Saturday, July 27, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयअफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंपा, देश छोड़ा: जानिए कौन...

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान को सत्ता सौंपा, देश छोड़ा: जानिए कौन हैं अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने वाले अली अहमद जलाली

80 के दशक के अफगानिस्तान के मुजाहिदीनों का सोवियत संघ के साथ युद्ध चल रहा था तब जलाली सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे। उस समय वे पाकिस्तान के पेशावर स्थित Afghan Resistance Headquarters में शीर्ष सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे थे।

आतंकी संगठन तालिबान ने अंतत: अफगानिस्तान को घेर लिया और सत्ता पर काबिज हो गया। लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई अफगानिस्तान की सरकार के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफा दे दिया है और मिली खबरों के अनुसार, उन्होंने देश छोड़ दिया है। वहीं, अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सलेह के देश छोड़ने की खबर नहीं है, लेकिन माना जा रहा है कि वे भी जल्दी ही अफगानिस्तान छोड़ देंगे।

शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के साथ ही तालिबान ने काबुल को घेर कर खड़े संगठन के लड़ाकों को काबुल में प्रवेश करने इजाजत देे दी है। तालिबान को हस्तांतरित सत्ता में अली अहमद जलाली को प्रमुख बनाए जाने की खबर है। हालाँकि, खबर लिखे जाने तक तालिबान ने सार्वजनिक भवनों पर अभी तक अपना झंडा नहीं फहराया है और ना ही देश का नियंत्रण अपने हाथ में लेने की घोषणा की है।

खबर है कि अमेरिका में रहने वाले शिक्षाविद और राजनयिक अली अहमद जलाली को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, जलाली के नाम पर अमेरिका, तालिबान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान सरकार के बीच सहमति बनी है। आइये जानें कि कौन हैं अली अहमद जलाली।

अली अहमद जलाली का जन्म काबुल में हुआ था लेकिन 1987 से अमेरिकी नागरिक हैं और अमेरिका के मेरीलैंड में रहते थे। सन 2003 में तालिबान सरकार के पतन के बाद अफगानिस्तान लौटे थे। उस वक्त बनी सरकार में उन्हें इंटीरियर मिनिस्टर यानी गृहमंत्री बनाया गया था। वे। सितंबर 2005 तक वे इस पद पर थे। जलाली जर्मनी में अफगानिस्तान के राजदूत की भूमिका भी निभा चुके हैं।

80 के दशक के अफगानिस्तान के मुजाहिदीनों का सोवियत संघ के साथ युद्ध चल रहा था तब जलाली सेना में कर्नल के पद पर तैनात थे। उस समय वे पाकिस्तान के पेशावर स्थित Afghan Resistance Headquarters में शीर्ष सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे थे।

इस तरह जलाली एक ऐसे शख्स हैं जिनका अफगानिस्तान की वर्तमान सरकार, अमेरिका, पाकिस्तान और तालिबान सबके साथ मधुर संबंध हैं। प्रोफेसर से लेकर राजदूत और सैन्य अधिकारी से लेकर गृहमंत्री तक की भूमिका में रह चुके जलाली के नाम पर इन चारों पक्षों ने अपनी सहमति दी है।

वर्तमान घटनाक्रम को लेकर जलाली ने हाल ही में कहा था, “खराब नेतृत्व, लॉजिस्टिक स्थिरता की कमी और परिचालन एवं सामरिक समन्वय की कमी ने समर्पित अफगान सैनिकों के जीवन और प्रतिष्ठा पर भारी असर डाला है। एक सप्ताह के भीतर विद्रोही लड़ाकों के सामने अफगानिस्तान के एक तिहाई प्रांतीय राजधानियों का तेजी से पतन अफगान राष्ट्रीय रक्षा एवं सुरक्षा बल की दृढ़ता के प्रचारित दावे को लेकर बहुत कुछ कहता है।”

एक पुरानी सैन्य कहावत को ट्वीट कर जलाली ने कहा था, “जिन्होंने अच्छी तरह से शासन किया वे हथियार नहीं रखे, जो सशस्त्र थे उन्होंने अच्छी तरह युद्ध की रेखाएँ नहीं खींची, जिन्होंने युद्ध की रेखाएँ अच्छी तरह से खींचीं वे लड़े नहीं, जो अच्छी तरह से लड़े वे हारे नहीं, जो अच्छी तरह से हारे वे नष्ट नहीं हुए’।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

एस-400 ‘सुदर्शन’ का दिखा दम: दुश्मनों के हमलावर ‘पैकेज’ का 80% हिस्सा किया साफ, IAF हुई और भी ताकतवर

भारतीय वायुसेना ने अपने एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली का नाम पौराणिक संदर्भ में 'सुदर्शन' रखा है।

पुलिस ने की सिर्फ पूछताछ, गिरफ्तार नहीं: हज पर मुस्लिम महिलाओं के यौन शोषण की आवाज उठाने वाले दीपक शर्मा पर कट्टर इस्लामी फैला...

दीपक शर्मा कहते हैं कि उन्होंने हज पर महिलाओं के साथ होते व्यवहार पर जो ट्वीट किया, वो तथ्यों पर आधारित है। उन्होंने पुलिस को भी यही बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -