पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त के बाजौर में आयोजित एक जिरगा (सम्मेलन) में महिलाओं के पुरुषों के साथ पर्यटन स्थलों पर जाने पर रोक लगा दी गई है। जिरगा ने इसे अपनी संस्कृति बचाने वाला कदम बताते हुए महिला और पुरुषों द्वारा पर्यटन स्थलों पर अश्लीलता करने का आरोप लगाया है। इस फैसले को 17 जुलाई, 2022 (रविवार) तक हर हाल में कड़ाई से लागू करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस जिरगा में कई बुजुर्ग शामिल थे। यह सम्मेलन सलारजी तहसील में शनिवार (16 जुलाई, 2022) को आयोजित हुआ था। इस सम्मेलन में साफ़ कहा गया है कि अगर सरकार ने इस पर अमल नहीं किया तो जिरगा इसे खुद लागू करेगी। इस सम्मेलन का आयोजन पाकिस्तान की जमीयत उलेमा ए इस्लाम फ़ैज़ी (JUI-F) ने किया था।
DAWN के मुताबिक, इस सम्मेलन में JUI-F के जिलाध्यक्ष मौलाना अब्दुर रशीद और खार तहसील काउंसिल के चेयरमैन हाजी सईद बादशाह मुख्य वक्त रहे। इन सभी ने सामूहिक रूप से कहा, “बकरीद में हमने देखा कि कई महिलाएँ अपने शौहरों और कुछ तो अपने रिश्तेदारों के साथ कई टूरिस्ट स्थलों पर ऐसे घूम रही थी जैसे वो पिकनिक मनाने आई हों। इतना ही नहीं, उन सभी ये यहाँ गीत-संगीत के प्रोगाम किए और नाव की सवारी की। यह न सिर्फ हमारी स्थानीय परम्परा का अपमान है बल्कि इस्लामी कानूनों के भी खिलाफ है।”
जिरगा में एक स्वर में ऐसी हरकतों के लिए इस्लाम में कोई जगह न होने का एलान करते हुए आगे से ऐसा किसी भी हाल में रोकने का संकल्प लिया गया। इस सम्मेलन पर औरतों को उनके लिए इस्लाम में बनाए गए नियम और कानूनों की याद दिलाई गई। बाद में इस मुद्दे पर बोलते हुए मौलाना रशीद ने कहा, “हम पर्यटन स्थलों पर महिलाओं की किसी भी हाल में इंट्री के खिलाफ हैं, भले ही वो पति के साथ हो या अकेले ही। हम इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देना चाहते हैं लेकिन हम यहाँ महिलाओं के आने के सख्त खिलाफ हैं। अश्लीलता को पर्यटन के नाम पर कतई सहन नहीं किया जाएगा।”
रिपोर्ट में बताया गया है कि जिरगा ने बाजौर क्षेत्र के निवासियों से अपील की है कि वो अपने घर की महिलाओं किसी टूरिस्ट प्लेस पर न ले जाएँ। क्षेत्र के टूरिस्ट स्थलों की सुरक्षा के लिए भी बाहरी लोगों के बजाए स्थानीय लोगों को ही नियुक्त करने की अपील की गई। इस मामले में जिला प्रशासन या किसी अन्य अधिकारी ने अभी तक कोई बयान नहीं दिया है।