म्यांमार के विभिन्न कोनों में शनिवार को ‘ऑर्म्ड फोर्सेज़ डे’ के मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सेना ने ओपन फायरिंग कर दी। घटना में कुल मिलाकर 91 लोग मारे गए। इनमें एक बच्चा भी शामिल है। स्थानीय मीडिया के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों के सिर और पीठ पर गोलियाँ मारी गईं। इसी के साथ तख्तापलट के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों में मारे गए लोगों की संख्या कम से कम 328 हो गई है।
म्यांगयान के मध्य शहर में थू हाँ ज़ॉ ने कत्लेआम पर कहा “वे हमारे घरों में भी हमें पक्षी या मुर्गियों की तरह मार रहे हैं। लेकिन हम तब तक लड़ेगें जब तक वे झुक नहीं जाते।”
म्यांमार में शनिवार को हुई हिंसा की अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन के अधिकारियों ने निंदा की है। ब्रिटेन के राजदूत डेन चग ने एक बयान में कहा है ”सुरक्षाबलों ने निहत्थे नागरिकों पर गोलियाँ चलाकर अपनी प्रतिष्ठा खो दी है।” अमेरिकी दूतावास ने भी कहा कि म्यांमार में सुरक्षाबल ‘निहत्थे आम नागरिकों की हत्या’ कर रहे हैं। म्यांमार के लिए यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ट्विटर पर कहा, ”76वाँ म्यांमार सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा। बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है जिसका कोई बचाव नहीं है।”
गौरतलब है कि इससे पहले 14 मार्च 2021 को 38 लोगों का सेना की बर्बरता का शिकार होना पड़ा था। तख्तापलट का विरोध करने वालों के ख़िलाफ़ सेना ने अपना खूँखार रूप दिखाते हुए 22 लोगों को गोलियों से भूना था। वहीं 16 लोगों की मांडले (Mandalay) और बागो ( Bago) जैसी जगहों पर संघर्ष में जान गई थी।
बता दें कि म्यांमार में 1 फरवरी की आधी रात तख्तापलट कर दिया गया था। वहाँ की लोकप्रिय नेता और स्टेट काउंसलर आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से ही पूरे देश में इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं।