Sunday, November 17, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयबांग्लादेश में आरक्षण खत्म: सुप्रीम कोर्ट ने कोटा व्यवस्था को रद्द किया, दंगों की...

बांग्लादेश में आरक्षण खत्म: सुप्रीम कोर्ट ने कोटा व्यवस्था को रद्द किया, दंगों की आग में जल रहा है मुल्क

प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने 2018 में ही आरक्षण के इस नियम को खत्म कर दिया था। लेकिन, पिछले महीने हाईकोर्ट ने इसे फिर से लागू कर दिया था।

इस्लामी मुल्क बांग्लादेश में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के अधिकतर बड़े प्रावधानों को निरस्त कर दिया है। बता दें कि आरक्षण के खिलाफ पड़ोसी देश कई दिनों से भारी हिंसा में जल रहा था। अब तक 100 लोग मारे जा चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में कोटा के अधिकतर प्रावधानों को हटा दिया है। निचली अदालत ने आरक्षण को फिर से बहाल कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस आदेश को पलट दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला अवैधानिक था।

हालाँकि, बांग्लादेश की आज़ादी के लिए जिन परिवारों ने लड़ाई लड़ी, उनके लिए सिविल सर्विस की नौकरियों में 5% सीटें आरक्षित रहेंगी। वहीं अन्य नौकरियों में उन्हें 2% कोटा दिया जाएगा। इससे पहले बांग्लादेश की आज़ादी का युद्ध लड़ने वालों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में 30% आरक्षण का प्रावधान था। प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने 2018 में ही आरक्षण के इस नियम को खत्म कर दिया था। लेकिन, पिछले महीने हाईकोर्ट ने इसे फिर से लागू कर दिया था।

इसके बाद से ही दंगे शुरू हो गए थे और सरकार को कड़ा बल-प्रयोग करना पड़ा। विरोध प्रदर्शन में अधिकतर छात्र ही शामिल थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कोटा व्यवस्था से शेख हसीना के समर्थकों को फायदा था, क्योंकि उनकी पार्टी ‘आवामी लीग’ बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई का नेतृत्व कर रही थी। प्रदर्शनकारियों ने इसकी जगह मेरिट आधारित व्यवस्था की माँग की थी। शेख हसीना ने भी आरक्षण का बचाव करते हुए कहा था कि पाकिस्तान से लड़ चुके स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देना चाहिए, भले ही वो किसी भी राजनीतिक पार्टी के हों।

पुलिस ने दंगों को शांत करने के लिए आँसू के गोले, रबर बुलेट्स और स्मोक ग्रेनेड्स तक का सहारा लिया था। नरसिंगडी में तो प्रदर्शनकारी लोहे के रॉड हाथों में लेकर सेन्ट्रल डिस्ट्रिक्ट जेल पहुँच गए और 800 कैदियों को रिहा कर दिया। साथ ही जेल को आग के हवाले कर दिया गया। शेख हसीना को बांग्लादेश में लगातार चौथी बार चुना गया है। पूरे देश में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था। फ़ोन और इंटरनेट कनेक्शन काट दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद प्रदर्शनकारियों का रुख क्या होगा, ये देखना पड़ेगा।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के बाहर भी एक सैन्य टैंक को खड़ा देखा गया था। पूरे ढाका में सेना को तैनात कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आसपास के इलाके में लोगों का घर से निकलना भी मना है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

क्या है ऑपरेशन सागर मंथन, कौन है लॉर्ड ऑफ ड्रग्स हाजी सलीम, कैसे दाऊद इब्राहिम-ISI के नशा सिंडिकेट का भारत ने किया शिकार: सब...

हाजी सलीम बड़े पैमाने पर हेरोइन, मेथामफेटामाइन और अन्य अवैध नशीले पदार्थों की खेप एशिया, अफ्रीका और पश्चिमी देशों में पहुँचाता है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -