अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई सख्त फैसले लिए हैं। उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सारे संबंध खत्म करने का ऐलान किया है। चीन पर कई पाबंदियॉं लगाई गई है। हांगकांग का विशेष दर्जा भी वापस लिया जाएगा।
ट्रंप ने शुक्रवार (मई 29, 2020) को WHO की फंडिंग वापस लेने के साथ ही सभी सम्बन्ध तोड़ने की घोषणा की। हांगकांग का विशेष व्यापार स्टेट्स समाप्त करने और ऐसे चीनी स्नातक छात्रों के वीजा को निलंबित करने का भी ऐलान किया है, जो उनकी सरकार की नजर में संदेहास्पद शोध में शामिल हैं।
कोरोना वायरस को फैलाने को लेकर चीन का संरक्षण करने को लेकर अमेरिका निरंतर WHO की निंदा कर रहा है। इसके पहले ट्रंप ने WHO की फंडिंग रोकने की भी धमकी दी थी।
ट्रंप ने पिछले साल के अंत में चीन के वुहान प्रांत से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले कोरोना वायरस को लेकर WHO की अपर्याप्त प्रतिक्रिया पर रोष व्यक्त किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ अमेरिका के संबंधों को समाप्त करने की घोषणा करते हुए WHO पर कोरोना वायरस संकट के प्रबंधन में चीन समर्थक और पूर्वाग्रही होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसके पहले WHO से सुधर को लेकर सिफारिशें की गईं, लेकिन संगठन ने इस पर ध्यान नहीं दिया और सुधार के लिए किसी भी सुझाव को नहीं माना।
#BREAKING Trump says US 'terminating' relationship with World Health Organization pic.twitter.com/dG3xfcG0r7
— AFP news agency (@AFP) May 29, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति ने हृवाइट हाउस में कहा कि चीनी अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ के लिए अपने रिपोर्टिंग दायित्वों को ‘नजरअंदाज’ किया और संगठन पर दबाव बनाया कि वह इस महामारी के बारे में जनता को गुमराह करे जिसने अब 1 लाख से अधिक अमेरिकियों को मार दिया है।
उन्होंने कहा कि चीन WHO को साल भर में 40 मिलियन डॉलर का अनुदान देकर अपने नियंत्रण में रखता है, तो वहीं अमेरिका हर साल स्वास्थ्य संगठन को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है।
उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने पहले भी कई बार नाराजगी जताते हुए WHO को दी जाने वाली सहायता राशि पर भी रोक लगा दी थी। इसके साथ उन्होंने संस्था के डायरेक्टर को पत्र लिखकर 30 दिन के अंदर बड़े बदलाव करने के सुझाव दिए थे। ऐसा न किए जाने पर फंडिंग रोकने की धमकी भी दी थी।
इसके साथ ही चीन और हांगकांग को लेकर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने कल ही अहम बयान में बताया कि अमेरिका ने बुधवार (मई 27, 2020) को अमेरिकी कानून के तहत हांगकांग के विशेष दर्जे को निरस्त कर दिया।
अमेरिका ने चीन पर हांगकांग की स्वायत्तता का हनन करने का आरोप लगाया और कहा कि अब इसे चीन से स्वायत्त नहीं कहा जा सकता है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने अमेरिकी संसद में कहा कि हांगकांग अब अमेरिकी कानून के तहत अपनी विशेष स्थिति के लिए योग्य नहीं है।
उन्होंने ट्वीट के जरिए बताया कि अमेरिका के विशेष दर्जे से हांगकांग को लाभ मिलता है और अब अमेरिका को लगता है कि वास्तव में चीन इसका फायदा उठा रहा है। दरअसल चीन की संसद में नेशनल पीपुल्स कॉन्ग्रेस ने हांगकांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के प्रस्ताव को मँजूरी दे दी है। अब इस विधेयक को चीन के वरिष्ठ नेतृत्व के पास भेजा जाएगा। इस नए कानून के लागू हो जाने से हांगकांग अपनी स्वायतत्ता खो सकता है और हांगकांग का विशेष दर्जा खत्म हो जाएगा।
साल 1997 में ब्रिटेन ने जब हांगकांग चीन को सौंपा था, उस समय कुछ कथित कानून बनाए गए जिनके तहत हांगकांग में कुछ खास तरह की आजादी थी जो आम चीनी लोगों को हासिल नहीं है। चीन का यह प्रस्ताव इतना विवादित है कि संसद से मंजूरी मिलने के बाद दुनियाभर में कई देश चीन के खिलाफ बोलते नजर आ रहे हैं। इस नए कानून के खिलाफ हांगकांग में काफी पहले से विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इससे पहले बुधवार को सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच कई झड़पें हुई।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात के संकेत दिए हैं कि अगर यह कानून लागू हो जाएगा तो अमेरिका और हांगकांग के बीच होने वाले विशेष व्यापार का अंत हो सकता है।