Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयकाबुल के मंदिर में 'हरे रामा-हरे कृष्णा' का पाठ: भारत सरकार से वहाँ के...

काबुल के मंदिर में ‘हरे रामा-हरे कृष्णा’ का पाठ: भारत सरकार से वहाँ के बचे हुए हिंदुओं ने की जल्द निकालने की माँग, VIDEO वायरल

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने भारत सरकार से माँग की है कि बढ़ती आर्थिक और सामाजिक मुसीबतों की वजह से वह बेहद परेशान हैं। उन्हें जल्द से जल्द वहाँ से निकाला जाए।

अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता पर काबिज होने के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय डर के साये में जीने को मजबूर है। कई हिंदुओं और सिखों को हथियारों से लैस तालिबानी सुरक्षाबलों से बचने के लिए गुरुद्वारे की शरण लेनी पड़ी है। वहीं, बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक वहाँ से पलायन कर चुके हैं। इसी बीच अफगानिस्तान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जिसमें नवरात्री के दौरान काबुल के एक मंदिर में हिंदू समुदाय के लोगों ने ‘हरे रामा-हरे कृष्णा’ का भजन गाया।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बताया जा रहा है कि इन लोगों ने भारत सरकार से माँग की है कि बढ़ती आर्थिक और सामाजिक मुसीबतों की वजह से वह बेहद परेशान हैं। उन्हें जल्द से जल्द वहाँ से निकाला जाए।

पत्रकार रविंदर सिंह रॉबिन ने अपने ट्विटर अकाउंट से ‘हरे-रामा, हरे-कृष्णा’ गाते हुए हिंदुओं का वीडियो ट्वीट किया है। यह वीडियो काबुल के असमाई मंदिर का बताया जा रहा है।

उन्होंने वीडियो के साथ लिखा, ”सोमवार (11 अक्टूबर 2021) रात हिंदु समुदाय के लोगों ने काबुल के प्राचीन असमाई मंदिर में नवरात्री का त्योहार मनाया।”

मालूम हो कि अफगानिस्तान के काबुल में स्थित ‘करता परवन गुरुद्वारे’ पर तालिबान ने 5 अक्टूबर को हमला बोल दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हथियार बंद तालिबानियों ने यहाँ गार्ड्स समेत कई लोगों को बंदी बना लिया था। उन्होंने परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे को भी तोड़ डाला। इसके बाद वे वहाँ से चले गए थे।

गौरतलब है कि तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद से वहाँ के स्थानीय निवासी डर के साये में जीने को मजबूर हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 220 से अधिक अफगान महिला जज तालिबानियों की सजा के भय से अभी भी खुफिया जगहों पर छिपी हुई हैं। उनका कसूर केवल इतना है कि वह महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ी। ये उन लोगों की रक्षक रही हैं, जो देश में हाशिए पर थे और न्याय चाहते थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनसंख्या 13.8 लाख, आधार कार्ड बने 14.53 लाख… बांग्लादेशियों की घुसपैठ के लिए बदनाम झारखंड में एक और ‘कमाल’, रिपोर्ट में दावा- 5 जिलों...

भाजपा की रिपोर्ट में सामने आया था कि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में वोटरों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़त 20% से 123% तक हुई है।

केरल के सरकारी स्कूल में मन रहा था क्रिसमस, हिंदू कार्यकर्ताओं ने पूछा- जन्माष्टमी क्यों नहीं मनाते: टीचरों ने लगाया अभद्रता का आरोप, पुलिस...

केरल के एक सरकारी स्कूल में क्रिसमस मनाए जाने पर कुछ हिन्दू कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए। इसके बाद उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
- विज्ञापन -