क़ानून मंत्रालय ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने के लिए सीबीआई को मंजूरी दे दी है। जाँच एजेंसी ने पिछले महीने इस मामले के सिलसिले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने के लिए केंद्र सरकार से मंज़ूरी माँगी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीआई ने मई 15, 2017 को INX मीडिया को फ़ॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) की मंज़ूरी में कथित अनियमितताओं के ख़िलाफ़ एक प्राथमिकी दर्ज की थी।
बता दें कि पी चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री (साल 2007) रहते हुए गलत तरीके से विदेशी निवेश को मंजूरी दी थी। उन्हें 600 करोड़ रुपये तक के निवेश की मंजूरी देने का अधिकार था, लेकिन यह सौदा करीब 3500 करोड़ रुपये निवेश का था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने अलग आरोप पत्र में कहा है कि कार्ति चिदंबरम के पास से मिले उपकरणों में से कई ई-मेल मिली हैं, जिनमें इस सौदे का जिक्र है। इसी मामले में पूर्व टेलिकॉम मंत्री दयानिधि मारन और उनके भाई कलानिधि मारन भी आरोपित हैं।
Law ministry Sources: Law ministry has granted sanction to the CBI to prosecute former Finance minister P Chidambaram in INX media case. (file pic) pic.twitter.com/koEBqKOesV
— ANI (@ANI) February 3, 2019
चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को इस मामले में गिरफ़्तार किया गया था। कार्ति पर आरोप है कि उन्होंने आईएनएक्स मीडिया के लिए ग़लत तरीक़े से फॉरन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मंज़ूरी ली। इसके बाद आईएनएक्स को ₹305 करोड़ का फंड मिला। इसके बदले में कार्ति को 10 लाख डॉलर की रिश्वत मिली। इसके बाद आईएनएक्स मीडिया और कार्ति से जुड़ी कंपनियों के बीच डील के तहत ₹3.5 करोड़ का लेनदेन हुआ। कार्ति पर यह भी आरोप है कि उन्होंने इंद्राणी की कंपनी के खिलाफ टैक्स का एक मामला खत्म कराने के लिए अपने पिता के रुतबे का इस्तेमाल किया।