इस्लामी आतंकी संगठन हमास के 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमले के बाद अब गाजा की महिलाएँ परेशानी में पड़ गई हैं। इजरायल-हमास के हमले के जवाब में गाजा पर बमबारी कर रहा जिसके कारण महिलाएँ अपना पीरियड आगे बढ़ा रही हैं।
दरअसल, इसके पीछे गाजा में साफ़-सफाई, पानी की कमी और बाकी दवाइयों का ना होना बड़ा कारण है। गाजा की नाकेबंदी के कारण कोई भी सामान वहाँ नहीं पहुँच रहा है। गाजा में इन महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन, मेंस्टुरल कप और पीरियड्स के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाने वाली दवाइयाँ उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।
ये महिलाएँ अस्पताल भी डॉक्टरों की सलाह लेने नहीं जा पा रही हैं क्योंकि अधिकांश अस्पताल गाजा में घायलों का इलाज कर रहे हैं या फिर बंद हो गए हैं। ऐसे में ये महिलाएँ इसी पीरियड लेट करवाने वाली दवाई का सहारा दर्द और बाकी समस्याओं से बचने के लिए ले रही हैं। हालाँकि, इस तरह की दवाएँ इनके स्वास्थ्य को नुकसान भी पहुँचा सकती हैं।
फिलिस्तीनी महिलाओं की इस हालत के पीछे इस्लामी आंतकी संगठन हमास बड़े स्तर पर जिम्मेदार है। जहाँ एक ओर युद्ध की वजह से महिलाओं को दवाइयाँ और बाकी जरूरी वस्तुएँ नहीं मिल पा रहीं वहीं हमास के आतंकी गाजा के भीतर पहुँचने वाली मदद को भी लूट रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और बाकी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा गाजा के भीतर गया राहत का सामान लगातार आतंकी हितों कि पूर्ति के लिए लूटा जा रहा है। हमास के आतंकी पहले से गोदामों में रखा हुआ सामान भी लूट रहे हैं। इन करतूतों में गाजा के नागरिक भी शामिल हैं। वहीं इजरायल ने भी गाजा के भीतर आतंकियों को निशाना बनाने और हवाई हमलों में तेजी लाई है। इजरायली सुरक्षा बलों ने गाजा के भीतर जबालिया कैम्प पर हमला किया है जिसमें बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।
7 अक्टूबर को हमास के हमले के जवाब में इजरायल द्वारा किए गए हवाई हमलों में अब तक गाजा के भीतर 8000 से अधिक आतंकियों की मौत हो चुकी है। इजरायल छोटे स्तर पर गाजा के भीतर जमीनी ऑपरेशन भी कर रहा है। इस बीच गाजा और मिस्र के बीच की राफाह क्रॉसिंग से विदेशियों की निकासी 1 नवम्बर से चालू हो गई है।