Sunday, September 1, 2024
Homeरिपोर्टराष्ट्रीय सुरक्षा26/11 पर एक और दहशतगर्दी: J&K में एक ही दिन में 2 धमाके -...

26/11 पर एक और दहशतगर्दी: J&K में एक ही दिन में 2 धमाके – दो की मौत, 7 घायल

हज़रतबल धमाका केंद्र-शासित प्रदेश की राजधानी श्रीनगर में स्थित कश्मीर यूनिवर्सिटी के परिसर में हुआ। यह मुस्लिमों के पवित्र स्थल हज़रतबल दरगाह से महज़ 10 मिनट की दूरी पर स्थित है।

कश्मीर में जिहादियों के आतंक का नंगा नाच रोके नहीं रुक रहा है। दो हफ्ते पहले एक बेकसूर दुकानदार मेहराजुद्दीन की सरेआम बेरहमी से हत्या करने के बाद आज (मंगलवार, 26 नवंबर, 2019 को) उन्होंने घाटी में दो धमाके कर दो लोगों की हत्या कर दी है। साथ ही धमाकों में कई लोग घायल भी हुए हैं। दोनों ही धमाके सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों अनंतनाग और राजधानी श्रीनगर में हुए हैं।

अनंतनाग के हाकुरा में हुए धमाके का स्रोत इलाके के ‘बैक टू विलेज’ में फेंका गया ग्रेनेड (हथगोला) बताया जा रहा है। दोनों मौतें इसी धमाके में हुई हैं। मरने वालों में एक सरकारी अधिकारी और एक किसी गाँव का सरपंच बताया जा रहा है। दोनों की पहचान अभी तक जारी नहीं की गई है। इसके अलावा इस धमाके में 4 लोग घायल भी बताए जा रहे हैं

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार धमाके के बाद वहाँ अफ़रा-तफ़री मच गई और पुलिस को आनन-फानन में स्थिति के नियंत्रण के लिए एक टीम वहाँ भेजनी पड़ी। यह धमाका श्रीनगर के हज़रतबल धमाके के बाद हुआ था।

हज़रतबल धमाका केंद्र-शासित प्रदेश की राजधानी श्रीनगर में स्थित कश्मीर यूनिवर्सिटी के परिसर में हुआ था। यह मुस्लिमों के पवित्र स्थल हज़रतबल दरगाह से महज़ 10 मिनट की दूरी पर स्थित है। धमाका हालाँकि कुछ मीडिया रिपोर्टों में ‘कम तीव्रता का’ बताया जा रहा है, लेकिन इसमें भी कई लोग घायल हुए हैं।

इन सभी (और इनके पहले की भी) जिहादी वारदातों में एक समान बात यह है कि इनका मकसद कश्मीर में हालात सामान्य होने न देना है। अनुच्छेद 370 को मोदी सरकार द्वारा निष्प्रभावी कर दिए जाने के बाद से जिहादी और उनके पाकिस्तानी आका इस कोशिश में लगे हैं कि ज़मीनी तौर ओर इसका कोई प्रभाव न पड़े- न जनजीवन सामान्य हो, न व्यापार और अन्य दैनिक गतिविधियाँ चालू हों, और न ही इस हिंसा के डर से बाकी के भारत से लोग वहाँ पर आ पाएँ। इसके पहले मेहराजुद्दीन की हत्या के समय भी सुरक्षा एजेंसियों ने अंदेशा जताया था कि यह हत्या जिहादियों की हड़ताल को अनसुना करने वालों को धमकी के रूप में की गई है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

जनता की समस्याएँ सुन रहे थे गिरिराज सिंह, AAP पार्षद शहज़ादुम्मा सैफी ने कर दिया हमला: दाढ़ी-टोपी का नाम ले बोले केंद्रीय मंत्री –...

शहजादुम्मा मूल रूप से बेगूसराय के लखमिनिया का रहने वाला है। वह आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता है जो वर्तमान में लखमिनिया से वार्ड पार्षद भी है।

चुनाव आयोग ने मानी बिश्नोई समाज की माँग, आगे बढ़ाई मतदान और काउंटिंग की तारीखें: जानिए क्यों राजस्थान में हर वर्ष जमा होते हैं...

बिश्नोई समाज के लोग हर वर्ष गुरु जम्भेश्वर को याद करते हुए आसोज अमावस्या मनाते है। राजस्थान के बीकानेर में वार्षिक उत्सव में भाग लेते हैं।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -