Friday, April 26, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयशाहीन बाग की बिलकिस दादी के कारण 'वंडर वुमेन' हुईं ट्रोल, डिलीट करना पड़ा...

शाहीन बाग की बिलकिस दादी के कारण ‘वंडर वुमेन’ हुईं ट्रोल, डिलीट करना पड़ा पोस्ट

इजरायली अभिनेत्री द्वारा बिलकिस दादी का इस प्रकार का वर्णन उनकी अनभिज्ञता पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि ये बताता है कि इंटरनेशनल मीडिया में दिल्ली दंगों और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शनों के बारे कैसी रिपोर्टिंग हुई और किस तरह एक ऐसे प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक दिखाया गया।

‘वंडर वुमेन’ गैल गैडोट (Gal Gadot) ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि वुमेन इक्वेलिटी पर बात करने के लिए उन्हें सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया झेलने पड़ेगी। आज साल 2020 का अंतिम दिन है और गैल अपने अकाउंट पर अपनी ‘पर्सनल वंडर वुमेन’ की तस्वीर शेयर करने के कारण ट्रोल हो रही हैं। आपको शायद हैरानी होगी लेकिन उनकी अकाउंट पर शेयर तस्वीर शाहीन बाग की बिलकिस दादी की है। 

गैल गैडोट ने अपने इंस्टा स्टोरी पर बिलकिस दादी की तस्वीर शेयर करके लिखा है, “My personal wonder women” इसके नीच उन्होंने लिखा, “बिलकिस। ये 82 साल की एक्टिविस्ट भारत में महिलाओं को समानता दिलाने के लिए लड़ रही है, जो मुझे दिखाती हैं कि अपने विश्वास के लिए लड़ाई लड़ने के लिए कभी देरी नहीं होती।”

बता दें कि 31 दिसंबर को गैडोट ने उन महिलाओं की तस्वीर शेयर की जिनसे उन्हें प्रेरणा मिलती है। इन महिलाओं को उन्होंने पर्सनल वंडर वुमेन कहा। इनमें से एक शाहीन बाग की बिलकिस दादी थीं जो भारत में सीएए/एनआरसी के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों में शामिल थीं और लेफ्ट लॉबी ने उन्हें वर्चुअली प्रदर्शन का चेहरा बना दिया। 

जब वंडर वुमेन ने बिलकिस को वुमेन इक्वेलिटी दिलाने वाली कार्यकर्ता के नाम पर पेश किया तो कई लोग उन्हें बताने लगे कि ये औरत, महिला अधिकारों की लड़ाई नहीं लड़ रही थी, बल्कि इसलिए प्रदर्शन कर रही थी ताकि भारत उन अल्पसंख्यकों को देश में एंट्री न दे जिन्हें उनके देशों में मजहब के नाम पर प्रताड़ित किया जाता है। किसी ने तो गैल को यहूदियों का उदाहरण देकर समझाया कि भारत वैसे ही अल्पसंख्यकों को सीएए के तहत शरण देना चाहता है, जिन पर उनके देशों में यहूदियों जैसे अत्याचार हुआ।

बता दें कि अब यह तस्वीर इजराइली अभिनेत्री के स्टोरी से डिलीट हो चुकी है, लेकिन उनके अकाउंट पर यह तस्वीर अब भी मौजूद है। शायद उन्हें ये नहीं पता था कि बिलकिस दादी ने मानवता के आधार पर तैयार किए गए सीएए का विरोध किया था। वह उन प्रदर्शन का हिस्सा बनीं थीं जिससे कई लोगों की आवाजाही बाधित हुई, जहाँ हिंदू विरोधी नारे खुलेआम लगाए गए और जिसका परिणाम पूरी राजधानी को दंगों के रूप में झेलना पड़ा।

इजरायली अभिनेत्री द्वारा बिलकिस दादी का इस प्रकार का वर्णन उनकी अनभिज्ञता पर सवाल नहीं उठाता, बल्कि ये बताता है कि इंटरनेशनल मीडिया में दिल्ली दंगों और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शनों के बारे कैसी रिपोर्टिंग हुई और किस तरह एक ऐसे प्रदर्शन को वैश्विक स्तर पर ऐतिहासिक दिखाया गया। यदि याद हो तो इसी साल राणा अयूब ने टाइम्स मैगजीन में बिलकिस दादी के लिए नोट लिखा था और झूठ फैलाया था कि सीएए मुस्लिमों को भारत में नागरिकता देने से रोकता है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे...

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

PM मोदी को कभी ‘नर्वस’ तो कभी ‘डरा हुआ’ कहकर उछल रहे राहुल गाँधी… 7 दिन में नहीं कर पाए उनसे आधी भी रैली,...

कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी अब सम्पत्ति बँटवारे को पीछे छोड़ पीएम मोदी को निशाना बनाने में जुटे हैं, एक रैली में उन्होंने मोदी को नर्वस बताया।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe