पाकिस्तान में प्रतिबंधित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) और इमरान खान सरकार के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान के कई शहरों में टीएलपी के हिंसक प्रदर्शनों से हालात बेहद खराब हो गए हैं। पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदर के मुताबिक टीएलपी के फायरिंग में कम से कम 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है और 253 अन्य लोग घायल हो गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। कुछ मीडिया रिपोर्ट में 263 के घायल होने की खबर है। तनावपूर्ण हालात के बीच पंजाब प्रांत में अगले 60 दिनों के लिए पाकिस्तानी सेना को तैनात कर दिया गया है।
کالعدم تنظیم کی جانب سے پولیس اہلکاروں پر تشدد اور فائرنگ انتہائی قابلِ مذمت ہے جس میں 4 پولیس اہلکار شہید ہوئے اور 253 زخمی ہیں۔
— Usman Buzdar (@UsmanAKBuzdar) October 27, 2021
ان واقعات میں ملوث افراد کے خلاف قانون کے مطابق سخت ترین ایکشن لیا جائے گا۔
حکومت صوبے میں امن و امان برقرار رکھنے کی ذمہ داری بطریق احسن نبھائے گی۔
जानकारी के मुताबिक बरेलवी समुदाय से ताल्लुक रखने वाला यह कट्टरपंथी संगठन इस्लामाबाद को घेरने के लिए निकला है। बताया जा रहा है कि गोलीबारी की यह घटना पंजाब प्रांत के गुजरांवाला जिले में बुधवार (अक्टूबर 27, 2021) को हुई। टीएलपी समर्थकों ने पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा है।
बताया जा रहा है कि घायलों में 70 पुलिसकर्मी हैं जिसमें से 8 लोगों की हालत गंभीर है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के एक पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि टीएलपी के सदस्य पुलिसकर्मियों पर हमले के लिए मशीनगन, एके-47 राइफल और पिस्तौल का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी वजह से पुलिसकर्मियों की मौत हो गई है।
क्यों हो रही है हिंसा?
दरअसल, कट्टरपंथी संगठन टीएलपी दो माँगों को लेकर सड़क पर उतरा हुआ है। पहली माँग टीएलपी के चीफ साद रिजवी को रिहा करने की है तो दूसरी माँग फ्रांस के राजदूत को इस्लामाबाद से वापस फ्रांस भेजने की है। इमरान सरकार पहली माँग मानने के लिए तैयार हो गई, लेकिन दूसरी माँग मानने से इनकार कर दिया। प्रतिबंधित टीएलपी के 10,000 से अधिक समर्थक पिछले तीन दिनों से जीटी रोड पर मुरीदके और गुजरांवाला के बीच डेरा डाले हुए थे।
पाकिस्तान सरकार के इनकार के बाद बुधवार को उन्होंने इस्लामाबाद की ओर मार्च करना शुरू किया, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच लाहौर से करीब 50 किलोमीटर दूर सधोके क्षेत्र में झड़पें शुरू हो गईं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “जब टीएलपी कार्यकर्ता साधोक पहुँचे तो पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोका। यह इलाका युद्ध का मैदान बन गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े। इड़पों में पुलिसकर्मियों समेत दर्जनों टीएलपी कार्यकर्ता घायल हो गए।”
फ्रांस में पैगबंर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित होने के बाद टीएलपी के समर्थकों ने अप्रैल में विरोध प्रदर्शन करते हुए फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने और फ्रांस के सामानों के आयातों पर पाबंदी लगाने की माँग की थी, जिसको बाद पार्टी के संस्थापक खादिम रिजवी के बेटे साद रिजवी को हिरासत में लिया था।