विवादित इस्लामिक उपदेशक और भारत के भगोड़े जाकिर नाइक के चैनल पीस टीवी और पीस टीवी उर्दू पर ब्रिटेन ने तीन लाख पाउंड (लगभग पौने दो करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना ब्रिटेन में मीडिया पर निगरानी रखने वाले नियामक ‘ऑफकॉम’ ने की है।
ऑफकॉम ने देश में ‘नफरत फैलाने वाले भाषण’ और ‘अत्यधिक आपत्तिजनक’ विषयवस्तु प्रसारित करने के मामले में पीस टीवी पर तीन लाख पाउंड का जुर्माना लगाया है। जानकारी के मुताबिक ऑफकॉम ने प्रसारण संबंधी उसके नियम तोड़ने पर पीस टीवी उर्दू के लाइसेंस धारकों पर दो लाख पाउंड और पीस टीवी पर एक लाख पाउंड का जुर्माना लगाया है।
ऑफकॉम ने कहा, “हमारी जाँच में यह पाया गया है कि पीस टीवी उर्दू और पीस टीवी पर प्रसारित कार्यक्रमों में नफरत फैलाने वाले भाषण और अत्यधिक आपत्तिजनक विषयवस्तु दिखाई गई है। इससे अपराध भड़कने की भी आशंका थी।”
ऑफकॉम ने एक अन्य बयान में कहा, “हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि यह सामग्री प्रसारण संबंधी हमारे नियमों का पालन करने में गंभीर असफलताओं को दर्शाती है और इसके लिए जुर्माना लगाए जाने की आवश्यकता है। ऑफकॉम ने आज पीस टीवी उर्दू के लाइसेंस धारकों पर 200,000 पाउंड और पीस टीवी पर 100,000 पाउंड का जुर्माना लगाया है।”
जानकारी के मुताबिक पीस टीवी पर ‘लॉर्ड प्रॉडक्शन लिमिटेड’ का मालिकाना हक है और पीस टीवी उर्दू का लाइसेंस ‘क्लब टीवी’ के पास है। दोनों की मूल कंपनी ‘यूनिवर्सल ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड’ है, जिसका मालिक 54 वर्षीय जाकिर नाइक है।
भारत में जाकिर नाइक पर मनी लॉन्ड्रिंग और कट्टरता को बढ़ाने के आरोप में केस दर्ज है। गिरफ्तारी की डर से वह 2016 में मलेशिया भाग गया। जून 2017 में कोर्ट ने नाइक को अपराधी घोषित किया था। उस पर मलेशिया में अल्पसंख्यक हिंदुओं और चीन के लोगों की भावनाएँ आहत करने का भी आरोप है।
मलेशिया में नाइक ने एक भड़काऊ भाषण दिया था। उसने कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मजहब विशेष के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं।
हाल ही मेंं विवादित इस्लामिक उपदेशक ने इस्लामी देशों को राय देते हुए कह रहा था कि उन्हें लिस्ट बनाकर दूसरे धर्म के भारतीयों पर जो इस्लाम के खिलाफ बोलते या लिखते हैं अपने देश में कार्रवाई करनी चाहिए।
जाकिर नाइक को एक वीडियो में कहते हुए सुना गया, “मैं ये सुझाव देता हूँ कि सिर्फ इस्लामी देश ही क्यों, भारत में भी जो दूसरे धर्म वाला इस्लाम पर उँगली उठाता है, तो उसका डेटाबेस तैयार किया जाना चाहिए। भारत में इस्लाम पर उँगली उठाने वाले मुख्य रूप से बीजेपी से जुड़े लोग हैं और उनमें से ज्यादातर लोग पैसे वाले हैं।”