Sunday, September 1, 2024
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श्री लंका में पाकिस्तानी ‘अहमदिया’ शरणार्थियों पर हमला, घर छोड़ने को हुए मजबूर

एक तरफ़ जहाँ सेंट सेबेस्टियन चर्च में बम धमाके के दौरान मारे गए 100 से अधिक पीड़ितों के परिजन सामूहिक अंतिम संस्कार कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ़ लोहे की सलाखों से लैस भीड़ ने उन घरों पर हमला करना शुरू कर दिया, जहाँ पाकिस्तानी शरणार्थी शहर के किनारे रह रहे थे।

श्री लंका में ईस्टर पर दिल दहला देने वाले आत्मघाती हमले से प्रभावित नेगोंबो में तनाव चरम पर है। श्री लंका की राजधानी कोलंबो के उत्तर में स्थित नेगोंबो में रह रहे पाकिस्तानी शरणार्थियों पर स्थानीय लोगों ने अपना गुस्सा निकाला। बुधवार (25 अप्रैल) को बड़ी संख्या में शरणार्थी यहाँ से पलायन करते देखे गए।

ख़बर के अनुसार, किराए के मकानों में रह रहे लगभग 800 पाकिस्तानी पुरुषों, महिलाओं और बच्‍चों को उनके सिंहली, ईसाई और मुस्लिम मकान मालिकों ने फौरन घर छोड़कर निकल जाने को कहा है। इन्‍हें डर है कि शरणार्थियों के तार आतंकवादियों से जुड़े हो सकते हैं।

इस बीच, श्री लंकाई अधिकारियों ने ईस्टर पर हुए बम विस्फोटों से मरने वालों की संख्या 359 से घटाकर 253 बताई है। उन्होंने कहा कि सभी शवों का पोस्टमार्टम हो चुका है और डीएनए रिपोर्ट का मिलान करने पर पता चला कि कुछ शवों की गिनती दो बार हो गई थी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “पीड़ितों में से कई बुरी तरह से विकृत हो गए थे जिससे उनकी दोहरी गिनती हो गई थी।”

अपने देश में सुन्नी समुदाय से उत्पीड़न का सामना करते हुए, अहमदिया सम्प्रदाय के शरणार्थी पाँच साल पहले पाकिस्तान से भागकर यहाँ आए थे। पाकिस्‍तान के अलावा अफ़गानिस्‍तान के इन शरणार्थियों को यहाँ संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद की मदद से बसाया गया है। ये यहाँ तब तक रहेंगे जब तक ऑस्‍ट्रेलिया या न्‍यूजीलैंड में इनके पुनर्वास की व्‍यवस्‍था न हो जाए।

बुधवार को, एक तरफ़ जहाँ सेंट सेबेस्टियन चर्च में बम धमाके के दौरान मारे गए 100 से अधिक पीड़ितों के परिजन सामूहिक अंतिम संस्कार कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ़ लोहे की सलाखों से लैस भीड़ ने उन घरों पर हमला करना शुरू कर दिया, जहाँ पाकिस्तानी शरणार्थी शहर के किनारे रह रहे थे। भीड़ उनके घरों में जबरन घुस गई, दरवाज़ो व खिड़कियों को तोड़ते हुए पुरुषों को ज़बरदस्ती बाहर खींच लिया।

श्री लंका के उपराष्ट्रपति हिलमी अहमद ने TOI को बताया कि, “हमें पता चला कि बुधवार को स्‍थानीय जनता और पाकिस्‍तानी शरणार्थियों के बीच झड़प हुई थी।” चूँकि इनके मकान मालिक हिंसा भड़काने में शामिल हैं इसलिए 400 से अधिक शरणार्थी परिवारों को किसी और जगह बसाया जाएगा। यंग मुस्लिम मेन असोसिएशन के अध्‍यक्ष नवाज दीन का कहना है, “करीब 60 लोगों ने नेगोंबो पुलिस स्‍टेशन में शरण ली है। अब संयुक्‍त राष्‍ट्र मानवाधिकार परिषद को फैसला करना है कि इनका क्‍या किया जाए। हमारे संगठन ने मदद की पेशकश की है।”

इस सप्ताह हुए सीरियल ब्लास्ट के पहले तक, श्री लंका में ईसाई-मुस्लिम के बीच हिंसा का अधिक इतिहास नहीं है। श्री लंका में लगभग 7% ईसाई, 10% मुस्लिम, 13% हिंदू और 70% बौद्ध रहते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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