्लिम बनना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि मुस्लिम महिला ने हाई कोर्ट में यह याचिका इसी साल 4 मार्च को न्यायिक समीक्षा के लिए दायर की थी। इसमें उसने शरिया कोर्ट ऑफ अपील, शरिया हाई कोर्ट, फेडरल टेरिटरीज इस्लामिक रिलीजियस काउंसिल (Maiwp) और मलेशियाई सरकार को प्रतिवादी बनाया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान महिला के वकील और अटॉर्नी जनरल के चैंबर्स की दलीलों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस दातुक अहमद कमाल मोहम्मद शाहिद ने इसके लिए एक तारीख का ऐलान किया।

इसके साथ ही महिला ने हाई कोर्ट से कम से कम 12 ऐसे फैसलों की भी माँग की है, जिनमें इसका जिक्र हो कि शरिया अदालतों के पास यह घोषित करने का अधिकार है कि वो किसी को इस्लाम से बाहर कर सकें।

करीब दो साल पहले जुलाई 2020 में महिला ने खुद को गैर-मुस्लिम घोषित करने को लेकर शरिया हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसे पिछले साल दिसंबर 2021 में महिला शरिया हाई कोर्ट ने इस्लाम धर्म छोड़ने के उसके फैसले को ठुकरा दिया था। महिला ने कोर्ट से इस अंतरिम आदेश पर भी रोक लगाने और ये फैसला देने की माँग की कि वो बौद्ध धर्म का पालन कर सकती है।

प्रतिदिन खाती है सुअर का मांस

हाई कोर्ट में दायर अपनी याचिका में महिला ने दावा किया है कि उसने कभी भी इस्लामी रीति-रिवाजों और उसके सिद्धांतों का पालन नहीं किया। उसे इस्लाम धर्म में कोई विश्वास नहीं है। उसने इस बात को स्वीकार किया को प्रतिदिन सूअर का मांस खाती है और शराब भी पीती है। ये सब इस्लाम में हराम है।

महिला के अब्बू और उसकी अम्मी का तलाक हो चुका है और उसे उसकी अम्मी ने ही पाला था। महिला के वकीलों ने उसकी अम्मी पर जबरन उस पर इस्लाम थोपने का आरोप लगाया है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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