श्रीलंका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे गत दिनों भारत के दौरे पर आए थे। इस दौरान राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उनकी बैठक भी हुई। यह भी गौर करने लायक बात है कि राजपक्षे ने राष्ट्रपति बनने के बाद अपना सबसे पहले विदेश दौरा भारत का किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफ़ी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा और विकास के मामले पर उनके भाई महिंदा राजपक्षे और पीएम मोदी के प्रशासन के बीच काफ़ी समानता है। महिंदा भी श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।
गोटाभाया ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ को दिए इंटरव्यू में इस्लामी आतंकवाद को लेकर अपने कड़े रुख को दोहराया है। उन्होंने कहा कि इस्लामी आतंकवाद आज एक वैश्विक मुद्दा है और इससे हर देश को ख़तरा है। गोटाभाया राजपक्षे ने आगे कहा कि इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए हमें अभी से ही सचेत होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस्लामी आतंकवाद को सर्वोच्च प्राथमिकता देगी और ख़ुफ़िया तंत्र को मजबूत करने की दिशा में प्रयास करेगी। उनका जोर ख़ुफ़िया सूचनाएँ जुटाने और तकनीकी क्षमता विकसित करने पर रहेगा।
गोटाभाया ने साइबर स्पेस और फोन पर बातचीत इत्यादि की निगरानी के लिए नई तकनीक अपनाने पर ज़ोर दिया। इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि वो इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार व अन्य पड़ोसियों के साथ मिल कर काम करेंगे और एक-दूसरे से ख़ुफ़िया सूचनाएँ साझा करेंगे। गोटाभाया ने कहा:
“लिट्टे से हम काफ़ी अच्छी तरह से निपटे। हमारी ख़ुफ़िया एजेन्सियाँ उस आंदोलन की पृष्ठभूमि, नेताओं, तौर-तरीकों और इतिहास से अच्छी तरह अवगत थे। ख़ुफ़िया एजेंसियों को उनके नेताओं के ठिकानों के बारे में पता था। लेकिन, इस्लामी आतंकवाद को लेकर दुर्भाग्य से ऐसा कुछ भी नहीं है। यह नया खतरा है। इससे निपटने के लिए हमें और क्षमता विकसित करनी पड़ेगी। लेकिन मैं अपने देश में इस्लामी आतंकवाद को पनपने नहीं दूँगा और कभी बर्दाश्त नहीं करूँगा।”
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभाया राजपक्षे ने इस्लामी कट्टरता को आतंकवाद की जड़ बताते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग नौकरी के लिए मध्य-पूर्व जाते हैं। वहाँ उन्हें भड़काया जाता है। राजपक्षे ने कहा कि इंटरनेट पर इस्लामी टिप्पणियाँ व उपदेश आसानी से उपलब्ध हैं। इनका प्रयोग कर किसी को भी घर बैठे कट्टरपंथी बनाया जा सकता है। उन्होंने श्रीलंका की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ध्यान नहीं दिया, इसीलिए ईस्टर धमाके में कई लोग मारे गए।