इस्लामी मुल्क बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के अधिकतर बड़े प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। बता दें कि आरक्षण के खिलाफ पड़ोसी देश कई दिनों से भारी हिंसा में जल रहा था। अब तक 100 लोग मारे जा चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में कोटा के अधिकतर प्रावधानों को हटा दिया है। निचली अदालत ने आरक्षण को फिर से बहाल कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला अवैधानिक था।
हालाँकि, बांग्लादेश की आज़ादी के लिए जिन परिवारों ने लड़ाई लड़ी, उनके लिए सिविल सर्विस की नौकरियों में 5% सीटें आरक्षित रहेंगी। वहीं अन्य नौकरियों में उन्हें 2% कोटा दिया जाएगा। इससे पहले बांग्लादेश की आज़ादी का युद्ध लड़ने वालों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण का प्रावधान था। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने 2018 में ही आरक्षण के इस नियम को खत्म कर दिया था। लेकिन, पिछले महीने हाईकोर्ट ने इसे फिर से लागू कर दिया था।
इसके बाद से ही दंगे शुरू हो गए थे और सरकार को कड़ा बल-प्रयोग करना पड़ा। विरोध प्रदर्शन में अधिकतर छात्र ही शामिल थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कोटा व्यवस्था से शेख हसीना के समर्थकों को फायदा था, क्योंकि उनकी पार्टी ‘आवामी लीग’ बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व कर रही थी। प्रदर्शनकारियों ने इसकी जगह मेरिट आधारित व्यवस्था की माँग की थी। शेख हसीना ने भी आरक्षण का बचाव करते हुए कहा था कि पाकिस्तान से लड़ चुके स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देना चाहिए, भले ही वो किसी भी राजनीतिक पार्टी के हों।
A big win for Bangladesh students
— Shreya Upadhyaya (@ShreyaOpines) July 21, 2024
Supreme Court scales down #quota to 7% – students wanted 5% & removal of 30% 1971 veterans' kin quota
SC: 93% govt jobs should be on merit basis
This comes after 133 lives have been lost, including students and police personnel… pic.twitter.com/OjHFllwSmm
पुलिस ने दंगों को शांत करने के लिए आँसू के गोले, रबर बुलेट्स और स्मोक ग्रेनेड्स तक का सहारा लिया था। नरसिंगडी में तो प्रदर्शनकारी लोहे के रॉड हाथों में लेकर सेन्ट्रल डिस्ट्रिक्ट जेल पहुँच गए और 800 कैदियों को रिहा कर दिया। साथ ही जेल को आग के हवाले कर दिया गया। शेख हसीना को बांग्लादेश में लगातार चौथी बार चुना गया है। पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। फ़ोन और इंटरनेट कनेक्शन काट दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदर्शनकारियों का रुख क्या होगा, ये देखना पड़ेगा।
वहीं सुप्रीम कोर्ट के बाहर भी एक सैन्य टैंक को खड़ा देखा गया था। पूरे ढाका में सेना को तैनात कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आसपास के इलाके में लोगों का घर से निकलना भी मना है।