Friday, May 16, 2025
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‘Pak ने हमारी इज्जत मिट्टी में मिला दी’: वायरल ऑडियो में तालिबान ने लताड़ा, सारे सीक्रेट दस्तावेज ले गई ISI

अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए गए 'हक्कानी नेटवर्क' के सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबानी शासन का 'गृह मंत्री' बनाया गया है। ISI चीफ ने डाला था दबाव।

जहाँ एक तरफ तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार का गठन कर लिया है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान ने अपनी ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के मुखिया को कई बड़े अधिकारियों के साथ हाल ही में काबुल भेजा था। अब एक नए लीक हुए ऑडियो से तालिबान व पाकिस्तान की दरार सामने आई है। पाकिस्तान काबुल में तालिबानी शासन को अपने हिसाब से नचाना चाहता है। इस ऑडियो से पाकिस्तान की मुसीबतें बढ़ गई हैं।

दरअसल, उस ऑडियो में कथित रूप से एक तालिबानी कमांडर दूसरे से बात करते हुए कह रहा है कि किस तरह पाकिस्तान ने पूरी दुनिया में तालिबान की बेइज्जती कराई है, संगठन की छवि को ठेस पहुँचाया है। इस ऑडियो में आ रही आवाज़ मुल्ला फज़ल की बताई जा रही है। वो फ़िलहाल अफगानिस्तान का ‘उप-रक्षा मंत्री’ है। एक पंजाबी अतिथि से बात करते हुए उसने कहा कि किस तरह ISI प्रमुख तालिबानी शासन में हस्तक्षेप कर रहे हैं।

तालिबान ने अपनी सरकार में ताजिक, उज्बेक और हाजरा जैसे अल्पसंख्यक समुदायों के अलावा पिछली सरकारों के नेताओं को जोड़ कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बनाने की योजना बनाई है। लेकिन, ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने काबुल का दौरा कर सरकार गठन में हस्तक्षेप किया। इस ऑडियो में तालिबान व ISI चीफ के बॉडीगार्ड्स के बीच फायरिंग की एक घटना का भी जिक्र किया गया है।

अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन घोषित किए गए ‘हक्कानी नेटवर्क’ के सिराजुद्दीन हक्कानी को तालिबानी शासन का ‘गृह मंत्री’ बनाया गया है। अलकायदा के साथ आत्मघाती हमलों को अंजाम दे चुका सिराजुद्दीन संगठन के संस्थापक का बेटा है और अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी FBI की ‘मोस्ट वॉन्टेड’ की सूची में है। जबकि तालिबान का दोहा समूह उदारवादी चेहरों को सरकार में चाहता था। लेकिन, तालिबान की योजना अब फेल होती दिख रही है।

ये भी खबर है कि अफगानिस्तान सरकार के कई गोपनीय दस्तावेज भी ISI के हाथ लग गए हैं। काबुल में मानवीय सहायता लेकर पहुंचे तीन C-170 विमान दस्तावेजों से भरे बैग लेकर रवाना हुए हैं। इधर तालिबान ने अपना शपथग्रहण समारोह भी टाल दिया है। खबर है कि पाकिस्तान बड़ी मात्रा में गोपनीय दस्तावेज, हार्ड डिस्क्स और अन्य डिजीटल सूचनाएँ ले गया है। इससे भारत पर भी असर पड़ने की आशंका है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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