Wednesday, October 16, 2024
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माँ सरस्वती की प्रतिमा का सिर धड़ से अलग, भुजाएँ तोड़ी: बांग्लादेश के एक और मंदिर में तोड़फोड़-आगजनी

इससे पहले बांग्लादेश के मगुर जिले के मोहम्मदपुर उपजिला में 400 साल पुराने परुर्कुल अष्टग्राम महा श्मशान और राधा गोबिंद आश्रम में आग लगाने की घटना सामने आई थी।

बांग्लादेश में एक और मंदिर को निशाना बनाए जाने की घटना सामने आई है। बोगुरा जिले के धूनोत उपजिला के एक मंदिर में माँ सरस्वती की प्रतिमा तोड़ दी गई। घटना आज (मार्च 30, 2021) सुबह करीब 4 बजे की है। बोगुरा पुलिस ने भी इस मामले में पुष्टि की है।

बांग्लादेशी मीडिया वेबसाइट द डेली स्टार के मुताबिक, मंदिर की केयरटेकर सुमोति रानी सेबायत ने बताया कि वह रात में पूजा कर अपने घर गईं। सुबह 4 बजे जब लौटीं तो मंदिर का बाड़ और कुछ कपड़े जलते दिखाई दिए। वह घबराकर मंदिर में गईं तो माता की मूर्ति से सिर बिलकुल अलग था और उनके भुजाओं को तोड़ दिया गया था। उनकी शिकायत पर इलाके के एसीपी ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपितों की पहचान नहीं हो पाई है।

इससे पहले बांग्लादेश के मगुर जिले के मोहम्मदपुर उपजिला में 400 साल पुराने परुर्कुल अष्टग्राम महा श्मशान और राधा गोबिंद आश्रम में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा आग लगाने की घटना सामने आई थी। आग से आश्रम के कुछ कमरे, रथ और मूर्तियाँ जलकर खाक हो गईं।

मोहम्मदपुर उपजिला परिषद की पूर्व उपाध्यक्ष और हिंदू-बौद्ध क्रिश्चियन ओइक्या परिषद की आयोजन समिति की पूर्व सचिव स्वप्न रानी बिस्वास ने बताया था कि कुछ सफाई कर्मचारी गुरुदास मंदिर में आए तो उन्होंने आग लगी देखी। प्रशासन और दमकल को सूचना दी गई। हालाँकि, मोहम्मदपुर से फायर ब्रिगेड के पहुँचने से पहले आग बुझा दी गई।

स्वप्न रानी ने घटना को सांप्रदायिक झड़पों को उकसाने और राजनीतिक अशांति पैदा करने वाला करार दिया। वहीं सहायक आयुक्त भूमि हरकृष्ण अधिकारी ने बताया कि घटना में आश्रम के दो कमरे क्षतिग्रस्त हुए हैं। मूर्ति भी टूटी हैं। आग लगने से रथ भी जल गए हैं। उन्होंने कहा कि जाँच के बाद ही घटना के लेकर यकीनी तौर पर कुछ कहा जा सकता है।

गौरतलब है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश से लौटने के बाद कट्टरपंथी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम ने चटगाँव स्थित ब्राम्हनबरिया में हिंसा की थी। हिफाजत समर्थकों ने यहाँ मंदिर में रखी माँ काली और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को तोड़ दिया था। श्री श्री आनंदमयी काली मंदिर कमेटी के अध्यक्ष आशीष पॉल ने बताया कि हम डोल पूर्णिमा के अवसर पर मंदिर में पूजा कर रहे थे। इसी दौरान हिफाजत-ए-इस्लाम के करीब 200 से 300 हथियारबंद लोग मंदिर का गेट तोड़कर अंदर घुस आए। हमने काली माँ की मूर्ति को बचाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने हमें ढकेलकर काली माँ की मूर्ति को तोड़ दिया।

मोदी की यात्रा के विरोध में कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों ने विरोध-प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प की, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हुई। इसके बाद पूर्वी बांग्लादेश में एक ट्रेन को हिफाजत-ए-इस्लाम ने निशाना बनाया था। राजशाही के पश्चिम जिले में दो बसों में आग लगाई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी भी की।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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