अफगानिस्तान में राजधानी काबुल पर कब्जे के साथ ही आतंकी संगठन तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा कर दी है, क्योंकि मुल्क के राष्ट्रपति और सारे राजनयिक देश छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने ये कहते हुए देश छोड़ दिया कि वो खूनखराबा नहीं चाहते हैं। रविवार (15 अगस्त, 2021) को दिन भर काबुल के नागरिकों में डर का माहौल रहा। पश्चिमी देश अपने लोगों को वहाँ से निकालने में लगे रहे।
तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। अफगानिस्तान के कई नागरिक भी वहाँ से भागने की चेष्टा में लगे रहे। काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी गई। तालिबान ने कहा है कि वो दुनिया से अलग-थलग नहीं रहना चाहता और नई सरकार कैसी होगी, उसकी रूपरेखा क्या होगी – जल्द ही इन सबकी घोषणा की जाएगी। साथ ही आतंकी संगठन ने दुनिया से शांतिपूर्ण रिश्ते की बात भी कही है।
ttअलिबन ने घोषणा किया कि वो जो लक्ष्य लेकर चला था, वो मिल गया है और इसके साथ ही मुल्क व मुल्क के लोग ‘आजाद’ हो गए हैं। तालिबान ने कहा कि वो अपनी सरजमीं का इस्तेमाल किसी को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं होने देगा और वो किसी को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहता है। ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि वो इस घटना से व्यथित हैं और काबुल से ऑस्ट्रेलिया के लोगों को बाहर निकाला जा रहा है।
भारत में अफगानिस्तान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुल आजाद ने कहा कि उन्होंने ‘भारत में अफगनिस्तानी दूतावास’ के ट्विटर हैंडल पर नियंत्रण खो दिया है। साथ ही उन्होंने आधिकारिक हैंडल से किए गए एक ट्वीट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसे उनके दोस्त ने भेजा था। उन्होंने आशंका जताई कि इसे हैक कर लिया गया है। अफगनिस्तानी दूतावास की ट्वीट में कहा गया था कि हम सब का सिर शर्म से झुक गया है।
इसमें लिखा था, “अशरफ गनी अपने धूर्त साथियों के साथ मुल्क छोड़ कर निकल गए हैं। उन्होंने सब कुछ बर्बाद कर दिया। इस ‘भगोड़े’ के अंतर्गत काम करने के लिए हम सब आपसे क्षमा माँगते हैं। अल्लाह इस ‘देशद्रोही’ को सज़ा दे। उनका कार्यकाल हमारे इतिहास पर एक काले धब्बे की तरह होगा।” अमेरिका ने बताया कि अधिकतर पश्चिमी देशों के राजनयिक काबुल से निकल गए हैं। 60 देशों ने बयान जारी कर कहा है कि अफगानिस्तान के जो लोग देश छोड़ कर जाना चाहते हैं, उन्हें जाने दिया जाना चाहिए।
I have lost access to Twitter handle of @AfghanistanInIN, a friend sent screen shot of this tweet, (this tweet is hidden from me.) I have tried to log in but can’t access. Seems it is hacked. @FMamundzay @FFazly @hmohib pic.twitter.com/kcdlGMpCZ7
— Abdulhaq Azad (@AbdulhaqA) August 16, 2021
वहीं अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने नियंत्रण में ले लिया है, ताकि पश्चिमी देशों के राजनयिकों व कर्मचारियों को वहाँ से निकाला जा सके। वहाँ से लोगों को निकालने के लिए मिलिट्री फ़्लाइट्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। लगभग 6000 अमेरिकी सैनिक वहाँ तैनात किए जा रहे हैं, जिनका काम लोगों को सुरक्षित निकालना होगा। वहाँ के एयर ट्रैफिक का कंट्रोल भी अमेरिका ने अपने हाथों में ले लिया है।
अमेरिका के स्पेशल इमिग्रेंटस वीजा के तहत अफगानिस्तान के जो लोग पात्र हैं, उन्हें भी निकालने की बात अमेरिका ने कही है। अमेरिका ने बताया कि ऐसे 2000 नागरिकों को अमेरिका भेजा जा चुका है। अशरफ गनी के पूर्व सलाहकार ने राष्ट्रपति के वहाँ से भागने को विचित्र करार देते हुए कहा कि उन्होंने लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि गनी ने कई सालों के निवेश और मेहनत को बर्बाद कर दिया।