नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने ‘बिकिनी किलर’ के नाम से मशहूर फ्रेंच सीरियल किलर चार्ल्स (Charles Sobhraj) शोभराज की उम्र को देखते हुए उसे रिहा करने का आदेश दिया है। दो अमेरिकी टूरिस्टों की हत्या के जुर्म में चार्ल्स शोभराज साल 2003 से नेपाल की जेल में बंद में है। अभी वह 78 साल का है। नेपाल में 70 साल से अधिक उम्र के कैदियों की रिहाई का प्रावधान है। इस फैसले को लेकर चार्ल्स शोभराज की सास शकुंतला थापा ने खुशी जताई है।
Kathmandu, Nepal | On the release of Charles Sobhraj, lawyer and Mother in law of Charles, Sakuntala Thapa says “I’m happy and have great respect for our judiciary & Supreme court” https://t.co/mVPcPQykUo pic.twitter.com/b6pMzvXyya
— ANI (@ANI) December 22, 2022
20 से अधिक हत्या का आरोप
शोभराज पर 20 से अधिक हत्या करने का आरोप है। वह अपनी पहचान बदलने और जेल से भागने में माहिर है। 2003 में काठमांडू के एक कैसिनो में शोभराज को देखे जाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद उस पर मुकदमा चला था। हत्या का दोषी पाए जाने के बाद उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। कई सालों तक जेल में बंद रहने के बाद उसने नेपाल की जेल से रिहा होने के लिए याचिका दायर की थी। शोभराज ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह नेपाल के वरिष्ठ कैदियों को दी जाने वाली ‘छूट’ के अनुरूप अपनी सजा काट चुका है। उसने यह भी दावा किया कि वह 20 में से 17 साल की सजा पूरी कर चुका है और उसे उसके अच्छे आचरण के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया जाए।
कौन है चार्ल्स शोभराज
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चार्ल्स शोभराज का जन्म अप्रैल 1944 में वियतनाम में हुआ था। उसका असली नाम हतचंद भाओनानी गुरुमुख चार्ल्स शोभराज है। उसकी माँ वियतनाम की और पिता भारतीय मूल के थे। बताया जाता है कि उसके माता-पिता ने शादी नहीं की थी। उसके पिता ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद चार्ल्स की माँ वियतनाम में तैनात फ्रांस के एक फौजी लेफ्टिनेंट से मिली। फौजी ने उन दोनों को अपनाया। इस तरह चार्ल्स को फ्रांस की नागरिकता मिली। उस वक्त शोभराज 4 साल का था।
शोभराज पर वर्ष 1972 से 1982 के बीच 5 देशों भारत, थाईलैंड, नेपाल, तुर्की और ईरान में हत्या करने के 20 से ज्यादा आरोप लगे। 1976 में भारत में उसे पकड़ा गया। उसे यहाँ 12 साल की सजा सुनाई गई। तिहाड़ जेल में सजा काटने के दौरान उसने यहाँ से भागने का प्लान बनाया। 1986 में उसने जेल में अपने जन्मदिन की पार्टी दी। इसमें कैदियों के साथ जेल के गार्ड भी आए। पार्टी में दिए गए बिस्किट-फल में उसने नींद की दवा मिला दी थी। उसे खाते ही गार्ड और बाकी कैदी सो गए और वह 4 कैदियों के साथ जेल से भाग गया। लेकिन जब वह फिर पकड़ा गया तो अपनीद सजा पूरी करके फ्रांस चला गया।
बिकिनी किलर नाम कैसे पड़ा
शोभराज कई भाषाएँ बोलने और वेश बदलने में माहिर था। वह टूरिस्ट और युवतियों को अपना निशाना बनाता था। वह पहले उनसे दोस्ती करता। फिर ड्रग्स देकर उन्हें सुनसान इलाके में ले जाता और उनकी हत्या कर देता। इसके बाद वह उनके सामान के साथ उनकी आईडी चुरा लेता था। उसने जिन महिलाओं की हत्या की थी, उनमें से ज्यादातर ने बिकिनी पहनी हुई थी, इसलिए उसे ‘बिकिनी किलर’ के नाम से जाना जाता है। साल 1975 में उसने पहली बार बिकिनी पहनी महिला को मौत के घाट उतारा था। बताया जाता है कि शोभराज अनजान लोगों को धोखा देने, यूरोप और एशिया में पुलिस से बचने में माहिर था। इसीलिए उसे ‘द सर्पेंट’ भी कहा जाता था।
‘मैं और चार्ल्स’ फिल्म
शोभराज की जिंदगी पर साल 2015 में ‘मैं और चार्ल्स‘ फिल्म रिलीज हुई थी। इस फिल्म में रणदीप हुड्डा ने चार्ल्स का किरदार निभाया था। एक इंटरव्यू में रणदीप हुड्डा ने बताया था कि अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ का मशहूर डायलॉग- डॉन का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, उसे पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। शोभराज की जिंदगी से लिया गया था।
इसके अलावा नेटफिलिक्स पर दिखाई जाने वाली ‘द सर्पेंट’ वेब सीरीज चार्ल्स शोभराज की जिंदगी और उसके जुर्म की कहानी बताती है। इसमें फ्रैंच-अल्जीरियन एक्टर ताहर रहीम ने चार्ल्स का रोल निभाया है।