पुलवामा हमले के बाद से ही देश के हर व्यक्ति के सीने में बदले की आग जल रही थी। हर कोई देश की सेना से और सरकार से उम्मीद लगाए बैठा था कि पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जल्द से जल्द कुछ किया जाए। ऐसे में IAF द्वारा पाकिस्तान में किए गए इस मेजर ऑपरेशन से न केवल जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि मिली है, बल्कि आम जनता के आक्रोश को भी शांति मिली है।
देश के हर नागरिक में इस समय उत्साह की लहर है। लेकिन, IAF की इस उपलब्धि के बाद एक तरफ जहाँ पाकिस्तान में हलचल मच गई, वहीं हमारे देश में भी मीडिया समुदाय के कुछ लोग हैं जो एक्शन में आ गए।
IAF के एक्शन के बाद सोशल मीडिया पर लगातार लोगों की प्रतिक्रिया देखकर इन लोगों में खलबली मचनी शुरू हो गई। IAF समेत केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी पर तो इस ‘टुकड़ी’ से कुछ बोला नहीं जा रहा है, लेकिन लोगों के पूरे मामले को तोड़-मरोड़कर अलग-अलग दिशा में दिखाने के लिए यह लोग प्रयासरत हैं।
सागरिका घोष, प्रोपेगेंडा पत्रकारिता जगत की एक बड़ी हस्ती हैं। एक तरफ जहाँ पूरा देश इस कामयाबी को सराहने में जुटा है, वहीं सागरिका ट्वीट करके सवाल दाग रही हैं कि कौन से बालाकोट में IAF द्वारा बम गिराए गए हैं? पीओके के बालाकोट में या फिर पखतूनख्वा के बालाकोट में? सागरिका अपने सवाल के लिए आधिकारिक पुष्टि का इंतजार कर रही हैं।
Which Balakot was hit, Balakot in Pakhtunkhwa or Balakot in PoK? Await official response from @IAF_MCC https://t.co/oRJh7CCNjA
— Sagarika Ghose (@sagarikaghose) February 26, 2019
इनके अलावा सोशल मीडिया पर और भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो बेतुके सवाल पैदा करके अपने फॉलोवर्स को बरगलाने की कोशिशें कर रहे हैं। मुशर्रफ ज़ैदी इसका ही उदाहरण हैं। इन्हीं के ट्वीट पर सागरिका ने अपना सवाल किया है।
The debate about which Balakot the DG ISPR mentions in his tweet needs to be resolved by him, through a clarification.
— Mosharraf Zaidi (@mosharrafzaidi) February 26, 2019
But if you look at the map, the “other” Bala Kote, in Poonch, is nowhere near Muzaffarabad, which he mentions.
Maybe there is a better explanation out there. pic.twitter.com/ry920BwTFr
कुछ दिन पहले तक जम्मू-कश्मीर के लोगों के प्रति शांति बनाए रखने की गुहार लगाते उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट के ज़रिए पाकिस्तान के पीएम इमरान खान के लिए चिंता जताई है और कहा है कि अब दिक्कत इमरान के लिए है क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले कहा था कि भारत के एक्शन लेने पर पाकिस्तान भी जवाब देगा। अपने ट्वीट में वो पूछ रहे हैं कि इस कदम की क्या प्रतिक्रिया होगी? साथ ही संशय की स्थिति में हैं कि क्या भारत को पाकिस्तान के हमले का जवाब देना चाहिए था?
The problem now becomes PM Imran Khan’s commitment to his country – “Pakistan will not think about responding, Pakistan WILL respond”. What shape will response take? Where will response be? Will India have to respond to Pakistan’s response?
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 26, 2019
अक्सर सरकार विरोधी बयानों के लिए चर्चा में रहने वाली राणा अयूब ने इस मौक़े पर पीएम मोदी पर सवाल उठाया है कि पहले मोदी गाँधी पीस अवार्ड में शामिल हुए और कुछ मिनट बाद वो चुरू में जनसभा को संबोधित करेंगे। आज के दिन राणा के इस तरह के पोस्ट को क्या समझा जाए?
This morning Modi attended the Gandhi Peace awards, in a few minutes he will address a rally in Churu with a large population of serving and ex-servicemen. Interesting choice of events for a day like today.
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) February 26, 2019
मौकापरस्ती का घोर उदाहरण पेश करने वाले शाह फैसल भी इस मौके पर चुप नहीं बैठ पाए। IAF की बड़ी कामयाबी पर अपनी राजनीति करते हुए ट्वीट करके पूछ रहे हैं कि इन सबसे कौन हार रहा है और किसे फायदा हो रहा है?
Pulwama attack:
— Shah Faesal (@shahfaesal) February 26, 2019
45 lives lost and as many families destroyed.
Targetted violence against thousands of Kashmiris.
Communal polarisation.
A near-war situation between India and Pak.
Possible electoral gains for RW forces in India.
Who lost and who gained?
राहुल गाँधी ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से एक ट्वीट किया जिसमें वो IAF के पॉयलटों को सैल्यूट कर रहे हैं। इस ट्वीट से मालूम पड़ता है कि वंशवाद की थ्योरी पर चल रही पार्टी के अध्यक्ष यही सोचते हैं कि IAF में बिना टीम के पायलट ही पूरी ऑपरेशन को मुमकिन कर आए।
?? I salute the pilots of the IAF. ??
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) February 26, 2019
बता दें इस समय सोशल मीडिया पर इस तरह के पोस्ट और ट्वीट करने वाला गिरोह पूर्ण रूप से सक्रिय हो रखा है। अपनी विचारधारा में लपेट कर इस कामयाबी पर सवालों की झड़ी लगाने वाले यह वहीं लोग हैं, जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सबूत माँगे थे। हर बार युद्ध के नाम पर अपनी कथित संवेदनाओं को जगा देने वाले तमामों लोग पुरजोर कोशिशें कर रहे हैं कि किसी भी तरह से चुनाव में सरकार को इसका फायदा न हो जाए।
If India’s claim of massive damage is correct, it’s not clear why large number of terrorists would be at a well known place whose existence Indian intelligence had publicly acknowledged–when it was clear India was likely to hit back in the wake of Pulwama. https://t.co/Eswip6uOij
— Siddharth (@svaradarajan) February 26, 2019