पाकिस्तान स्थित पंजाब के लैय्या जिले में अश्लीलता की सारी हदें पार करने वाले एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसने सभी के होश उड़ा दिए हैं। इस गैंग के सरगना ने अपनी बीवी को जेल से रिहा कराने के लिए एक ऐसी साजिश रची कि पाकिस्तानी पुलिस भी गच्चा खा गई।
दरअसल, पाकिस्तान की लैयाह पुलिस एक ऐसे गिरोह की तलाश कर रही है जो कथित तौर पर एक लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार में शामिल है और जानवरों के साथ उसका अश्लील वीडियो बना रहा है और उसे पोर्न वेबसाइटों पर अपलोड कर रहा है।
पीड़िता के ‘अब्बू’ की शिकायत पर 16 संदिग्धों के खिलाफ लैयाह सिटी पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिनमें से नौ को ‘अनाम’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। वहीं मामले में जिन लोगों का नाम लिया गया है उनमें वसीम, अबरार, सलीम, राणा नवीद, शौकत, जाफर और नादिया शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गैंग के एक सदस्य ताजमुल ने लड़की का ‘अब्बू’ बन चौबारा थाने में गैंग-रेप की शिकायत दर्ज करवाई। वहीं पीड़िता ने एक वीडियो में दिए गए बयान में कहा कि उसे एक कॉल आया, जिसमें उसे बताया गया कि एक मामला जो वह अदालत में लड़ रही थी, सुनवाई के लिए तय कर दिया गया है। लेकिन जब वो कोर्ट पहुँची तो उसे पता चला कि जो कॉल आई थी वह फर्जी थी।
इसके बाद जब वो घर लौट रही थी तो वसीम अल्वी, इबरार बाबर और एक अन्य व्यक्ति जिसे वो नहीं पहचानती, ने उसका अपहरण कर लिया। वो उसे आजम चौक ले गए। जहाँ उन्होंने उसे पाँच दिनों तक बंद रखा और इस दौरान बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता ने कहा कि अपहरणकर्ताओं ने उसे कुत्तों के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने के लिए मजबूर किया।
पीड़िता ‘बेटी’ ने अपने बताया कि वो उसे पीटते थे, तस्वीरें लेते थे और इस घिनौनी हरकत की वीडियो रिकॉर्ड करते थे। वो इन वीडियो को विभिन्न पोर्न वेबसाइटों पर अपलोड करते थे और उनसे पैसे कमाते थे। बाद में, उन्होंने उसे 50,000 रुपए के लिए ब्लैकमेल भी किया और उसे देने के लिए मजबूर किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसका अश्लील वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। पुलिस को दी गई शिकायत में ये बयान दर्ज किया गया।
लड़की के ‘अब्बू’ बने ताजमुल हुसैन (असल में गैंग का सदस्य) की शिकायत पर पुलिस ने चौबारा थाने में केस 446/22 दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस जाँच करती गई तो पुलिस के सामने जो राज खुले उससे वो भी दंग रह गए। पुलिस के सामने जब खुद को पीड़ित बताने वाली ‘बेटी’ और उसके ‘अब्बू’ की सच्चाई आई तो पुलिस ने गिरोह के दोनों सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पुलिस ने शिकायत में नामजद सात में से तीन संदिग्धों को भी गिरफ्तार किया है। जबकि अन्य की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद लड़की का लैय्या जिला अस्पताल में मेडिकल परीक्षण कराया गया था, जिसके बाद पुलिस ने अबरार उर्फ बाबर, जफर हुसैन, शौकत पटवारी, सलीम अल्वी, राणा नवीद, नादिया और तजामुल की शिकायत पर दो अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस ने कथित तौर पर अश्लील वीडियो के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले तीन जानवरों में से एक को अपनी कस्टडी में ले लिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि गिरोह ने प्रशिक्षित जानवरों (कुत्तों) के साथ पोर्न वीडियो बनाया और उन्हें वेबसाइटों को बेच दिया। गैंग के सरगना और उसकी बीवी के खिलाफ कम से कम 24 मामले दर्ज किए गए हैं। इस गिरोह का सरगना राणा वसीम नाम का शातिर अपराधी है। ये भगोड़ा है और इसकी बीवी जेल में बंद है। ये चौक आजम का रहने वाला है। ये पुरुष और महिला साथियों की मदद से लड़कियों को ब्लैकमेल करता है।
अधिकारी ने कहा कि वसीम ने अपनी बीवी को जेल से छुड़ाने की योजना बनाई। जिसके लिए उसने पीड़िता के रूप में लड़की को अदालत में भेजा था और खुद को और गिरोह के कुछ सदस्यों को आरोपित के रूप में नामित किया था। साजिश के तहत इसने पुलिस और मीडिया को कुछ वीडियो क्लिप भी मुहैया कराए।
दरअसल, गैंग लीडर वसीम की पत्नी के खिलाफ यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने मुकदमा दर्ज कराया था। शौकत पटवारी, जो फेक सामूहिक बालात्कार के मामले में नामित है, शिकायतकर्ता छात्र का रिश्तेदार है और कथित तौर पर उस पर दबाव बनाने के लिए ये योजना बनाई गई थी।
इस केस के खुलासे के बाद दक्षिण पंजाब के अतिरिक्त आईजी ने इस केस को सॉल्व करने वाली टीम की सराहना की है। पंजाब के मुख्यमंत्री के विशेष सहायक सैयद रफाकत अली गिलानी ने मीडिया को बताया कि घटना में शामिल सभी लोगों की गिरफ्तारी और सजा सुनिश्चित की जाएगी। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस भी कार्रवाई करेगी।