Friday, September 13, 2024
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अमेरिका ने कहा – यूक्रेन से रूसी फौजें तत्काल निकले, रूस ने Veto कर सभी 11 देशों को किया चुप

अमेरिकी प्रस्ताव के पक्ष में अल्बानिया, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, गाबोन, मैक्सिको, ब्राजील, घाना और केन्या ने वोट दिया। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें यूक्रेन में उसके सैन्य अभियान की निंदा की गई। इस प्रस्ताव में रूसी फौजों को यूक्रेन से तत्काल निकलने की माँग भी शामिल थी। यह प्रस्ताव अमेरिका द्वारा लाया गया था। इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 11 सदस्यों ने वोट दिया। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात हालाँकि अनुपस्थित रहे। यह प्रस्ताव शुक्रवार (25 फरवरी 2022) को लाया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के साथ अल्बानिया ने भी इस प्रस्ताव को साझे तौर पर पारित करवाने का प्रयास किया। प्रस्ताव में रूस द्वारा युद्ध विराम के साथ डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) पर रूस द्वारा अपने फैसले को रद्द करना शामिल था। रूस ने इस प्रस्ताव को वीटो कर दिया, मतलब अस्वीकार कर दिया।

संयुक्त राष्ट्र के 5 स्थाई सदस्य देशों में रूस भी है। स्थाई देश में से किसी को भी किसी प्रस्ताव को वीटो करने का अधिकार प्राप्त है। अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने हालाँकि रूस को इस से दुनिया भर में अलग-थलग पड़ जाने की चेतावनी दी।

अमेरिकी प्रस्ताव के पक्ष में अल्बानिया, इंग्लैंड, फ्रांस, आयरलैंड, नॉर्वे, गाबोन, मैक्सिको, ब्राजील, घाना और केन्या ने वोट दिया। भारत, चीन और संयुक्त अरब अमीरात ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। तीनों देशों ने मामले को बातचीत से सुलझाने की बात कही। अमेरिका अब इस मामले को जनरल एसेम्बली में उठा सकता है। यहाँ लाए गए प्रस्ताव को वीटो नहीं किया जा सकता। जनरल एसेम्बली में पारित प्रस्ताव को लेकर सदस्य देशों पर हालाँकि बाध्यता नहीं होती है।

रूस ने सोमवार (21 फरवरी) को यूक्रेन के दो इलाकों को स्वतंत्र बताया था। रूस ने इन दोनों डोनेत्स्क (Donetsk) और लुहांस्क (Luhansk) को दो स्वतंत्र राष्ट्र बताया था। इन देशों ने रूस के साथ सैन्य समझौता किया। साथ ही रूसी सेना की सहायता माँगी। यूक्रेन पिछले 7 वर्षों में इसका शांतिपूर्ण स्थाई समाधान निकालने में विफल रहा है।

गुरुवार (24 फरवरी) को रूस के राष्ट्रपति ने अपनी सेना को दोनों नए राष्ट्रों के नागरिकों की रक्षा करने का आदेश दिया। इस आदेश में यूक्रेन के सैनिकों से सरेंडर करवाना शामिल था। इससे पहले रूस ने यूक्रेन से तटस्थ रहने की कसम खाने और विदेशी हथियारों को अपनी जमीन पर न प्रयोग करने की सलाह दी थी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने रूस के हमले को अप्रत्याशित और बेवजह बताया है। 2 दिन पहले जेलेंस्की ने अपने देश के नागरिकों से युद्ध के लिए हथियार उठाने को कहा था।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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