Saturday, November 16, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबलूचिस्तान के 40 करोड़ टन के सोने व ताम्बे के खदान चीन को सौंपे:...

बलूचिस्तान के 40 करोड़ टन के सोने व ताम्बे के खदान चीन को सौंपे: कंगाल Pak के खिलाफ बलूचों ने किया विरोध प्रदर्शन

पाकिस्तान में चीन की इस कंपनी को सैंडक मेटल्स लिमिटेड या एसएमएल के नाम से रजिस्टर किया गया है। इससे बलूचिस्तान में गुस्सा व्याप्त हो गया है और चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत के खिलाफ विरोध जताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि चीन उनके इलाक़े से खनिज चुरा-चुरा कर अपने देश में ले जा रहा है।

जहाँ एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण आपदा से परेशान है, पाकिस्तान और चीन मिल कर भारत को परेशान करने में लगे हुए हैं। पाकिस्तान भले ही 100 अरब डॉलर के लोन के साथ कंगाली की ओर बढ़ रहा है लेकिन बलूचिस्तान में उसने चीन को खुली छूट दे रखी है, जिससे वहाँ के स्थानीय लोग हलकान हैं। मार्च से अब तक पाकिस्तान में 2 करोड़ नौकरियाँ जा चुकी हैं और 2000 उद्योग ठप्प हुए हैं।

पाकिस्तान में रहने वाले बलूचिस्तान के बलूच अब चीन के बढ़ते निवेश के कारण नाराज़ हैं। चीन की एक कपनी की नज़र बलूचिस्तान में सोने और ताम्बे के खदानों पर थी, जिसके बाद उसने खनन का ठेका भी ले लिया। बलूचिस्तान प्रांत के चागी जिले में स्थित सैंडक के सैंडक कॉपर-गोल्ड प्रोजेक्ट पर फिर से काम शुरू हो गया है। चीन की कम्पनी मेटालर्जिकल कॉर्पोरेशन को अगले 10 सालों के लिए ये टेंडर सौंप दिया गया है।

पाकिस्तान में चीन की इस कंपनी को सैंडक मेटल्स लिमिटेड या एसएमएल के नाम से रजिस्टर किया गया है। इससे बलूचिस्तान में गुस्सा व्याप्त हो गया है और चीन-पाकिस्तान की मिलीभगत के खिलाफ विरोध जताया जा रहा है। लोगों का कहना है कि चीन उनके इलाक़े से खनिज चुरा-चुरा कर अपने देश में ले जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 2001 से ही काम शुरू हो गया था। इसके लिए चीन को बार-बार एक्सटेंशन दिया गया।

2002 में इस प्रोजेक्ट को 10 साल के लिए चीन की कम्पनी को सौंपा गया था। इसके बाद 2012 में 10 साल पूरे होने पर फिर से उसे 5 साल का एक्सटेंशन दिया गया। 2017 में चीन के डर से पाकिस्तान ने फिर से एक्सटेंशन दिया। अब 2020 में फिर से इस प्रोजेक्ट को 15 वर्षों के लिए आगे बढ़ाया गया था। पाकिस्तान सरकार इस प्रोजेक्ट के माध्यम से 4.5 करोड़ डॉलर के निवेश की उम्मीद कर रही है।

पाकिस्तान के लोगों का दावा है कि इस खादान में 40 करोड़ टन से भी अधिक धातुओं (सोना और ताम्बा) के भण्डार मौजूद हैं। जहाँ बलूचिस्तान को पाकिस्तान ने वर्षों से अपने मुल्क का सबसे गरीब प्रान्त बना कर रखा हुआ है, प्रान्त को पाकिस्तान से आज़ाद कराने की भी मुहीम चल रही है। 2005 में पाकिस्तान ने फ़ौज के जरिए दमनकारी अभियान चलाया था। कराची स्टॉक एक्सचेंज पर हुए हमले के लिए भी बलूचिस्तान के संगठन को जिम्मेदार बताया गया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -