परसन्ताप की पराकाष्ठा का प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तानियों ने चंद्रयान-2 के 3.84 लाख किलोमीटर के सफर में महज़ आखिरी 2 किलोमीटर की गड़बड़ की खिल्ली उड़ानी शुरू कर दी। ट्विटर पर रॉ एजेंटों की जानकारी बटोरने वाले साइंस और टेक्नॉलजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन इसमें सबसे आगे हैं। ऐसे में “सूप बोले तो बोले, छलनी क्या बोले जिसमें खुद ही बहत्तर छेद” की तर्ज पर पाकिस्तान के खुद के ‘साइंसदानों’ के कारनामों पर एक नज़र डालना ज़रूरी है:
पानी की टार्ज़न कार
स्वघोषित ‘अविष्कारक’ आगा वकार ने 2012 में दावा किया कि उन्होंने पानी से ऊर्जा लेकर चलने वाली कार बना ली है। उनके मुताबिक उस कार की ऊर्जा पानी को हाइड्रोजन-ऑक्सीजन में तोड़ने से उत्पन्न होती थी।
हालाँकि वहाँ की मुट्ठी-भर वैज्ञानिक कौम ने इस दावे की हवा निकाल दी, लेकिन उसी देश की जाहिल जनता ने वकार को सर पर बैठा लिया। टीवी शो होस्ट से लेकर मंत्रियों तक सबने आगा वकार को रातोंरात पाकिस्तान का स्टार बना दिया। चोरी की तकनीक से परमाणु बम बनाने वाले अब्दुल कादीर खान तक ने भी आगा को ‘सर्टिफिकेट’ दिया किसी भी तरह की धांधलेबाजी नहीं करने की!
सूरज-पानी से पेट्रोल
2018 में कमर आगा का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक पाकिस्तानी, वो भी वैज्ञानिक नहीं बल्कि नेता, ने दावा किया कि वह पानी और सौर ऊर्जा से पेट्रोल बना सकता है। डॉ. मुअज़्ज़म निज़ामी ने, जो पाकिस्तान अमन लीग के चेयरमैन हैं, दावा किया कि वह और उनके सहयोगी “पेट्रोल बनाने के नए तरीके के अलावा सोलर रेडिएशंस से चीनी निकालने में भी” सफल हुए हैं। उन्होंने इसके लिए 95 करोड़ पाकिस्तानी रुपयों की माँग की, और उम्मीद जताई कि अगले आम चुनावों के पहले तक वे यह पेट्रॉल जनता को मुहैया करा देंगे।
पाकिस्तानी एजेंसी ने भेजा हबल टेलिस्कोप!!!
पाकिस्तान के साइंस और टेक्नॉलजी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने दावा किया कि दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष दूरबीनों में से एक हबल टेलिस्कोप को NASA ने नहीं, पाकिस्तान की स्पेस एजेंसी SUPARCO ने भेजा था। जबकि सच्चाई यह है कि SUPARCO (Space and Upper Atmosphere Research Commission – पाकिस्तान की नेशनल स्पेस एजेंसी) ने अपना पहला सैटेलाइट ही 1990 में भेजा था, 30 साल की जद्दोजहद के बाद, वह भी चीन के तरस खा कर मदद करने पर!
फिदायीन जिहादी भी ‘अविष्कार’?
फवाद ने एक ट्वीट में यह भी कहा था कि पाकिस्तान “सबसे अच्छे” आत्मघाती बम धमाके करने वाले हमलावर पैदा करता है। हालाँकि अब उन्होंने वह ट्वीट डिलीट कर दिया है, लेकिन यह तो एक बार फिर रिकॉर्ड में आ ही गया है कि ये जिहादी कोई धोखे से आए ‘डिफेक्टिव पीस’ नहीं, मुख्य ‘प्रोडक्ट’ हैं जिन्ना की फैक्ट्री के।
This has now been deleted ?? pic.twitter.com/NjIVsTKVHH
— Naila Inayat नायला इनायत (@nailainayat) September 7, 2019
हेपेटाइटिस ‘चूसने’ वाले कबूतर
पाकिस्तान के एक आदमी का वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह एक कबूतर का नितम्ब वाला भाग एक कथित हेपेटाइटिस-बी के मरीज की नाभि से सटाते हुए दावा करता है कि कबूतर का नितम्ब हेपेटाइटिस के ‘कीड़े’ को चूस रहा है।
जिन्नातों के साथ भी जिहाद!
पाकिस्तान ने इंसानों से साथ-साथ अब जिन्नातों को भी “मजहबी” और “काफिर” में बाँटना शुरू कर दिया है। यही नहीं, अब धरती के बाद “ऊपरी दुनिया” में भी ‘दार-उल-इस्लाम’ बनाने का शौक इस कदर इनके सिर चढ़ा हुआ है कि “काफिर” जिन्नों को भी जबरन अल्लाह-परस्त जिन्न बनाने के लिए पाकिस्तानी बाकायदा कर्म-कांड करते हैं।