अंतरराष्ट्रीय मैगज़ीन ‘टाइम’ ने एक महीने के भीतर बड़ा यू-टर्न लिया है। कुछ दिनों पहले प्रकाशित संस्करण में टाइम ने मोदी को ‘Divider In Chief’ कहा था। इसका अर्थ हुआ- विभाजित करने वालों या बाँटने वालों का मुखिया। पूर्वग्रह से भरे उस लेख में नरेन्द्र मोदी पर समाज को बाँटने के आरोप लगाए गए थे। चुनाव के दौरान इस लेख की ख़ूब चर्चा हुई थी और कई विपक्षी नेताओं ने मोदी पर भारत की छवि बिगाड़ने का आरोप भी लगाया था। अब एक ताज़ा लेख में टाइम ने पलटी मारी है। अब मोदी के लिए ‘Divide’ की जगह ‘Unite’ शब्द का प्रयोग किया गया है। इंडिया इंक के सीईओ मनोज लडवा द्वारा लिखे इस लेख में कहा गया है कि भारतीय मतदाताओं को आज तक इस तरह किसी ने ‘Unite’ नहीं किया, जैसे नरेन्द्र मोदी ने किया है।
टाइम के इस लेख में लिखा है कि मोदी का दोबारा जीत कर आना प्रतिभा की जीत है, अवसरों की जीत है और ग़रीबों के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की वजह से यह संभव हो पाया है। इस लेख में बताया गया है कि मोदी ने हिन्दू-मुस्लिम में भेदभाव किए बिना दोनों ही समाज के ग़रीबों को उनकी बुरी अवस्था से पिछली पीढ़ियों के मुकाबले काफ़ी तेज़ी से बाहर निकाला, दोनों के लिए ही सामाजिक रूप से विकासपरक योजनाएँ बनाई गईं। लेख में बताया गया है कि मोदी द्वारा टेक्नोलॉजी को आत्मसात करने के कारण यूनिवर्सल हेल्थकेयर, हाउसिंग, वित्तीय समरसता और क्लाइमेट के क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव हुए हैं। इस लेख में आगे लिखा गया है:
“नोटबंदी से भले ही कुछ तात्कालिक परेशानियाँ हुईं लेकिन इसके लॉन्ग-टर्म फायदे हुए हैं। लोगों पर टैक्स का भार कम हुआ है लेकिन टैक्स कलेक्शन दोगुना से भी अधिक हो चुका है। ज्यादा टैक्स रेवेन्यु का फायदा यह हुआ कि जनहित के कार्यों को ज्यादा फंडिंग मिली और इससे बिजली एवं स्वच्छता के क्षेत्र में काफ़ी अच्छे कामकाज हुए। 20 करोड़ नए बैंक खातों के खुलने से वो लोग भी भारत की औपचारिक वित्तीय व्यवस्था का हिस्सा बने, जिन्होंने कभी बैंकों का मुँह तक नहीं देखा था। डायरेक्ट ट्रान्सफर से सरकारी योजनाओं में दलाली कम हुई है और लाभार्थियों तक वित्तीय सहायता या अनुदान सीधे पहुँच रही है। जीएसटी से पूरे भारत में सामान टैक्स व्यवस्था है।”
.@Time takes a U Turn. From divider in chief to uniter in chief now. Post 2019 truth!! https://t.co/Q6ELIo9l3z
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) May 29, 2019
टाइम के इस लेख में मोदी सरकार की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई है। मनमोहन काल में 12% रही महंगाई को सीधे 3% पर लाने के लिए मोदी सरकार की पीठ थपथपाई गई है। लिखा गया है कि मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे सभी कार्य अभी ‘Work In Progress’ हैं, यानी इन सभी क्षेत्रों में और भी कार्य होने बाकी हैं। टाइम के इस लेख में मोदी को भारत में समाज के विभाजन की मूल समस्या को हल करने वाला बताया गया है, यानी मोदी ने इस चुनाव में जाति के बैरियर को तोड़ दिया। भ्रष्ट ब्यूरोक्रेसी को रास्ते पर लाने के लिए मोदी की प्रशंसा की गई है। कुल मिला कर देखें तो टाइम के पिछले पूर्वग्रह से ग्रसित लेख में आँकड़ों व तथ्यों का अभाव था, इस लेख को आँकड़ों, योजनाओं व तुलनात्मक अध्ययन के जरिए तथ्यपरक बनाया गया है।
Time के पिछले लेख पर ऑपइंडिया ने आपत्ति जताते हुए यह लेख लिखा था।