अफ्रीकी देश नाइजीरिया से इस्लामिक हिंसा का नया मामला प्रकाश में आया है, जहाँ सोकोटो के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में कॉलेज में ईशनिंदा के आरोप में इस्लामिक भीड़ ने डेबोरा सैमुअल नाम की एक ईसाई छात्रा को पीट-पीट कर मार डाला। रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाट्सएप ग्रुप पर डेबोरा के कुछ मित्रों ने कमेंट किए थे, जिसे इस्लामिक कट्टरपंथियों ने ईशनिंदा मान लिया और इस वारदात को अंजाम दिया।
In a separate video, her killers proudly admit to their crime while chanting “Allahu Ahkbar”. One of them brandishes the matchbox with which he lit her corpse on fire, while the body continues to burn in the background… pic.twitter.com/DsAq8LEaJh
— Barra Hart (@barrahart) May 12, 2022
पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें देखा जा सकता है कि इस्लामिक भीड़ ने अल्लाहु अकबर जैसे मजहबी नारे लगाते हुए डेबोरा की मॉब लिचिंग की और उसे जला दिया। आरोपितों को वीडियो में माचिस की तीली दिखाते हुए खुशी मनाते हुए देखा जा सकता है।
These are the faces of the barbaric creatures that killed Deborah in Sokoto State over religious blasphemy.
— OTUNBA 🇨🇦 (@ManLikeIcey) May 12, 2022
I implore @PoliceNG to do their job and ensure justice prevails. pic.twitter.com/4yvkwRsWdD
मृतक डेबोरा सैमुअल सोकोटो राज्य के शेहू शगरी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की छात्रा थीं। दावा है कि एक व्हाट्सएप ग्रुप को डेबोरा अपने दोस्तों के संग मिलकर चला रही थीं। उसी ग्रुप में इस्लामिक पोस्ट शेयर हुए थे, जिस पर डेबोरा ने भी कमेंट किया था, जिसे इस्लामियों ने ‘ईशनिंदा’ मान लिया। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, डेबोरा ने केवल एक कॉलेज व्हाट्सएप ग्रुप में रिलीजियस कंटेंट पोस्ट करने पर आपत्ति जाहिर की थी।
इसके बाद कट्टरपंथियों की भीड़ ने डेबोरा पर हमला कर दिया, उसकी हत्या कर दी गई। कॉलेज के अधिकारी और पुलिस उसे असहाय होकर देखते रहे। कहा जा रहा है कि हमलावरों की संख्या इतनी अधिक हो गई थी कि डेबोरा को बचा पाना मुश्किल हो गया था। कॉलेज के पुरुष मुस्लिम छात्रों की भीड़ ने उसे बेरहमी से पीटा, दबोरा को पत्थर मारकर मार डाला और फिर उसे जला दिया।
इस वारदात की चश्मदीद एक कॉलेज छात्रा ने द गार्जियन को बताया, “छात्रों द्वारा पत्थरबाजी करने औऱ लाठी डंडों से हमला करने के बाद पुलिस ने महिला को मरने दिया। उसे मारने के बाद उसे आग लगा दी गई।” कॉलेज प्रशासन ने संस्थान को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है। वहीं कथित तौर पर पुलिस ने 2 आरोपितों को गिरफ्तार भी किया है, बाकी के फरार चल रहे हैं।
सोकोटो में लागू है शरिया कानून
नाइजीरिया दो भागों में बंटा है-उत्तरी और दक्षिणी। इसमें से उत्तरी हिस्से में मुस्लिम अधिक हैं तो दक्षिणी हिस्से में ईसाई समुदाय निवास करता है। यहाँ इस्लामिक शरिया कानून चलता है। इसलिए नाइजीरिया के अन्य राज्यों की तरह ही सोकोटा को न्याय मिलेगा, ये सोचना भी गलत है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस्लाम में ईशनिंदा की सजा सिर्फ मौत है।
इसी तरह से साल 2016 में कानो में 74 साल की ईसाई महिला को मुस्लिम भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था। उस पर भी ईशनिंदा का ही आरोप था। ब्रिजेट अब्गाहिम अपनी दुकान में थीं, तभी मुस्लिम भीड़ ने उनकी हत्या कर दी। वोन्यूज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में बाउची राज्य के दाराज़ो जिले में भी इसी तरह का आरोप लगाते हुए भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई थी। इसी तरह से 2007 में नाइजीरिया में माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने कुरान के कथित अपमान का आऱोप लगाकर एक शिक्षक की हत्या कर दी थी।