Saturday, October 12, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयमिलिए येल के प्रोफेसर मुबारक से, बांग्लादेश में मंदिरों पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले...

मिलिए येल के प्रोफेसर मुबारक से, बांग्लादेश में मंदिरों पर इस्लामी कट्टरपंथियों के हमले का दोष मोदी के मत्थे डाला

मुबारक ने ट्वीट में लिखा है कि बांग्लादेश मोदी के बुने हुए जाल में फँस गया। मोदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वोट करने वाले कुछ बंगालियों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले मंदिर की यात्रा की। उनकी इस यात्रा से बांग्लादेश में सांप्रदायिक दंगे प्रारंभ हो गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश दौरे के विरोध में इस्लामी कट्टरपंथियों ने न केवल हिंसक प्रदर्शन किए थे, बल्कि मंदिरों को भी निशाना बनाया था। इसमें हिफाजत-ए-इस्लामी नामक संगठन की खास भूमिका थी। पाकिस्तानी इशारों पर काम करने वाला यह कट्टरपंथी संगठन बांग्लादेश में इस्लामिक हुकूमत की वकालत करता है।

अब इस हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश येल यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर अहमद मुशफिक मुबारक ने की एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए की है। पोस्ट में उन्होंने हिफाजत की हिंसा का बचाव करते हुए इसके लिए मोदी के दौरे को जिम्मेदार ठहराया है।

मुबारक के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

मुबारक ने 29 मार्च को किए गए ट्वीट में लिखा है कि बांग्लादेश मोदी के बुने हुए जाल में फँस गया। मोदी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में वोट करने वाले कुछ बंगालियों के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले मंदिर की यात्रा की। उनकी इस यात्रा से बांग्लादेश में सांप्रदायिक दंगे प्रारंभ हो गए। मुबारक यहीं नहीं रुका। उसने कहा कि मोदी पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश सीमा के दोनों ओर सांप्रदायिक माहौल बनाने में सफल रहे। क्यों हम हिन्दू-मुस्लिम के बीच विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा बन रहे हैं? येल के इस प्रोफेसर ने कहा कि बांग्लादेश में हुई हिन्दू-विरोधी हिंसाओं के जिम्मेदार पीएम मोदी ही हैं।

बांग्लादेश में हिफाजत-ए-इस्लाम के द्वारा हिंदुओं के विरुद्ध की गई हिंसा की रिपोर्ट्स मीडिया में आने के बाद मुबारक ‘सेक्युलर’ बन गया और भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में सुधार की बाते करने लगा। उसने हिन्दू मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर हुए इस्लामी हमले को नजरअंदाज करते हुए कहा कि बेहतर होगा यदि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षित रखने में मुसलमान आगे आएँ और भारत में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे व्यवहार के विरुद्ध हिन्दू अपनी आवाज उठाएँ। उसने आगे कहा कि यदि अल्पसंख्यकों के लिए मजबूती से आवाज उठाई जाए तो बांग्लादेश का हिफाजत-ए-इस्लाम, भारत में मोदी और पाकिस्तान के मुल्ला हमें कभी भी बाँट नहीं पाएँगे।

मुबारक के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

मुबारक की इस गैर-तार्किक और मुस्लिमों के संतुलन के लिए की गई तुलना पर उसकी आलोचना भी हुई। कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उसे आइना दिखाया।

प्रदीप नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि म्यांमार में रोहिंग्या, हिंदुओं को मार रहे हैं लेकिन वे ही विक्टिम हैं। प्रदीप ने मुबारक को कहा कि यदि वह मुसलमानों को विक्टिम मानने की मानसिकता को छोड़ दे तो उसे पता चलेगा कि मुस्लिम सबसे सुरक्षित भारत में ही हैं।   

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

एक यूजर ने लिखा कि भारत में मुस्लिम नेता जामा मस्जिद या अजमेर शरीफ जाते हैं, तब तो कोई हिन्दू इस पर प्रश्न नहीं करता और न ही सांप्रदायिक होता है। यूजर ने मुबारक से कहा कि या तो वह अज्ञानी है अथवा हिन्दूफोबिक।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

सैंडी नाम के एक यूजर ने मुबारक का जवाब देते हुए लिखा कि भारत की तुलना अन्य देशों से करने से पहले वह भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को सन 1947 में और वर्तमान में देखे। उसे समझ आ जाएगा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में अल्पसंख्यक मुट्ठी भर हैं, जबकि भारत में उनकी संख्या दुगुनी हो चुकी है।

ट्वीट का स्क्रीनशॉट

हिन्दू श्मशान और मंदिर पर इस्लामिक हमला :

पीएम मोदी की दो दिवसीय बांग्लादेश की यात्रा के दौरान इस्लामिक संगठन द्वारा उनके विरोध में हिन्दू मंदिरों पर हमला किया गया। यात्रा समाप्त होने के बाद भी हमले जारी रहे। मगुरा जिले के मोहम्मदपुर में 400 वर्ष पुराने अष्टग्राम महा श्मशान और राधगोबिंद आश्रम में तोड़ फोड़ की गई और उनके कई हिस्सों को आग के हवाले कर दिया गया। इस घटना में रथ और भगवान की मूर्तियाँ भी जल कर रख हो गईं थी। इस हिन्दू विरोधी हिंसा के पीछे हिफाजत-ए-इस्लाम का हाथ था जो हिंदुओं के प्रति अपनी घृणा के लिए जाना जाता रहा है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र के रत्नागिरी में तनाव: दशहरा के मौके पर RSS का निकला ‘पथ संचालन’, इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ की भड़काऊ नारेबाजी पर FIR दर्ज

रत्नागिरी में इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ को नारेबाजी करते हुए देखा जा सकता है, जबकि आरएसएस के कार्यकर्ता शांति से अपना मार्च निकाल रहे थे।

ठप कर देंगे सारी मेडिकल सेवा… RG Kar रेप-मर्डर मामले में न्याय माँग रहे डॉक्टर आमरण अनशन पर, 1 प्रदर्शनकारी की तबीयत बिगड़ने पर...

आरजी कर मेडिकल रेप-मर्डर को लेकर आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में एक की तबीयत बिगड़ने पर मेडिकल एसोसिएशन ने सीएम ममता को चेतावनी दी है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -