Saturday, November 16, 2024
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सेक्स से पहले लड़की का ‘हाँ’ कहना जरूरी, चुप रही-विरोध नहीं किया तो भी माना जाएगा रेप: स्पेन के नए कानून के बारे में जानिए

"अगर वह नहीं कहती है, तो इसका मतलब है नहीं होगा और अगर वह हाँ नहीं कहती है तो भी इसका मतलब नहीं ही होगा।"

स्पेन में ​एक दिल दहला देने वाली घटना के करीब 6 साल बाद दुष्कर्म के खिलाफ बेहद सख्त कानून लाया गया है। स्पेन की सरकार ने महिला अधिकारों को लेकर लंबे समय से हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए यह अहम कदम उठाया गया है। हाल ही में (26 मई 2022) संसद के निचले सदन में यौन संबंधों को बलात्कार की श्रेणी में लाने के लिए स्पेन में एक बिल पारित किया गया। इस बिल के मुताबिक, स्पेन में रेप पीड़िता को ये साबित करने की जरूरत नहीं होगी कि उसका दुष्कर्म हुआ है। अगर उसने सेक्स के लिए स्पष्ट रूप से सहमति नहीं दी है, तो वो रेप माना जाएगा।

वहीं अगर वह इस दौरान चुप रही या फिर किसी वजह से विरोध नहीं कर पाई तो भी इसे उसकी सहमति नहीं माना जाएगा। इस बिल को ‘ओनली यस मीन्स यस’ कहा जा रहा है। निचले सदन से पास होने के बाद अब इसे स्पेन की सीनेट में पेश किया जाएगा। आइए जानते हैं क्या है यह कानून, क्या है इसकी अहमियत और इसे बनाने के पीछे वजह क्या रही है।

नहीं से ज्यादा हाँ को अहमियत

इस कानून में सेक्स के लिए नहीं से ज्यादा हाँ को अहमियत दी गई है। नए कानून को लेकर स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने संसद में कहा, “अगर वह नहीं कहती है, तो इसका मतलब है नहीं होगा और अगर वह हाँ नहीं कहती है तो भी इसका मतलब नहीं ही होगा।” यानी अगर कोई लड़की या महिला सेक्स के लिए साफ तौर पर ‘हाँ’ नहीं कहती है या फिर चुप रहती है तो इस स्थिति में उसके साथ बनाए गए संबंध को रेप माना जाएगा। वहीं अगर महिला या लड़की स्पष्ट तौर पर सेक्स के हाँ कहती है, तो यह किसी भी तरह से रेप नहीं माना जाएगा।

इस कानून को लाने के पीछे की वजह

स्पेन में इस कानून को लाने के पीछे एक दिल दहला देने वाली घटना है। 7 जुलाई 2016 को स्पेन का काला दिवस माना जाता है। करीब दो साल तक चले इस केस में कोर्ट के सामने दुष्कर्म का वीडियो भी पेश किया गया था। इसे देखने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया था। अदालत ने बुल फेस्टिवल के दौरान 18 साल की एक लड़की से गैंगरेप करने वाले सभी पाँच आरोपितों को दोषी नहीं माना और उन्हें केस से बरी कर दिया था। इसकी वजह बनी थी, रेप के दौरान लड़की की खामोशी और उसकी आँखे बंद होना। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि गैंगरेप के समय लड़की की आँखें बंद थीं और वो खामोश थी, ऐसे में सेक्स में उसकी सहमति नजर आ रही है। अदालत ने इन पाँचों को बलात्कार की बजाय उससे कम गंभीर समझे जाने वाले अपराध यौन उत्पीड़न के तहत दोषी पाया था। पैम्पेलोना में हजारों लोग गैंगरेप पर कोर्ट के फैसले को लेकर आगबबूला हो गए थे और विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतर आए थे।

उन दरिंदों ने दुष्कर्म का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर भी शेयर कर दिया था। इस घटना ने स्पेन की जनता को झकझोर कर रख दिया था। उस दौरान लड़की की चुप्पी के कारण गैंग रेप का यह मामला सेक्स के लिए सहमति और असह​मति के फेर में फँस गया था। इसके बाद स्पेन में महिला अधिकारों को लेकर एक नई बहस छिड़ गई थी। इसी घटना के आधार पर यह नया कानून बनाया गया है, ताकि कोई भी रेप का गुनहगार बरी ना होने पाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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