जब पूरा देश राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150वीं जयंती मना रहा था और तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी जा रही थी, उसी समय एक बड़ी ख़बर आई। मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्थित मेमोरियल में से महात्मा गाँधी की चिता की राख चोरी कर ली गई। इतना ही नहीं, चोरों ने उनके पोस्टर पर ‘राष्ट्रद्रोही’ भी लिख दिया। बापू के चिता की राख को लक्ष्मण बाग स्थित बापू भवन में रखा गया था, जहाँ ये घटना हुई। बापू भवन का निर्माण 1948 में किया गया था और तब से ही लक्ष्मण बाग ट्रस्ट इसकी देखभाल करता रहा है।
महात्मा गाँधी के 150वें जन्मदिवस के मौके पर जब बुधवार (अक्टूबर 2, 2019) को कॉन्ग्रेस नेता रामकृष्ण शर्मा सहित कई अन्य नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए पहुँचे, उन्होंने पाया कि वहाँ रखी गई गाँधी से जुड़ी चीजें गायब थीं और गाँधी के पोस्टर पर काले स्केच से लिखा गया था- ‘राष्ट्रदोही’। इन नेताओं ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। अज्ञात आरोपितों के ख़िलाफ़ 153-बी (राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले लांछन, प्राख्यान), धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और धारा 505 (जानबूझकर अफवाह फैलाने की कोशिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महात्मा गांधी का अस्थि कलश चोरी हुआ, तस्वीर पर अज्ञात लोगों ने लिखा राष्ट्रदोही#MahatmaGandhi pic.twitter.com/dLbWwoYavu
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कॉन्ग्रेस नेता गुरमीत सिंह उर्फ़ मंगू की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। लक्ष्मण बाग़ ट्रस्ट दशकों से कई मंदिरों, गोशाला और बगीचों का सञ्चालन करता रहा है। यह रीवा महाराज द्वारा स्थापित सबसे पुराने ट्रस्टों में से एक है। बापू भवन की देखभाल करने वाले मंगलदीप तिवारी ने बताया कि गाँधी जयंती के दिन उन्होंने सुबह ही भवन का दरवाजा खोल दिया था। जब वह दोपहर 11 बजे लौटे तो उन्होंने पाया कि गाँधीजी से जुड़ी चीजें गायब थीं।
देशभर में 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई गई, उसी दिन मध्यप्रदेश के रीवा शहर के बापू भवन में लगी महात्मा गांधी की तस्वीर पर अज्ञात लोगों ने ‘राष्ट्रदोही’ लिखने के साथ-साथ वहां रखे उनके अस्थिकलश को चुरा लिया।https://t.co/JGN82R8Det
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महात्मा गाँधी के पार्थिव शरीर की अंतिम क्रिया के बाद उनके चिता की राख को पूरे भारत में स्थित कई मेमोरियल्स में भेजा गया था और रीवा का बापू भवन उनमें से एक था। 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। नाथूराम गोडसे को 15 नवम्बर 1949 को अम्बाला सेन्ट्रल जेल में फाँसी दे दी गई थी।कॉन्ग्रेस ने दोषियों की गिरफ़्तारी जल्द न होने पर व्यापक विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। मध्य प्रदेश में फ़िलहाल मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की ही सरकार चल रही है।