कश्मीर में जिहादियों के आतंक का नंगा नाच रोके नहीं रुक रहा है। दो हफ्ते पहले एक बेकसूर दुकानदार मेहराजुद्दीन की सरेआम बेरहमी से हत्या करने के बाद आज (मंगलवार, 26 नवंबर, 2019 को) उन्होंने घाटी में दो धमाके कर दो लोगों की हत्या कर दी है। साथ ही धमाकों में कई लोग घायल भी हुए हैं। दोनों ही धमाके सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों अनंतनाग और राजधानी श्रीनगर में हुए हैं।
2 civilians, reportedly including a Sarpanch, killed in a terror attack apparently to sabotage J&K Govt’s “Back to Village” at Badasgam (Hakoora) in Anantnag #Kashmir. Reports say IED blast was followed by firing. Details to follow…
— Ahmed Ali Fayyaz (@ahmedalifayyaz) November 26, 2019
अनंतनाग के हाकुरा में हुए धमाके का स्रोत इलाके के ‘बैक टू विलेज’ में फेंका गया ग्रेनेड (हथगोला) बताया जा रहा है। दोनों मौतें इसी धमाके में हुई हैं। मरने वालों में एक सरकारी अधिकारी और एक किसी गाँव का सरपंच बताया जा रहा है। दोनों की पहचान अभी तक जारी नहीं की गई है। इसके अलावा इस धमाके में 4 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं।
Two attack in #Kashmir today. First, a low intensity blast happened outside Kashmir University injuring two civilians. Soon, a ‘grenade’ was hurled on Panchayat ghar in Hakura Badazgam village in south Kashmir’s Anantnag district, killing 2. This, during’Back to Village’programme pic.twitter.com/rMD3YzVcJd
— Ieshan Wani (@Ieshan_W) November 26, 2019
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार धमाके के बाद वहाँ अफ़रा-तफ़री मच गई और पुलिस को आनन-फानन में स्थिति के नियंत्रण के लिए एक टीम वहाँ भेजनी पड़ी। यह धमाका श्रीनगर के हज़रतबल धमाके के बाद हुआ था।
Jammu and Kashmir: Suspected Grenade Blast Outside University of Kashmir, 4 Injured #JammuAndKashmir #KashmirUniversity #Grenade #Blast https://t.co/9No02Z9H8p
— LatestLY (@latestly) November 26, 2019
हज़रतबल धमाका केंद्र-शासित प्रदेश की राजधानी श्रीनगर में स्थित कश्मीर यूनिवर्सिटी के परिसर में हुआ था। यह मुस्लिमों के पवित्र स्थल हज़रतबल दरगाह से महज़ 10 मिनट की दूरी पर स्थित है। धमाका हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्टों में ‘कम तीव्रता का’ बताया जा रहा है, लेकिन इसमें भी कई लोग घायल हुए हैं।
#Kashmir news: 4 injured in blast outside #KashmirUniversityhttps://t.co/wLDBtV9MSb
— NewsX (@NewsX) November 26, 2019
इन सभी (और इनके पहले की भी) जिहादी वारदातों में एक समान बात यह है कि इनका मकसद कश्मीर में हालात सामान्य होने न देना है। अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार द्वारा निष्प्रभावी कर दिए जाने के बाद से जिहादी और उनके पाकिस्तानी आका इस कोशिश में लगे हैं कि ज़मीनी तौर ओर इसका कोई प्रभाव न पड़े- न जनजीवन सामान्य हो, न व्यापार और अन्य दैनिक गतिविधियाँ चालू हों, और न ही इस हिंसा के डर से बाकी के भारत से लोग वहाँ पर आ पाएँ। इसके पहले मेहराजुद्दीन की हत्या के समय भी सुरक्षा एजेंसियों ने अंदेशा जताया था कि यह हत्या जिहादियों की हड़ताल को अनसुना करने वालों को धमकी के रूप में की गई है।