प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (मार्च 26, 2021) को बांग्लादेश में होंगे। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के गोल्डन जुबली समारोह में उन्हें ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के रूप में आमंत्रित किया गया है। ये कार्यक्रम राजधानी ढाका में होगा। बांग्लादेश मार्च 26, 1971 को स्वतंत्र हुआ था। एक तरफ जहाँ बांग्लादेश पीएम मोदी के स्वागत को तैयार है, वहीं वहाँ पाकिस्तान का समर्थन करने वाले व कट्टर इस्लामी समूहों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया है।
बांग्लादेश की सुरक्षा एजेंसियाँ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम कर रही है, क्योंकि पाकिस्तान समर्थित इस्लामी कट्टरवादी समूह ‘हिफाज़त’ ने धमकी दी है कि वो पीएम मोदी के रास्ते को ब्लॉक करेंगे। एयरपोर्ट से उन्हें सड़क मार्ग से ही यात्रा करनी है। मुल्क की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने ऐसे किसी भी प्रयास पर कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया है। ये दौरा इसीलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि भारत-बांग्लादेश का ट्रांसपोर्ट सुचारु हो जाए तो दोनों देश की आय 10% से भी अधिक बढ़ जाएगी।
उधर पीएम मोदी के दौरे को लेकर छात्रों के दो गुट में झड़प भी हुई। ‘प्रगतिशील छात्र जोट’ ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के खिलाफ ढाका यूनिवर्सिटी के ‘टीचर्स स्टूडेंट सेंटर (TCS)’ के सामने विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया था। तभी ‘छात्र लीग’ ने हमला बोल दिया और विरोधियों को पकड़-पकड़ कर पीटा। 20 छात्र नेता घायल हो गए। इनमें ‘समाजतांत्रिक छात्र फ्रंट’ के अध्यक्ष मसूद राणा को भी गहरी चोटें आई। घायलों को इलाज के लिए ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है।
ये घटना मंगलवार (मार्च 23, 2021) को शाम साढ़े 5 बजे हुई। उससे कुछ दिन पहले बांग्लादेश छात्र लीग (BCL) के नेता और संगठन की ढाका यूनिवर्सिटी यूनिट के अध्यक्ष संजीत चंद्रा दास ने एक रैली की थी, जिसमें उन्होंने मोदी-विरोधी प्रदर्शनकारियों को चेताते हुए कहा था कि अगर किसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया तो उसकी चमड़ी उधेड़ दी जाएगी।
‘प्रोग्रेसिव स्टूडेंट्स अलायन्स’ के संयोजक अल कादरी जॉय ने बताया कि उनलोगों का विरोध-प्रदर्शन पहले से ही प्लांड था और पीएम मोदी का पुतला भी जलाया जाना था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम के दौरान ही छात्र लीग के नेताओं ने ईंट-पत्थर और पेड़ की टहनियाँ हाथ में लेकर हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि पहले हमले के बाद जब वहाँ से कोई नहीं गया तो दूसरी बार हमला किया गया।
वहीं छात्र लीग के महासचिव लेखक भट्टाचार्जी ने आरोप लगाया कि यूनिवर्सिटी कैम्पस के दो वामपंथी छात्र गुटों ने आपस में ही लड़ाई की और हमारे छात्र बीच में फँस गए। उन्होंने कहा कि उनके संगठन का इस हमले से कोई लेना-देना नहीं। वामपंथी समूहों का कहना है कि उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया। एक पत्रकार के कैमरे पर हेलमेट से वार किया गया। घायलों में दोनों तरफ के छात्र शामिल हैं।
Ruling party activists at Raju sculpture in Dhaka University campus today welcome political leaders of various countries on the occasion of golden jubilee of #Bangladesh‘s Independence. The left wing student groups was scheduled to hold an anti-modi protest but its now occupied. pic.twitter.com/KKgiJY8AMj
— md MUKTADIR rashid ROMEO (@muktadirnewage) March 19, 2021
वहीं कई पाकिस्तानियों ने ‘हिफाज़त-ए-इस्लाम’ संगठन के उस घोषणा का स्वागत किया है, जिसमें उसने पीएम मोदी को ढाका में न घुसने देने की धमकी दी है। वहीं ग्लादेश लिबरेशन समर्थक गुट का कहना है कि भारत ने मुल्क की स्वतंत्रता में साथ दिया था, इसीलिए ISI मतभेद पैदा कर रहा है। बदले में कई बांग्लादेशियों ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाते हुए पूछा कि विकास के मामले में वो इतना पीछे क्यों है?
कुछ ही दिनों पहले जुमा की नमाज के बाद 500 मुस्लिमों ने बांग्लादेश के बैतुल मोकर्रम मस्जिद के बाहर मार्च किया था। बड़ी तादाद में इस्लामी टोपी पहने और बड़ी-बड़ी दाढ़ी रखे लोगों ने सड़कों पर भारत और भारत के प्रधानमंत्री के विरुद्ध नारेबाजी की थी। इन सभी के हाथ में चप्पल थी और ये माँग कर रहे थे कि प्रधानमंत्री मोदी के ढाका दौरे को निरस्त किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा था, “अगर नरेंद्र मोदी को बांग्लादेश आने को कहा गया तो हम आतंकी बन जाएँगे। बंगाल बनेगा अफगानिस्तान और हम बनेंगे तालिबान।”