भारत में कोरोना की दूसरी लहर इतनी बढ़ गई है कि कई राज्यों में ऑक्सीजन और हॉस्पिटल बेड्स के लिए हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में कई देशों ने आगे आकर मदद की पेशकश की है तो कइयों ने मदद भेज भी दी है। अब IPL में पिछले साल सबसे महँगे बिकने वाले ऑस्ट्रेलिया के तेज़ गेंदबाज पैट कमिंस ने पीएम केयर्स फण्ड में 50,000 डॉलर (37.36 लाख रुपए) का योगदान दिया है। उन्होंने अन्य IPL खिलाड़ियों से भी ऐसा करने की अपील की।
अब तक सिंगापुर, यूरोपियन यूनियन, UAE, रूस और सऊदी अरब ने भारत की सहायता की है। सिंगापुर से भारतीय वायुसेना ने 4 क्रायोजेनिक ऑक्सीजन टैंक्स को एयरलिफ्ट किया। इसे सिंगापुर के चंगी से पश्चिम बंगाल के पणगढ़ लाया गया। ये इस तरह का पहला इम्पोर्ट था। भारत के केंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने भी दुनिया भर के देशों से साथ आने की अपील की है। सऊदी अरब से भी 800 मीट्रिक टन लिक्वीड अक्सीजन आया है।
Embassy of India is proud to partner with Adani group and M/s Linde in shipping much needed 80MT liquid oxygen to India. Our hearfelt thanks to Ministry of Health Kingdom of Saudi Arabia for all their help, support and cooperation.@MEAIndia @drausaf @SaudiMOH @HMOIndia pic.twitter.com/6j8NuGwtCB
— India in Saudi Arabia (@IndianEmbRiyadh) April 24, 2021
कई देशों में भारतीय दूतावास वहाँ के ऑक्सीजन उत्पादक कंपनियों के साथ संपर्क में हैं। UAE भी भारत में ऑक्सीजन भेज रहा है। रूस और यूरोपियन यूनियन ने ऑक्सीजन के साथ-साथ कई दवाओं की खेप भी भेजने का निर्णय लिया है। पाकिस्तान के भी एक चैरिटी संस्थान ने पीएम मोदी को पत्र लिख कर 50 एम्बुलेंस और इमरजेंसी स्टाफ्स भेजने की पेशकश की। जर्मनी में भारतीय दूतावास भी वहाँ से सहायता के लिए बातचीत कर रहे हैं।
जर्मनी के दूतावास ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन बनाने के लिए मैटेरियल्स बनाने वाली कंपनियों के साथ वो संपर्क में है और दुनिया भर में कोरोना टीकाकरण और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए भारत में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया का सफल होना ज़रूरी है। भारत ने फ़िलहाल मेडिकल सप्लाई की एक्सपोर्ट भी रोक दी गई। 10 दिन पहले अल्बानिया और सीरिया में बड़ी सप्लाई भेजी गई थी, उसके बाद से बड़े शिपमेंट्स पर लगभग रोक है।
— Pat Cummins (@patcummins30) April 26, 2021
मंगलवार को यूके से भी मेडिकल सहायता आएगी। इनमें 495 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर्स आ रहे हैं, जो अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने पर हवा में से ऑक्सीजन खींच सकते हैं। 120 नॉन-इनवेसिव वेंटिलेटर और 20 मैन्युअल वेंटलेटर आ रहे हैं। यूरोपियन कमिशन ने भी कहा है कि वो जल्द से जल्द संसाधन जुटा कर भारत भेज रहा है। उधर पहले मना करने के बाद अब अमेरिका ने भी रॉ मैटेरियल्स की सप्लाई की घोषणा कर दी।
कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) के पैट कमिंस ने कहा, “मैं पिछले 10 वर्षों से भारत आ रहा हूँ और इससे काफी प्यार करता हूँ। यहाँ के लोग दयालु और अच्छे हैं। इस पर खासी चर्चा हो रही थी कि इस त्रासदी में IPL हो या नहीं। लेकिन, कइयों का मानना है कि इससे घरों में बैठे लोगों को रोज कुछ घंटे का मनोरंजन मिलेगा। हमें एक खिलाड़ी के रूप में ऐसा प्लेटफॉर्म मिला है, जिससे हम लाखों लोगों तक पहुँच सकते हैं। मेरा योगदान बड़ा नहीं है, लेकिन आइए हम सब मिल कर लोगों के जीवन में उजाला लाएँ।”
यूनाइटेड स्टेटस ने थेराप्यूटिक्स, रैपिड डायग्नोसिस टेस्ट किट्स, वेंटिलेटर्स और PPE भी उपलब्ध कराने की बात कही है। 2022 के अंत तक भारत में वैक्सीन बनाने वाली BioE कम से कम 100 करोड़ वैक्सीन के डोज का निर्माण कर सके, इसके लिए US का डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (DFC) वित्तीय सहायता मुहैया कराएगा। इसके अलावा वहाँ के सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (CDC) और USAID के विशेषज्ञों की एक टीम भारत के साथ मिल कर काम करेगी।