आतंकवाद का समर्थन करने और आतंकियों को पालने—पोसने के कारण पाकिस्तान बड़ी मुसीबत में घिरता दिख रहा है। अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंसियल एक्शन टास्क फाॅर्स (FATF) पाकिस्तान को ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में डाल सकता है। इससे आर्थिक मोर्चे पर उसके लिए चीजें और मुश्किल हो जाएँगी। पाकिस्तान में पहले सही महॅंगाई आसमान छू रही है और अर्थव्यवस्था संकट में है। ऐसे में एफएटीएफ की कार्रवाई का उस पर विपरीत असर पड़ना तय है। हालाँकि, पाकिस्तान अब भी पूरी कोशिश में है कि उसे ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में न डाला जाए।
टेरर फाइनेंसिंग पर नज़र रखने वाली संस्था एफएटीएफ इस मामले में शुक्रवार (अक्टूबर 18, 2019) तक किसी ठोस निर्णय पर पहुँचेगी। पाकिस्तान के वित्तीय मामलों के मंत्री हम्माद अज़हर भी एफटीएफ के सेशन में पहुँचे और अपने देश का पक्ष रखा। जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में डाल दिया था और उसे ’27 प्वाइंट एक्शन प्लान’ सौंपा गया था। अब एफएटीएफ इन सभी 27 बिंदुओं की समीक्षा कर रहा है, जिसके बाद यह तय किया जाएगा कि पाकिस्तान को ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में डाला जाए या नहीं।
Sources indicate that Pakistan is on the verge of strong action by FATF, given its inadequate performance, whereby it managed to pass in only 6 of 27 items.
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) October 14, 2019
फ्रांस के पेरिस में चल रही बैठक में एफएटीएफ यह भी देखेगा कि पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग के मामले में क्या कार्रवाई की है? पाकिस्तान को इस मामले में चीन, तुर्की और मलेशिया से मदद की आस थी। पिछली बार उसे ब्लैकलिस्ट होने से इन्हीं तीन मुल्कों ने बचाया था। लेकिन, इस बार ये तीनों देश भी उससे किनारा करते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि दिखावे के लिए इस बैठक से कुछ दिनों पहले पाकिस्तान ने आतंकी हाफिज सईद से जुड़े कुछ लोगों को गिरफ़्तार किया था। इससे पहले इमरान ख़ान के अमेरिका दौरे से पहले भी पाकिस्तान ने आतंक के ख़िलाफ़ कार्रवाई का नाटक किया था।
If the Financial Action Task Force is to have any future credibility it must blacklist Pakistan or Pakistan will continue to use terrorism as part of its foreign policy creating more instability & a risk that terrorists can seize Pakistan’s nuclear weapons.https://t.co/BnzxL9ncCC
— Lawrence Sellin (@LawrenceSellin) October 6, 2019
यह भी जानने लायक बात है कि एफएटीएफ के ‘ग्रे’ लिस्ट और ‘ब्लैक’ लिस्ट के बीच में ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट होता है, जो किसी भी देश के लिए अंतिम चेतावनी के रूप में काम करता है। एफएटीएफ में पाक्सितान बिलकुल अलग-थलग हो चुका है। हालाँकि, एफएटीएफ की अध्यक्षता चीन के पास होने के कारण ऐसी आशंका जताई जा रही कि शायद पाकिस्तान ‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में जाने से बच जाए। अमेरिकी सेना के रिटायर्ड कर्नल लॉरेंस सेलिन ने कहा कि आतंक समर्थक पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में न डालने से एफएटीएफ की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होंगे।