दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति द्वारा पैंट में पेशाब करने का वीडियो वायरल होने के बाद सुरक्षा बलों ने 6 पत्रकारों को हिरासत में लिया है। सुरक्षा बलों को संदेह है कि राष्ट्रगान के दौरान हुई इस घटना का फुटेज इन्हीं पत्रकारों ने वायरल किया है। पत्रकारों की हिरासत को लेकर अंतरराष्ट्रीय संस्था ने आपत्ति जताई है।
71 वर्षीय राष्ट्रपति सल्वा कीर का यह वीडियो क्लिप एक आधिकारिक कार्यक्रम के दौरान फिल्माया गया है। दरअसल, वीडियो में सल्वा कीर राष्ट्रगान के लिए खड़ा दिखाई दे रहे हैं। इसी दौरान उनकी पैंट पर एक दाग फैल गया और यह दाग उनके पैरों तक फैल गया। कीर और उनके दल द्वारा नोटिस किए जाने के बाद कैमरा अचानक से दूर हो जाता है।
कीर की इस घटना का वीडियो वायरल हो गया। इसके बाद दक्षिण सूडान के नेशनल सिक्योरिटी सर्विसेज के अधिकारियों ने सरकारी चैनल दक्षिण सूडान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (SSBC) के छह पत्रकारों को हिरासत में ले लिया। अधिकारियों को संदेह है कि फुटेज इन्हीं पत्रकारों ने जारी किया है।
पत्रकारों के हित के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने इन पत्रकारों को तुरंत रिहा करने की माँग की। संस्था के अधिकारियों को कहना है कि हिरासत में लेने का यह अफ्रीकी देशों वाला वही पैटर्न है, जब अधिकारियों को लगता है कि कवरेज उनके अनुसार नहीं है तो वे पत्रकारों को गिरफ्तार कर लेते हैं।
CJP ने बताया कि जिन पत्रकारों को हिरासत में लिया गया है, वे हैं- कंट्रोल रूम के निदेशक जोवाल टोम्बे, कैमरा ऑपरेटर और तकनीशियन विक्टर लाडो, कैमरा ऑपरेटर जोसेफ ओलिवर और जैकब बेंजामिन, कैमरा ऑपरेटर और तकनीशियन मुस्तफा उस्मान और कंट्रोल रूम तकनीशियन चेरबेक रूबेन हैं।
कीर का यह वीडियो पिछले महीने सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था। वीडियो में राष्ट्रपति की हालत देखकर उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठने लगे थे और गरीबी एवं भुखमरी जूझ रहे दक्षिणी सूडान को चलाने की उनकी क्षमता पर सवाल उठने लगे थे। हालाँकि, अधिकारी उनके स्वास्थ्य को लेकर उठने वाले सवालों को हमेशा नकारते रहे हैं।
बता दें कि साल 2011 में स्वतंत्रता के बाद से कीर दक्षिण सूडान पर शासन कर रहे हैं। कीर के सत्ता सँभालने के बाद से देश में कभी चुनाव नहीं हुए हैं। हालाँकि, पहला चुनाव साल 2024 में निर्धारित किया गया है।